आयुध निर्माणियों का निगमीकरण महासंघों के साथ धोखा और कोविड 19 की आड़ में ठगने वाला निर्णय : किला मज़दूर यूनियन कानपुर


कानपुर। केंद्र सरकार द्वारा आयुध निर्माणियों का निगमीकरण करने के ऐलान के बाद सभी रक्षा कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। ओईएफ़, फूलबाग़, कानपुर किला मज़दूर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष समीर बाजपेई ने बताया कि तीनों महासंघों कि आयुध निर्माणियों के निगमीकरण के विरोध में तीनों महासंघों आईएनडीडब्लूएफ़, एआईडीईएफ़, बीपीएमएस ने संयुक्त रूप से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर कड़ा विरोध जताते हुए निगमीकरण के फैसले को महासंघों के साथ धोखा और कोविड 19 की आड़ में ठगने वाला बताया है। किला मजदूर यूनियन के अध्यक्ष सिद्धनाथ तिवारी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष समीर बाजपेई ने कहा कि केंद्र की तानाशाह सरकार देश से पूरी तरह मजदूरों का अस्तित्व समाप्त कर देना चाहती है। इसके लिये श्रम कानूनों में बदलाव कर काम के घंटे 12 करने जा रही है। दोनों नेताओं ने कहा कि महात्मा गाँधी से लेकर तमाम वीर शहीदों ने ऐसे आजाद भारत की कल्पना नहीं की होगी। जैसा आज केंद्र सरकार कर रही है। दोनों नेताओं ने कहा कि आज केंद्र सरकार कोविड 19 की आड़ में दिया, मोमबत्ती के बहाने लोगों का ध्यान मुद्दों से भटकाकर जिस तरह आयुध निर्माणियों का निगमीकरण कर देश की सुरक्षा को खतरे में डालने की तैयारी कर रही है। उसके लिये देश की जनता केंद्र की भाजपा सरकार को कभी माफ नहीं करेगी। आयुध निर्माणियों का निगमीकरण किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जायेगा। इसके लिये हर स्तर पर संघर्ष किया जायेगा। सिद्धनाथ तिवारी, समीर बाजपेई ने देश के सभी कामगारों, मजदूरों और जनता से अपील करी कि कोरोना की आड़ लेकर मजदूर और जन विरोधी कार्य करने वाली इस केंद्र सरकार के खिलाफ सभी अपनी आवाज़ बुलंद करते हुए आन्दोलन का आगाज करें।


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