किसानों से उपज एकत्रित कर सीधे उपभोक्ता को (डोर स्टेप अथवा मोबाइल सेवा से भी) विक्रय किये जाने की अनुमति

> अधिसूचित मण्डी स्थलों के साथ खाली पड़े अन्य स्थानों, शासकीय परिसरों में व्यापार की छूट।


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के निदेशक जे पी सिंह ने कहा कि अधिसूचित मण्डी स्थलों के साथ खाली पड़े अन्य सुलभ स्थानों, शासकीय परिसरों आदि में व्यापार की छूट प्रदान की गयी, ताकि मण्डी में भीड़ कम लगे। मण्डियों में सोशल डिस्टेंसिंग का समुचित पालन भी पूरी तरह से सुनिश्चित कराया जा सके। निदेशक ने बताया कि एफपीओ व एफपीसी (कृषि उत्पादन संगठन) को किसानों से उपज एकत्रित कर सीधे उपभोक्ता को (डोर स्टेप अथवा मोबाइल सेवा से भी) विक्रय किये जाने की अनुमति प्रदान कर दी गयी है, जिससे सीधे खेत से उपभोक्ता तक कृषि उत्पाद पहुंचने की सुविधा उपलब्ध हो गयी है। उन्होंने बताया है कि एफपीओ व एफपीसी (कृषि उत्पादन संगठन) को ई-नाम पोर्टल के माध्यम से किसानों के कृषि उपज को ऑनलाइन निलामी के माध्यम से कराने का अधिकार प्रदान किया गया है। श्री सिंह ने बताया कि किसानों को मण्डी में विक्रय से बचे हुए उपज को मण्डी में निःशुल्क भण्डारण की सुविधा अनुमन्य की गयी है। उन्होंने बताया कि कृषि विपणन व्यवस्था को बल प्रदान करने के लिए प्रदेश में कहीं से व्यापार करने के लिए वैध यूनिफाइड लाइसेन्सियों जैसे आईटीसी ग्रुप आदि की संचालन सम्बंधी समस्याओं का तत्काल निराकरण कराया गया है। मण्डी निदेशक ने कृषकों को यह विश्वास दिलाया कि कोविड - 19 के दौरान भी सभी मण्डी समितियां थोक व्यापार के लिए खुली हैं और उनमें मास्क, सेनेटाइजेशन एवं सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। किसान कृषि उपज को विश्वासपूर्वक उचित मूल्य पर ही मण्डी परिसर एवं अन्य शुलभ स्थानों पर विक्रय कर सकते हैं।


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