24 मई तक 154 टर्मिनेटिंग ट्रेनों और पासिंग ट्रेनों में 21 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें कानपुर सेंट्रल आईं

> 24 मई 2020 तक, 154 टर्मिनेटिंग और पासिंग ट्रेनों द्वारा उ म रे के स्टेशनों पर कुल 2 लाख 31 हज़ार 556 प्रवासियों को सुरक्षित रूप से लाया गया।


> दादरी, दनकौर, झाँसी और ललितपुर से लगभग 14000 प्रवासियों की निकासी के लिए 25 मई को चलाई गईं 09 ट्रेन।


> उ म रे ने 1.40 लाख से अधिक प्रवासियों और अन्य फंसे व्यक्तियों  के लिए दिनांक 25.05.20 तक 100 से अधिक प्रारंभिक ट्रेनें चलाई।



उत्तर मध्य रेलवे के स्टेशनों पर प्रवासियों को भोजन के पैकेट आईआरसीटीसी और उत्तर मध्य रेलवे द्वारा वितरित किये जा रहे हैं।


प्रयागराज (मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, उ म रे )। भारतीय रेल द्वारा श्रमिक विशेष ट्रेनों के परिचालन को निरंतर बढ़ाया जा रहा है और उत्तर मध्य रेलवे द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य के अंदर चलने वाली श्रमिक ट्रेनों के अतिरिक्त अन्य राज्यों से पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तर पूर्वी राज्यों की ओर जाने वाले कुल श्रमिक ट्रेनों के यातायात का एक बड़ा हिस्सा वहन किया जा रहा है। श्रमिक ट्रेनों को गंतव्य तक और खाली कोचिंग रेक को ओरिजिनेटिंग स्टेशन तक पहुंचाने के क्रम में प्रतिदिन औसतन 210 ट्रेनों का उत्तर मध्य रेलवे द्वारा परिचालन किया जा रहा है। प्रत्येक श्रमिक ट्रेन एवं खाली रेकों के सुचारु संचालन हेतु उस पर उत्तर मध्य रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मुख्यालय एवं मंडल स्तर पर सतत मॉनिटरिंग की जा रही है। यात्रियों की निकासी के लिए, सोमवार 25 मई को दादरी से मोतिहारी, दनकौर से मुज़फ़्फ़रपुर, दनकौर से मधुबनी, दादरी से अररिया, दादरी से छपरा, झाँसी से गोरखपुर, झाँसी से दीनदयाल उपाध्याय, झांसी से छपरा, और ललितपुर से गोरखपुर  के लिए कुल 09 ट्रेन चलाई गईं। इन गाड़ियों से लगभग 14400 प्रवासियों को परिवहित किया जा रहा है। इन ट्रेनों के साथ ही उत्तर मध्य रेलवे द्वारा प्रवासियों और अन्य फंसे हुए व्यक्तियों की निकासी के 100 प्रारंभिक श्रामिक विशेष रेलगाड़ियों की संख्या को पार करते हुए कुल 107 द्वारा 142649 व्यक्तियों की रवानगी सुनिश्चित की गई। 24 मई 2020 तक, 154 टर्मिनेटिंग ट्रेनों द्वारा और 31 पासिंग ट्रेनों के उत्तर मध्य रेलवे के स्टेशनों पर ठहराव के माध्यम से कुल 231556 प्रवासियों को उत्तर मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर सुरक्षित रूप से लाया गया है। इन 154 ट्रेनों को उत्तर मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों सोनभद्र (01 ट्रेन), प्रयागराज जंक्शन (52 ट्रेन), फतेहपुर (09 ट्रेन), एटा (01 ट्रेन), इटावा (02 ट्रेन) अलीगढ़ (05 ट्रेन) कानपुर (21 ट्रेनें), आगरा कैंट (06 ट्रेनें), ग्वालियर (10 ट्रेनें), झांसी (03 ट्रेन), उरई (03 ट्रेनें), बांदा (12 ट्रेन), छतरपुर (15 ट्रेन), मीरजापुर  (08  ट्रेनें) और टीकमगढ़ (04 ट्रेन) एवं चित्रकूट (01 ट्रेन) पर लाया गया। आने वाली इन ट्रेनों में साबरमती, सूरत, अहमदाबाद, पालनपुर, गोधरा, वीरमगाम, मेहसाणा, मोरबी, अंजार, नवसारी, दाहोद, वडोदरा, सुरेंद्रनगर, कन्हानगढ़, जूनागढ़,  कुरनूल,  अंकलेश्वर, बेंगलुरु, पुणे, नई दिल्ली, रेवाडी, रोहतक, गुड़गांव, फिरोजपुर, लुधियाना, थिविम, कोपरगाँव, जोधपुर, कोल्हापुर, बोरीविली, भरुच, कटरा, संबलपुर, घाटकेसर, उदयपुर, डिब्रूगढ़ इत्यादि स्थानों से प्रवासी आए हैं। उत्तर मध्य रेलवे ने अपने क्षेत्र के सभी वाटरिंग स्टेशनों पर श्रमिक विशेष ट्रेनों में कोच वाटरिंग की विस्तृत व्यवस्था की है। आईआरसीटीसी की सहायता से उत्तर मध्य रेलवे विभिन्न स्टेशनों पर सभी श्रमिक विशेष ट्रेनों में भोजन और पानी की बोतलें उपलब्ध कराना सुनिश्चित कर रहा है। भोजन और पानी के अलावा, इन ट्रेनों से यात्रा करने वाले प्रवासियों और अन्य व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता और अन्य आपातकालीन मदद भी प्रदान की जा रही है। अब तक उत्तर मध्य रेलवे के डॉक्टरों ने अन्य कर्मचारियों की मदद से 13 शिशुओं के सुरक्षित प्रसव के लिए श्रमिक विशेष गाड़ियों में यात्रा कर रही गर्भवती महिला यात्रियों को आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान की है।


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