भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा म्यूचुअल फंड के लिए 50,000 करोड़ की स्पेशल लिक्विडिटी फैसिलिटी (एसएलएफ) खोलने की घोषणा
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किए गए उपाय -
नीतिगत रेपो दर पर कुल 50,000 करोड़ की राशि के लिए नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चरल एंड रूरल डेवलपमेंट) , सिडबी (स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ़ इंडिया) और एनएचबी (नेशनल हाउसिंग बैंक) को विशेष री-फाइनेंस सुविधाएं देने की घोषणा की। इन्टेंसिफाइड लिक्विडिटी प्रेशर को कम करने के लिए म्यूचुअल फंड के लिए 50,000 करोड़ की स्पेशल लिक्विडिटी फैसिलिटी (एसएलएफ) खोलने की घोषणा की। किस्तों के भुगतान और सभी सावधि ऋणों के संबंध में कार्यशील पूंजी सुविधाओं (वर्किंग कैपिटल फैसिलिटीज) पर ब्याज के भुगतान पर तीन महीने का अधिस्थगन भी आरबीआई का अहम फैसला है। मार्जिन कम करके वर्किंग कैपिटल फाइनेंसिंग में आसानी प्रदान करना और कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर में नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियों द्वारा ऋण के लिए, वाणिज्यिक परिचालन (डीसीसीओ - डेट ऑफ़ कमेंसमेंट ऑफ़ फाइनेंसियल ऑपरेशन्स) शुरू करने की तारीख के विस्तार के लिए एक वर्ष का अतिरिक्त समय दिया गया है।