वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में गठित 11 कमेटियां आम जनता को पहुँचा रही हैं राहत: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

> सोशल मीडिया, टेलीफोन के माध्यम से छूटे व्यक्तियों के खाते उपलब्ध कराने में सहयोग करें सांसदगण : मुख्यमंत्री


> 10 लाख से अधिक श्रमिकों के खाते में धनराशि ट्रांसफर की जा चुकी है: मुख्यमंत्री


> लाभार्थियों को 02 माह की अग्रिम पेंशन की 871 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि उनके खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर की गई: मुख्यमंत्री


> मुख्यमंत्री की सांसदगण से जरूरतमन्दों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने की अपील।


> सभी जनपदों में लेवल-1 के अस्पताल बनकर तैयार: मुख्यमंत्री


> मुख्यमंत्री ने पीपीई मैन्युफैक्चरिंग को गतिशील बनाने में सांसदगण से सहयोग का आह्वान किया।



लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रदेश से जुड़े केन्द्रीय मंत्रियों व सांसदगण के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद स्थापित किया। उन्होंने कहा कि आम जनता को कोविड-19 से बचाने तथा उनके स्वास्थ्य और सुरक्षित भविष्य के लिए लॉकडाउन आवश्यक है। उन्होंने सांसदगण से लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति में गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू योजनाओं को पात्र परिवारों तक पहुंचाने में सहयोग की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सांसदगण का आम जनता से सीधा संवाद है। राज्य सरकार ने ठेला, खोमचा, पल्लेदार, रिक्शा, ई-रिक्शा आदि चलाने वाले दिहाड़ी मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए उनके बैंक खातों में 1000 रुपये भेजने की घोषणा की है। किन्तु ऐसे अधिकतर व्यक्तियों के बैंक खाते उपलब्ध नहीं हैं। बैंक खाते प्राप्त होने पर जिला प्रशासन द्वारा उनके खाते में सीधे 1000 रुपये भेजे जा सकते हैं। उन्होंने सांसदगण से अनुरोध किया कि सोशल मीडिया, टेलीफोन आदि के माध्यम से ऐसे व्यक्तियों के खाते उपलब्ध कराने में सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन लागू होने के पश्चात अन्य राज्यों में रहकर काम करने वाले बड़ी संख्या में प्रदेशवासी राज्य में वापस आये हैं। इनमें से अधिकतर लोगों के पास राशन कार्ड उपलब्ध नहीं है। इन प्रदेशवासियों की बैंक खाता संख्या भी उपलब्ध नहीं है। उन्होंने सांसदगण से ऐसे प्रदेशवासियों के राशन कार्ड बनवाने में सहयोग करने तथा इनकी खाता संख्या प्राप्त कर जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने की अपील की, जिससे इन जरूरतमन्द लोगों को राशन उपलब्ध कराया जा सके व इनके खातों में 1000 रुपये की धनराशि भेजी जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन में गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लागू की गयी है। इसके तहत एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये का राहत पैकेज घोषित किया गया है। यह किसी भी सरकार द्वारा घोषित सबसे बड़ी राहत धनराशि है। राज्य सरकार ने भी इसी प्रकार प्रदेश के गरीबों की राहत पहुंचाने के लिए कई कदम उठाये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 20 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों को 1000 रुपये का भरण-पोषण भत्ता दिए जाने की कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। 10 लाख से अधिक श्रमिकों के खाते में धनराशि ट्रांसफर की जा चुकी है। शेष खातों में भी धनराशि भेजने की कार्यवाही की जा रही है। मनरेगा मजदूरों को 611 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। वृद्धावस्था, निराश्रित महिला, दिव्यांगजन व कुष्ठावस्था पेंशन के लाभार्थियों को 02 माह की अग्रिम पेंशन की 871 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि उनके खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर की गई है। इससे लगभग 87 लाख लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं। 1 अप्रैल, 2020 से अन्त्योदय कार्डधारकों, मनरेगा श्रमिकों, श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों तथा नगर विकास विभाग के अन्तर्गत दिहाड़ी मजदूरों को निःशुल्क राशन वितरित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की महामारी से निपटने एवं लॉकडाउन के दौरान आमजन को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने मुख्य सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में 11 कमेटियां गठित की हैं। यह कमेटियां निरन्तर कार्य कर आम जनता को राहत पहुंचाने का कार्य कर रही हैं। प्रतिदिन उनके द्वारा कार्यों की समीक्षा एवं आगे की रणनीति पर कमेटियों के अध्यक्षों के साथ विचार-विमर्श कर आवश्यक निर्देश दिये जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अन्य राज्यों के काफी लोग निवास करते हैं तथा अन्य राज्यों में भी उत्तर प्रदेश के काफी लोग रहते हैं। राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान इन सभी लोगों की समस्याओं के समाधान एवं राहत पहुंचाने के लिए 16 आईएएस व 16 आईपीएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया है। इन अधिकारियों की सूची सांसदगण को भी उपलब्ध करायी गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कोविड-19 के टेस्ट के लिए कई लैब संचालित हैं। सभी जनपदों में लेवल-1 के अस्पताल बनकर तैयार हैं। 52 जनपदों में लेवल-2 के अस्पताल स्थापित किये जा चुके हैं। यह अस्पताल सभी जनपदों में तैयार किये जाने हैं। प्रदेश में अति गम्भीर मरीजों के लिए लेवल-3 के 06 अस्पताल स्थापित किये गये हैं। राज्य सरकार द्वारा किये गये त्वरित प्रयास के कारण वर्तमान में प्रदेश में सैनिटाइजर की कोई कमी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि लॉजिस्टिक्स यथा वेंटिलेटर्स, पीपीई किट, एन 95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क आदि की मैन्युफैक्चरिंग की कार्यवाही प्रदेश में ही की जा सके, इसके लिए एक कोष का गठन किया गया है। विधायकगण व अन्य संस्थाओं द्वारा इसमें अपना योगदान भी किया जा रहा है। उन्होंने इस कार्यक्रम को गतिशील बनाने में सांसदगण से सहयोग का भी आह्वान किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी, केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डेय, केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी, केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार, केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह (सेवानिवृत्त) एवं सांसद डॉ महेश शर्मा, डॉ रीता बहुगुणा जोशी, श्री रेवती रमन सिंह, श्री रितेश पाण्डेय, श्री राम शिरोमणि वर्मा से संवाद किया।


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