सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से ही हम कोरोना पर विजय प्राप्त कर सकेंगे: मुख्यमंत्री

> मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित किया।


> कोविड-19 के प्रभाव से बचने व रोकथाम के सम्बन्ध में मीडिया जनता को भली-भांति जागरूक कर सकता है।


> मुख्यमंत्री का मीडिया से कोरोना वायरस कोविङ–19 के सम्बन्ध में जनता को निरन्तर जागरूक करते रहने का आह्वान।



लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस कोविड-19 के प्रकोप से उत्पन्न विकट परिस्थितियों से निपटने के लिए राज्य सरकार सभी प्रयास कर रही है। लॉकडाउन को सफल बनाने में जनसहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रभाव से बचने व रोकथाम के सम्बन्ध में मीडिया जनता को भली-भांति जागरूक कर सकता है। अभी तक मीडिया ने अपना पूरा सहयोग दिया है। उन्होंने आह्वान किया कि भविष्य में भी मीडिया लोगों को जागरूक करने में अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करता रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को कोरोना वायरस कोविड-19 के विषय में पूरी तरह से जागरूक करने की आवश्यकता है। लोगों को इसकी रोकथाम के सम्बन्ध में भी विस्तृत जानकारी दी जानी चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व को भी मीडिया द्वारा लगातार रेखांकित किया जाना चाहिए, क्योंकि यह एक नयी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई इलाज सम्भव नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत कोरोना के खिलाफ प्रभावी ढंग से जंग लड़ रहा है। हमें सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से कोरोना पर हर हाल में विजय प्राप्त करनी है। वर्तमान में पूरे प्रदेश में 314 कोरोना पॉजिटिव केस हैं, जिनमें से 168 केसेज तब्लीगी जमात के हैं। इनकी वजह से पिछले 04 दिनों में प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव केसों की संख्या बढ़ी है। तब्लीगी जमात से उत्तर प्रदेश लौटने वालों का लगातार पता लगाकर उन्हें क्वॉरण्टीन किया जा रहा है। राज्य सरकार सबकी सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए निरन्तर सजग होकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 25 कोरोना पॉजिटिव लोग स्वस्थ भी हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना से लड़ने के लिए प्रदेश में आवश्यक सुविधाओं जैसे-टेस्टिंग लैब्स, क्वॉरण्टीन व आइसोलेशन वॉर्डी, कोविड अस्पतालों की स्थापना कर रही है। आज प्रदेश में 10 कोरोना टेस्टिंग लैब्स कार्यरत हैं, जिनमें 1200 तक जांचें हो रही हैं। राज्य सरकार द्वारा 6000 आइसोलेशन बेड, 12000 क्वॉरण्टीन बेड, हर जनपद में एल-1 हॉस्पिटल, 51 जनपदों में एल-2 हॉस्पिटल तथा 06 जनपदों में एल-3 हॉस्पिटल की स्थापना की गई है। इसके अलावा, अन्य आवश्यक उपकरणों जैसे-पीपीई किट्स, वेण्टीलेटर्स के साथ-साथ मास्क, सैनिटाइजर, दवाओं इत्यादि की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते प्रधानमंत्री जी द्वारा होली मिलन स्थगित किया गया था। राज्य सरकार द्वारा भी प्रदेश में सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया था। 22 मार्च, 2020 को 16 जनपदों में लॉकडाउन किया गया और 25 मार्च, 2020 से पूरे प्रदेश में लॉकडाउन किया गया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते पूरी अर्थव्यवस्था पर दबाव आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन का विपरीत प्रभाव गरीब तबके पर सबसे ज्यादा पड़ा है। इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री जी द्वारा 1.70 लाख करोड़ रुपए का गरीब कल्याण पैकेज घोषित किया गया है, जिसके तहत कोविड योद्धाओं को 03 माह के लिए 50 लाख रुपए का बीमा कवर भी मुहैया कराया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा गरीब जनता को राहत पहुंचाने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। प्रदेश के 20 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों को 1000 रुपए का भरण-पोषण भत्ता दिए जाने की कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। मनरेगा मजदूरों को 611 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। वृद्धावस्था, निराश्रित महिला, दिव्यांगजन व कुष्ठावस्था पेंशन के लाभार्थियों को 02 माह की अग्रिम पेंशन की 871 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि उनके खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर की गई है। इससे लगभग 87 लाख लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 01 अप्रैल, 2020 से अन्त्योदय कार्डधारकों, मनरेगा श्रमिकों, श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों तथा नगर विकास विभाग के अन्तर्गत दिहाड़ी मजदूरों को निःशुल्क राशन वितरित किया जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। राज्य सरकार ने ठेला, खोमचा, पल्लेदार, रिक्शा, ई-रिक्शा आदि चलाने वाले दिहाड़ी मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए उनके बैंक खातों में 1000 रुपये भेजने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की महामारी से निपटने एवं लॉकडाउन के दौरान आमजन को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने मुख्य सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में 11 कमेटियां गठित की हैं। यह कमेटियां निरन्तर कार्य कर आम जनता को राहत पहुंचाने का कार्य कर रही हैं। प्रतिदिन उनके द्वारा कार्यों की समीक्षा एवं आगे की रणनीति पर कमेटियों के अध्यक्षों के साथ विचार-विमर्श कर आवश्यक निर्देश दिए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने मीडिया से कोरोना वायरस कोविड-19 के सम्बन्ध में जनता को जागरूक करने का आह्वान करते हुए कहा कि वे लोगों को इससे निपटने के लिए आवश्यक उपायों के विषय में लगातार सूचित करें जैसे–मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना, लॉकडाउन के दौरान जो जहां पर है, वहीं बना रहे इस पर बल देना इत्यादि। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग में ही हम सबकी सुरक्षा है और इसके माध्यम से ही हम कोरोना पर विजय प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने मीडिया को अपने सुझाव यदि कोई हों, तो उन्हें लिखकर भेजने का भी अनुरोध किया। उन्होंने सभी से अनावश्यक घर से निकलने और यात्रा न करने की अपील की। मुख्यमंत्री जी ने नोएडा, वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा तथा कानपुर के विभिन्न मीडिया प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद भी किया और उनके सुझावों को सुनाउन्होंने सुझावों पर आवश्यकतानुसार शीघ्र अमल का आश्वासन भी दिया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक हितेश चन्द्र अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।


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