कोरोना लाॅकडाउन से प्रभावित गरीब की मदद सरकार की प्राथमिकता
卐 उप मुख्यमंत्री ने विधान भवन कार्यालय में कोरोना महामारी में जरूरतमंदों के लिए विभाग द्वारा जारी मदद पर वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
卐 मुरादाबाद में अराजक तत्वों द्वारा पुलिस, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता अभियान से जुड़े कोरोना योद्धाओं पर हमले की सूचना की श्री मौर्य ने घोर निंदा की।
लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बुधवार 15 अप्रैल को विधान भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की तथा अधिकारियों को व्यापक दिशा निर्देश दिये। उन्होंने कोरोना वैश्विक महामारी से निपटने में विभाग की भूमिका के बारे में भी चर्चा की तथा जरूरतमंदों की मदद करने के विषय में भी विस्तार से विचार विमर्श किया। उन्होंने कहा की भारत सरकार की गाइडलाइन आ गई है उसका अध्ययन किया जा रहा है और अध्ययन के बाद निर्माण समिति की बैठक होगी और उसके बाद जनता के हित में जो जरूरी होगा वह निर्माण कार्य कराए जाने पर विचार किया जाएगा और गाइडलाइन में निर्धारित दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह संबंधित निर्माणकार्यों की सूची बना लें और जैसे ही निर्माण समिति का फैसला होगा। गाइडलाइन के अनुसार निर्माण कार्य शुरू कराये जाएंगे और सोशल डिस्टेंसिग तथा लाॅकडाउन का पालन भी अनिवार्य रूप से करना होगा। उन्होंने कहा कि रोज कमाने खाने वाले लोगों को राशन व भोजन सामग्री वितरण के संबंध में लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम व राजकीय निर्माण निगम द्वारा जन सहयोग से जो कार्य किए जा रहे हैं ,वह सराहनीय हैं।उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को भोजन पैकेट व राशन सामग्री वितरण का कार्य चालू रखा जाएगा। सोशल डिस्टेन्सिग बनाए रखते हुए बैठक आहूत की गई। बैठक में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण, सचिव लोक निर्माण विभाग समीर वर्मा, रंजन कुमार, विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग आर आर सिंह, उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक यू के गहलोत सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इसके अलावा मुरादाबाद में अराजक तत्वों द्वारा पुलिस, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता अभियान से जुड़े कोरोना योद्धाओं पर हमले की सूचना पर उप मुख्यमंत्री ने घोर निंदा की। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इन सभी अराजक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करे ताकि अन्य कोई व्यक्ति इस तरह के कुकृत्य न कर सके।