उ प्र सरकार द्वारा खरीद हेतु मण्डी नियमावली में सरलीकरण व छूट का निर्णय

> नोवेल कोरोना वायरस की आपदा के दृष्टिगत राज्य सरकार ने उठाया कदम।


> इस निर्णय से कृषक हित में विकेन्द्रीकृत विपणन व्यवस्था लागू की जा सकेगी।


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। नोवेल कोरोना वायरस की आपदा के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषक हित में मण्डी परिसर के बाहर विभिन्न क्रय संस्थाओं, भण्डारण व प्रसंस्करण इकाइयों द्वारा खरीद हेतु मण्डी नियमावली में सरलीकरण व छूट प्रदान की है। इसके अन्तर्गत मण्डी परिसर के बाहर कृषक समूह, कृषक उत्पादन संगठन, शीतगृह / साइलो एवं प्रसंस्करण इकाइयों आदि को सीधी खरीद हेतु मौजूदा मण्डी नियमों में छूट देने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से कृषक हित में विकेन्द्रीकृत विपणन व्यवस्था लागू की जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी नियमावली, 2019 में मण्डी उपस्थल घोषित करने तथा सीधी खरीद का लाइसेन्स देने की व्यवस्था की गई थी। मण्डी उपस्थल घोषित कराने के नियम 58-क में ऐसे सभी शीतगृह, साइलो जिनकी भण्डारण क्षमता अन्यून 5000 टन निर्धारित थी, को घटाकर अब न्यूनतम 4000 टन करते हुए मण्डी उपस्थल घोषित कराने की व्यवस्था की गई है। इससे लगभग सभी 1911 शीतगृह मण्डी उपस्थल बन सकेंगे। इसी प्रकार, 10 टन प्रति दिन की प्रसंस्करण क्षमता की इकाइयों (दाल मिल, आटा मिल, ऑयल मिल आदि) को भी मण्डी उपस्थल घोषित करने की व्यवस्था की गयी है। इससे मण्डियों में क्रय / विक्रय हेतु भीड़ नहीं लगेगी तथा किसानों को अपने उत्पादन क्षेत्र के नजदीक, उत्पाद को बेचने की सुविधा मिल सकेगी। मण्डी उपस्थल के निर्धारित लाइसेंस शुल्क 2000 रुपए प्रति वर्ष की वर्तमान वित्तीय वर्ष (2020-21) में छूट प्रदान की जा रही है। केन्द्र व राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन सरकारी, सार्वजनिक उपक्रम, निगम, सहकारिता के स्वामित्व के भण्डागार, साइलो को आवेदन के साथ शुल्क समाप्त कर दिया गया है। इसी प्रकार प्रदेश सरकार द्वारा 5 लाख रुपए बैंक प्रतिभूति के प्रविधान को भी समाप्त कर दिया गया है। केन्द्र / राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन सरकारी / सार्वजनिक उपक्रम / निगम / सहकारिता तथा वेयरहाउसिंग डवलेपमेण्ट रेगुलेटरी अथॉरिटी से पंजीकृत भण्डागार, साइलो को सरलीकृत फार्म में संयुक्त रूप से आवेदन करने की व्यवस्था की गयी है। इसी प्रकार, उद्यान विभाग से लाइसेंस प्राप्त निजी क्षेत्र के ऐसे कोल्ड स्टोरेजों / प्रसंस्करण इकाइयों को सरलीकृत फार्म में निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के माध्यम से आवेदन करने की अनुमति दी गई है तथा इनकी सत्यापन प्रक्रिया भी समाप्त कर दी गई है, क्योंकि यह पूर्व से ही लाइसेंसधारी हैं। कृषक सहकारी व कृषक उत्पादन संगठन को प्रोत्साहित करने के लिए सीधी खरीद के निर्धारित आवेदन शुल्क 1000 रुपए प्रतिवर्ष तथा 01 लाख रुपए की बैंक गारण्टी की छूट वर्तमान वित्तीय वर्ष (2020-21) में प्रदान की गई है। इस व्यवस्था के अतिरिक्त मण्डी उप स्थल तथा सीधी खरीद की आवेदन प्रकिया तथा इसके प्रपत्रों को ऑनलाइन एक्सेस पोर्टल पर करने की व्यवस्था को भी शामिल किया गया है। इन निर्णयों से कृषि उत्पाद के विपणन व्यवस्था में नोवेल कोरोना वायरस (कोविड 19) के बचाव के उपायों जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, व्यक्तिगत स्वच्छता इत्यादि का अनुपालन भी करना सरल होगा, कृषकों को उनके उत्पाद के विपणन में भी सुविधा होगी तथा मण्डियों का भीड़ रहित संचालन हो सकेगा।


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