प्रदेश के कोविड अस्पतालों में अगले एक माह में उपलब्ध हो जाएँ 01 लाख बेड : मुख्यमंत्री

> कोविड अस्पतालों में आयुष के चिकित्सकों तथा पैरामेडिक्स का प्रशिक्षण करवाकर उनकी सेवाएं भी प्राप्त करने पर विचार किया जाए : मुख्यमंत्री


> कालाबाजारी, जमाखोरी तथा घटतौली करने वालों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रखी जाए : मुख्यमंत्री


> कम्युनिटी सर्विलांस के कार्यों में युवा वॉलेन्टियर्स की सेवाएं ली जाएं : मुख्यमंत्री


> क्वारंटीन सेन्टर तथा आश्रय स्थल में रखे गये लोगों के लिए भोजन तैयार करने में महिला स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा जाए : मुख्यमंत्री


> समस्त नोडल अधिकारी फोन पर उपलब्ध रहते हुए लोगों की दिक्कतों को सुनें एवं उनका समाधान कराएं : मुख्यमंत्री



लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एल-1, एल-2 तथा एल-3 डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों की क्षमता विस्तार करके 52 हजार बेड की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने अगले 15 दिन में 25 हजार अतिरिक्त बेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में और तैयार किये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा युद्धस्तर पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। इसके अन्तर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न श्रेणी के कोविड चिकित्सालयों में कुल 17 हजार बेड तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा कुल 35 हजार बेड तैयार किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रयास होना चाहिए कि प्रदेश के कोविड अस्पतालों में 01 लाख बेड अगले एक माह में उपलब्ध हो जाए। मुख्यमंत्री योगी बुधवार 29 अप्रैल को लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि क्षमता विस्तार की इस कार्यवाही के अन्तर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा एल-1 अस्पतालों में 10 हजार बेड, एल-2 अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुविधा सहित 05 हजार बेड तथा एल-3 अस्पतालों में वेंटिलेटर युक्त 02 हजार बेड की व्यवस्था की जाए। इसी क्रम में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा एल-1 श्रेणी के कोविड चिकित्सालयों में 20 हजार बेड, एल-2 अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुविधा सहित 10 हजार बेड तथा एल-3 अस्पतालों में वेंटिलेटर के साथ 05 हजार बेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड अस्पतालों में पूरी तरह प्रोटोकॉल का पालन करते हुए संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपाय अपनाए जाएं। कोरोना के उपचार में लगी चिकित्सा टीम को हर हाल में मेडिकल इन्फेक्शन से बचाया जाए। कोरोना से जंग में मेडिकल टीम को सुरक्षित रखना अत्यन्त आवश्यक है। इसके लिए कोविड अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में पीपीई किट्स, एन-95 मास्क की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही अस्पतालों की साफ-सफाई सुनिश्चित करते हुए लगातार सेनेटाइजेशन किया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड अस्पतालों में आयुष के चिकित्सकों तथा पैरामेडिक्स का प्रशिक्षण करवाकर उनकी सेवाएं भी प्राप्त करने पर विचार किया जाए। मुख्यमंत्री ने व्यापक स्तर पर टेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के लिए पूल टेस्टिंग को बढ़ावा दिया जाए। टेस्टिंग क्षमता को कैसे बढ़ाया जा सकता है, इस सम्बन्ध में वैश्विक स्तर पर उपलब्ध नवीनतम टेक्नोलॉजी को प्राप्त करने पर विचार किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जाए। लॉकडाउन का उल्लंघन अथवा दुरुपयोग करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। समस्त गतिविधियों में प्रत्येक दशा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को सभी आवश्यक सामग्री सुचारु रूप से प्राप्त हो। कालाबाजारी, जमाखोरी तथा घटतौली करने वालों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रखी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कम्युनिटी सर्विलांस के कार्यों में युवा वॉलेन्टियर्स विशेष रूप से युवक मंगल दल, नेहरू युवा केन्द्र, एनसीसी तथा एनएसएस के सदस्यों की सेवाएं ली जाएं। क्वारंटीन सेन्टर तथा आश्रय स्थल में रखे गये लोगों के लिए भोजन तैयार करने में महिला स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि क्वारंटीन सेन्टर तथा आश्रय स्थल में साफ-सफाई, भोजन तथा सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रहे। क्वारंटीन सेन्टर, शेल्टर होम तथा कम्युनिटी किचन के संचालन से युवा वॉलेन्टियर्स तथा आंगनबाड़ी कर्मियों को जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के इलाज में लगे स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों को कड़ी सजा दिलाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा महामारी रोग अधिनियम-1897 में संशोधन के लिए अध्यादेश लाया गया है। इस अध्यादेश के लागू होने से कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ अब प्रभावी कार्रवाई की जा सकेगी। नये कानून से स्वास्थ्य कर्मियों के मनोबल में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ अन्य कोरोना वॉरियर्स यथा स्वच्छता कर्मी, पुलिस कर्मी एवं राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 से लड़ने हेतु नामित अन्य कार्मिकों को हर हाल में सुरक्षा प्रदान की जाए। इस सम्बन्ध में प्रदेश सरकार शीघ्र ही एक अध्यादेश लाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन निगम ने अत्यन्त सराहनीय कार्य करते हुए कोटा से प्रदेश के सभी छात्र-छात्राओं को सुरक्षित उनके गन्तव्य तक पहुंचाया। कोविड-19 के दौरान विभिन्न जनपदों में भी अच्छे कार्य किये जा रहे हैं। ऐसे उल्लेखनीय कार्यों पर आधारित सक्सेज स्टोरी का प्रकाशन कराया जाए। मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों के लिए नोडल अधिकारियों के कार्यों की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिये कि समस्त नोडल अधिकारी फोन पर उपलब्ध रहते हुए लोगों की दिक्कतों को सुनें एवं उनका समाधान कराएं। उन्होंने कहा कि संस्थागत क्वारंटीन पूरी कर होम क्वारंटीन के लिए घर जाने वाले प्रवासी श्रमिकों को खाद्यान्न किट उपलब्ध कराया जाएयह सुनिश्चित किया जाए कि भरण-पोषण भत्ता सभी पात्र लोगों को उपलब्ध हो जाए। मनरेगा, ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा महिला स्वयं सहायता समूह से प्रवासी श्रमिकों को जोड़कर उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कार्य योजना तैयार की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेड जोन को ऑरेंज जोन और फिर ग्रीन जोन में परिवर्तित किया जाना है। ऑरेंज जोन तथा ग्रीन जोन में औद्योगिक गतिविधियों के सम्बन्ध में औद्योगिक विकास विभाग एक कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए सेक्टोरल नीतियों में आवश्यकतानुसार संशोधन के लिए कार्य योजना बनायी जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि निर्माण इकाइयों में सेनेटाइजिंग की अच्छी व्यवस्था हो तथा श्रमिकों के लिए सम्बन्धित इकाई द्वारा फूडिंग-लॉजिंग का प्रबन्ध भी हो। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, पुलिस महानिदेशक हितेश सी अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल एवं संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव खाद एवं रसद श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा, प्रमुख सचिव कृषि डॉ देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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