आज के इस परिपेक्ष्य में अधिवक्ताओं को अपनानी होगी डिजिटल तकनीक

卐  ई फाइलिंग, ई हियरिंग, ई आर्गुमेंट को अपनाने हेतु वेबसाईट भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्मित वेबसाइट पर 18 हजार से अधिक अधिवक्ता पंजीकृत : न्याय मंत्री, भारत सरकार 

 

卐 निचली अदालतों में अब तक करीब 2 लाख ई ट्रायल निस्तारित हुए : रविशंकर प्रसाद 

 


 

कानपुर (का उ सम्पादन)। अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद द्वारा आयोजित प्रो एन आर माधव मेनन स्मृति व्याख्यान श्रंखला के समापन सत्र के वक्ता मा न्यायमंत्री, भारत सरकार श्री रविशंकर प्रसाद के द्वारा शनिवार 30 मई को "कोविड के बाद भारत के समक्ष विधिक और डिजिटल चुनौतियां" विषय पर सजीव प्रसारण में बहुत ही सरल व सारगर्भित शब्दों में कहा कि आज के इस परिपेक्ष्य में अधिवक्ताओं को डिजिटल तकनीक अपनानी होगी और ई फाइलिंग, ई हियरिंग ई आर्गुमेंट को अपनाना होगा, जिससे शारीरिक रूप से न्यायालयों से दूर रहा जा सके। इसके लिए एक वेबसाईट भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्मित की गई है इसमें अबतक करीब 18000 से अधिक अधिवक्ता अपना रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं। भारत की निचली अदालतों में अब तक करीब 2 लाख ई ट्रायल निस्तारित हो चुके हैं। आज जब कोरोना वायरस महामारी ने विश्व के करीब 50 देशों को जकड़ रखा है और इसकी कोई दवाई भी नही है तब भारत भी इससे अलग नही है तब प्रधानमंत्री जी के द्वारा किये गए फैसलों के पूरे भारत वासियों ने साथ दिया और सभी डॉक्टर, नर्स, पुलिस व सफाई कर्मियों का सम्मान किया। इसी कारण आज 50 बड़े देशों के मुकाबले हमारे यहाँ इस महामारी में मृत्यु दर काफी कम है। डिजिटल इंडिया पर काफी जोर देते हुए न्याय मंत्री ने कहा कि आज हम डिजिटलाइजेशन को अपना कर एक नए भारत का निर्माण कर रहे हैं और भविष्य का भारत आत्मनिर्भर डिजिटल भारत होगा। आरोग्य सेतु ऐप्प को आज साढ़े ग्यारह करोड़ लोग अपना चुके हैं जो हमारे आस पास किसी संक्रमित व्यक्ति जो कोरोना के संपर्क में होगा को तुरंत बताकर सतर्क करेगा और हम किस किस संक्रमण ग्रस्त व्यक्ति से मिले यह भी बताएगा। आज पूरा विश्व हमारी मान्यता, संस्कृति व धरोहर को अपना योग व नमस्ते कर रहा है किंतु कुछ लोग जो नकारात्मक प्रचार सोशल मीडिया पर कर रहे हैं वह समाज व देश दोनों के लिए हानिकारक है क्योंकि अपना देश प्राचीनकाल से ही वसुधैव कुटुम्बकम की संस्कृति का अनुयायी रहा है। कानून मंत्री ने टिकटॉक से दूर मित्रो एप्प अपनाने तथा स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने पर जोर दिया। अधिवक्ता परिषद के कार्यकारी प्रदेश महामंत्री अश्वनी कुमार त्रिपाठी ने बताया कि अधिवक्ता परिषद अधिवक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए ज्ञान कार्यक्रम आयोजित करता है जिससे उनमें बौद्धिक गति बनी रहे। इस लॉकडाउन में विधि का मनन नियमित रूप से नए नए विषयों पर व्यख्यान के माध्यम से देश के प्रतिष्ठित विधिवेकताओं, मा न्यायमूर्ति गणों से अधिवक्ताओं के हित में कराये जा रहे हैं। जिसके लिए मा कानून मंत्री ने अखिल भारतीय अधिवक्त परिषद का धन्यवाद भी किया। कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट बाँसुरी स्वराज ने किया। सजीव प्रसारण को क्षेत्रीय मंत्री चरण सिंह त्यागी, कार्यकारी प्रदेश महामंत्री अश्वनी कुमार त्रिपाठी, उमाशंकर गुप्ता, घनश्याम किशोर, राजेंद्र, ज्योति मिश्रा, पवन तिवारी, देवालय, ज्योति राव दुबे, अनिल दीक्षित, रामशंकर, देव नारायण, संजय शुक्ल, संगीता गुप्ता, सुशील शुक्ला, रिंकू जायसवाल, पूजा गुप्ता, मीनू सचदेवा, नीरू, राजीव, ज्ञानेश्वर मिश्रा, पुष्कर, चिन्मय, आदि अन्य अधिवक्ताओं की उपस्थिति रही।

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