5500 क्रय केंद्रों के माध्यम से गेहूँ की ऑनलाइन खरीदारी की जायेगी: सूर्य प्रताप शाही

> प्रदेश के कृषि मंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से भारत सरकार के कृषि मंत्री को लॉकडाउन के दृष्टिगत किये जा रहे कार्यों के बारे में कराया अवगत।


> प्रदेश में खाद्यान्न एवं फल, सब्जी की कोई कमी नहीं : सूर्य प्रताप शाही


> प्रदेश स्तर एवं जिला स्तर पर कन्ट्रोल स्थापित कर प्रदेशस्तर एवं अन्तर्राज्यीय आवागमन को सुगम बनाया जा रहा है : कृषि मंत्री, उ प्र


> व्यापरियों तथा आटा मिलों को यूनिफाइड लाइसेंस जारी किया जा रहा है : प्रमुख सचिव, कृषि, कृषि विपणन


> गल्ला मण्डियों में भी लागू होगी डोर टू डोर डिलीवरी : प्रमुख सचिव, कृषि, कृषि विपणन



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लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा कोरोना संक्रमण के दौरान लगाये गये लॉकडाउन में किसानों को फसल की कटाई, बुनाई य छटाई तथा अपने उत्पाद को बेचने में किसी प्रकार की कोई समस्या न हो इसके लिए व्यापक स्तर पर प्रबन्ध किये गये हैं। फसल से सम्बन्धित वाहनों के आवागमन के आदेश जारी कर आवागमन सुगम बनाया गया है। यह बातें प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने बुधवार को भारत सरकार के कृषि मंत्री के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग में बतायी। कृषि मंत्री ने बताया कि मा मुख्यमंत्री जी के द्वारा लाकडाउन के दृष्टिगत अपनी इलवन टीम के साथ रोजाना किसानों के हितों पर बैठक की जा रही है। श्री शाही ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग में बताया कि प्रदेश में डोर टू डोर होम डिलेवरी की जा रही है। फल एवं सब्जियों के लिए लगभग 40 हजार से अधिक हस्तचलित एवं मोटरवाहन लगाये गये हैं। इसी तरह खाद्यान्न एवं किराना (ग्रोसरी) की भी डोर टू डोर होम डिलेवरी की जा रही है। उन्होंने बताया कि लॉकड़ाउन के दृष्टिगत सामानो की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी पर नकेल कसने के लिए जिलों के जिलाधिकारियों के द्वारा सामानों की रेट लिस्ट निर्धारित की गयी, जिसके अनुसार ही लोगों को सामान दिया जा रहा है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए समयानुसार बाजार लगवायी जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में खाद्यान्न एवं फल, सब्जी की कोई कमी नहीं है। श्री शाही ने बताया कि प्रदेश स्तर एवं जिला स्तर पर कन्ट्रोल स्थापित कर प्रदेशस्तर एवं अन्तर्राज्यीय आवागमन को सुगम बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि की वर्ष 2020-21 की किस्त सीधे खातों में जा रही है। उन्होंने भारत सरकार के कृषि मंत्री से अनुरोध किया कि किसानों के आधार कार्ड के आधार पर प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि के तहत किसानों को लाभ दिया जाये क्योंकि किसानों के आधार कार्ड तो सही लेकिन उनके नाम में मिसमैच होने से उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। श्री शाही ने कहा कि फसल कटाई के निर्देश जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि गेहूं खरीदारी के लिए आनलाईन प्रक्रिया भी लागू की गयी है, जिसके तहत किसान आनलाईन अप्लाई कर अपने उत्पाद को बेच सकते है। उन्होंने बताया कि 5500 क्रय केंद्रों के माध्यम से खरीदारी की जायेगी। उन्होंने दलहन बीज के अनुदान की अवधि जो पहले 10 वर्ष थी उसे 08 वर्ष कर दिया गया, उसे पुनः 10 वर्ष करने का अनुरोध भारत सरकार के कृषि मंत्री से किया गया है। उन्होंने कहा कि कम्बाईड हारवेस्टर का उपयोग अधिक से अधिक करने हेतु प्रदेश एवं अन्य राज्यों के आवागमन की अनुमति दी गयी है। श्री शाही ने गेहूं खरीदारी के दृष्टिगत बोरों की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के कृषि मंत्री से अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि गेहूं क्रय केन्द्रों में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए किसानों के लिए पानी एवं अन्य प्रकार की मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। कृषि, कृषि विपणन के प्रमुख सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि व्यापरियों तथा आटा मिलों को यूनिफाइड लाइसेंस जारी किया जा रहा है, जिससे कहीं भी व्यापारी क्रय कर सकते है। उन्होंने बताया कि कई मण्डियों में सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए मण्डी रात्रि 12 से सुबह 07 बजे तक संचालित की जा रही है। उन्होंने बताया कि विभिन्न छोट-बड़े वाहनों से फुटकर में फल एवं सब्जियाँ लोगों को डोर टू डोर पहुंचाया जा रहा है। यही व्यवस्था हम गल्ला मण्डियों में भी करने जा रहें है।


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