भारतीय एमएसएमई और अन्य कंपनियों को अक्सर विदेशी कंपनियों से अनुचित प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा है। इसलिए, 200 करोड़ रुपये तक की सरकारी खरीद निविदाओं में ग्लोबल निविदाओं को रोक दिया जाएगा और सामान्य वित्तीय नियमों के आवश्यक संशोधन होंगे। यह सेल्फ रिलायंट भारत (आत्मनिर्भर भारत) और मेक इन इंडिया का समर्थन करने की दिशा में एक कदम होगा और इससे एमएसएमई को अपना कारोबार बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
200 करोड़ रुपये तक की वैश्विक निविदाएं