कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव हेतु संक्रमित का चिन्हीकरण एवं चिकित्सीय परीक्षण आवश्यक: प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य 

> वर्तमान में पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस के सक्रमण को रोकने के उददेश्य से लॉक डाउन किया गया : अमित मोहन प्रसाद



लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से सक्रमित व्यक्ति य वह सभी व्यक्ति जो सक्रमण क्षेत्र य संक्रमित व्यक्तियों के सम्पर्क में आये हैं अथवा जो निजामुददीन दिल्ली तब्लीगी जमात सम्मेलन में शमिल हुए हों य शमिल होने वालों के सम्पर्क में आये हों व जिनको किसी भी प्रकार से संक्रमित होने की सम्भावना हो वह स्वेच्छा से बिना देरी अथवा लापरवाही किये 24 घण्टे के अन्दर अपनी चिकित्सीय जांच हेतु अपने जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी के समक्ष स्वयं प्रस्तुत हों। ऐसा न करना महामारी अधिनियम 1897 की धारा (2), (3), (4) एवं उत्तर प्रदेश महामारी कोविड - 19 विनियमावली 2020 के प्राविधानों का उल्लघंन है तथा ऐसे व्यक्तियों के विरूद्व इस अधिनियम एवं विनियमावली के संगत प्राविधानों के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही की जायेगी। यह जानकारी प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद द्वारा 09 अप्रैल, 2020 को जारी कार्यालय ज्ञाप में दी गई है। जारी कार्यालय ज्ञाप में उन्होने बताया कि वर्तमान में पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उददेश्य से लॉकडाउन किया गया है। इस संक्रमण से बचाव हेतु संक्रमित व्यक्ति का चिन्हीकरण एवं उसका नियमानुसार चिकित्सीय परीक्षण एवं उपचार आवश्यक है। इसमें थोड़ी सी भी लापरवाही होने पर इसका संक्रमण अत्यत तीव्र गति से होता है। संक्रमित व्यक्ति से कोराना वायरस परिवार समाज एवं कार्यस्थल पर साथ – साथ काम करने वाले व्यक्तियों में तीव्रता से फैलता है।


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