भगवान राम हमारे लिए सबसे बड़े आइकॉन हैं, राम राज्य चलता रहे, जय श्री राम : कंगना रनौत

> मेरी लाइफ में सिर्फ मेरी ही चलती है: कंगना रनौत


> कंगना ने किया बड़ा खुलासा, 1 दिन में पीती थीं 10 से 12 सिगरेट, सिगरेट त्यागने में श्रीराम बने मार्गदर्शक।



मुम्बई (वायरल बॉलीवुड) बॉलीवुड अदाकारा कंगना रनौत ने राम नवमी के दिन अपने फैंस को शुभकामनायें दी और प्रभु श्रीराम के गुणों के बारे में बताया। कंगना ने इंस्टाग्राम पर वीडियो साझा करते हुए बताया कि क्यूँ भगवान् राम हमारे प्रेरणा स्त्रोत हैं। कंगना ने ये भी बताया कि त्याग को हम अनुकम्पा (काइंडनेस) से नहीं जोड़ सकते, इसलिए हमें रामायण को ध्यान से पढ़कर ये सीखना चाहिए कि हम उसी का त्याग कर सकते हैं जो हमारा है। कंगना ने वीडियो में कहा कि, दोस्तों आज राम लला का जन्मदिन है। ये चैत्र की नवरात्रि का जो आखिरी दिन होता है उसे राम नवमी कहते हैं। वो कृष्ण की तरह गहन नहीं हैं, वो शिव की तरह आदि और अंत नहीं हैं, फिर वह इतने महत्वपूर्ण कैसे हैं, क्या आपने कभी सोचा है ? मैं ये नहीं कहूँगी की मुझे सब पता है, पर मैं आपके साथ शेयर करना चाहूंगी कि राम हमारी सभ्यता के सबसे महत्वपूर्ण प्रतीक हैं। वो सबसे महत्वपूर्ण मानव हैं जो कभी इस पृथ्वी पर चला। श्रीराम ने उन मनुष्यों के लिए एक असाधारण प्रणाली स्थापित की है जिनकी सीमाएँ हैं। वह धर्मी पुरुष हैं, जिसने हमें एक बात सिखाई है जो है त्याग। कंगना ने बताया कि श्रीराम के त्याग के बारे में हम कबसे सुनते आ रहे हैं, सुनते सुनते इस बात का महत्व नहीं रह जाता कि त्याग क्या है। कंगना ने अपने निजी जीवन से जुड़ा एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि, मुझे यह बात तब समझ आई जब मैं 19 साल की थी और वो लम्हे फिल्म की शूटिंग कर रही थी। जिसके सीन के दौरान नर्वस हो जाती थी, नर्वस होकर मैं सिगरेट पीने लग गई थी, लोग मुझसे कहते थे कि इतनी मत पीना की तुम्हे आदत लग जाए। 6 से 7 महीने शूट के बाद आदत नहीं लगी, लेकिन हाँ, दोस्त लोग जब आ जाते थे, तब उनके साथ सिगरेट पी लेती थी। फिर मैंने रेगुलर सिगरेट पीना शुरू कर दिया, फिर दिन में 10 से 12 सिगरेट, फिर देखती थी कि जब पेरेंट्स हों साथ में तब भी प्लानिंग प्लॉटिंग करके उनके सामने नहीं लेकिन सिगरेट पीने के बहाने ढूंढ लेती थी। एकदम से बौखला जाती थी, कि सिगरेट पीना है, ऐसा लगता था मुझे किसी चीज़ ने गुलाम बना लिया हो। मैंने अपने योगा टीचर से पूछा कि लाइफ में ऐसी कोई चीज़ नहीं जिसने मुझे इस कदर कण्ट्रोल किया हो, फिर मुझे ये सिगरेट की तलब बार बार क्यों आती है। इसपर मेरे योगा टीचर बोले कि किसी भी चीज़ को कण्ट्रोल करने से आप रोक सकते हो इसके लिए त्याग को अपनाओ, जोकि राम चंद्र जी ने कहा है। मैंने कहा कि ये त्याग असल में है क्या ? फिर कंगना ने त्याग के बारे में अपनी अनुभूति के बारे में बताया कि यह वैज्ञानिक रूप से आपको एक इंसान के रूप में विकसित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है यदि आप अपनी इच्छाशक्ति पर काम करना चाहते हैं। त्याग से आप अपने करैक्टर को बिल्ड कर सकते हैं, आप अपनी ज़िन्दगी की कमान अपने हाथों में ले सकते हैं। फिर मैंने प्रेरणा लेकर धीरे धीरे स्मोकिंग छोड़ी, धीरे धीरे ऐसे दोस्त छोड़े। धीरे धीरे रिलेशनशिप में जब आप आते हैं तो लोग आपका अच्छा करने की जगह आपका बुरा करने लग जाते हैं, उनका भी त्याग किया। मेरी लाइफ में सिर्फ मेरी ही चलती है। हाँ एक समय था जब कई चीज़ें कलेक्टिवली मुझे चलाती थीं। महात्मा गाँधी का पूरा सिस्टम ही राम राज्य से प्रेरित था। चाहे भारत छोड़ो आंदोलन हो, चाहे दांडी मार्च हो, चाहे कपड़े छोड़ना हो, चाहे वो सत्याग्रह हो सबकुछ श्रीराम के राम राज्य से प्रेरित था। श्रीराम जी के कितने मंदिर हैं, कितने संग्रहालय हैं, कितनी प्रेरणा दायक कहानियां हैं फिरभी राम मंदिर के लिए हमें इतने वर्ष इंतज़ार करना पड़ा। कंगना ने श्रीराम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीराम से जो भी त्यागने को कहा गया वो उन्होंने त्यागा। उन्होंने अपना राज्य त्यागा, जब सीता मइया का अपहरण हो गया तब उन्होंने यातनाएं सहते हुए उन्हें वापस लाए, फिर जब उन्होंने देखा कि वो सीता से इतना प्रेम करते हैं कि कहीं न कहीं सीता उनकी कमज़ोरी बन गईं, उन्होंने सीता को भी वाल्मीकि आश्रम में सुरक्षित छोड़कर त्याग दिया इसके बाद स्वयं सरयू जी में समाधि लेली। मैं ये केना चाहती हूँ कि जो आपका है नहीं आप उसका त्याग नहीं कर सकते। राम महान इसलिए हैं क्योंकि वे एक महान योद्धा थे इसके बाद भी अहिंसा में विश्वास रखते थे। उन्होंने सदैव अहिंसा का मार्ग चुना। यही महानता है कि आप इतने बड़े योद्धा हैं फिर भी अहिंसा के रास्ते पर चलते हैं।  


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