जनपदों में मानसून अवधि से पूर्व जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट को अद्यतन करने की व्यवस्था कराएं जिलाधिकारी : डॉ रोशन जैकब
> जनपदों में उपलब्ध उपखनिजों का विस्तृत तकनीकी सर्वेक्षण कराकर डीसीआर तैयार की जाए : निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म
> जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार किए जाने के संबंध में डीएमएफ मद की न्यास निधि में उपलब्ध धनराशि का नियमानुसार उपयोग किये जाने हेतु जिलाधिकारियों को किया गया अधिकृत।
लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। सचिव एवं निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग उत्तर प्रदेश डॉ रोशन जैकब ने प्रदेश में खनिजों के अवैध खनन, परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण तथा मांग के अनुरूप उपखनिजों की उपलब्धता कराए जाने के संबंध में समस्त जिलाधिकारियों को व्यापक दिशा निर्देश दिए हैं। जारी दिशा - निर्देशों में उन्होंने कहा है खनिज की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने हेतु अधिकाधिक खनन पट्टा स्वीकृत किया जाना आवश्यक है। खनन निदेशालय में प्राप्त सूचना के अनुसार बालू, मौरम, गिट्टी के 46 खनन क्षेत्रों के पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र, राज्य स्तरीय पर्यावरण संघात निर्धारण प्राधिकरण द्वारा निर्गत किए जा चुके हैं तथा निकट भविष्य में खनन क्षेत्रों की अनुलम्बित ई सी प्राप्त होना संभावित है। मानसून सत्र में नदी तल के खनन पट्टों में खनन व निकासी प्रभावित होने के दृष्टिगत प्राथमिकता के आधार पर ऐसे खनन पट्टों का विलेख निष्पादित कराकर खनन संक्रिया प्रारंभ कराने की कार्रवाई करने के निर्देश डा० रोशन जैकब द्वारा सभी जिला अधिकारियों को दिए गए हैं। डॉ जैकब ने बताया कि भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा निर्गत अधिसूचनाओं के अंतर्गत पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र प्राप्त किए जाने की प्रक्रिया में डीएसआर महत्वपूर्ण अभिलेख है। डीएसआर के आधार पर ही क्षेत्रों का विज्ञापन, एल ओ आई जारी करना ई सी प्राप्त करने की कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में यह आवश्यक है कि उपयुक्त परामर्शदाता द्वारा जनपदों में उपलब्ध उपखनिजों का विस्तृत तकनीकी सर्वेक्षण कराकर डीसीआर तैयार की जाए। उन्होंने बताया कि खानों के सुव्यवस्थित विकास हेतु जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार किए जाने के संबंध में डीएमएफ मद की न्यास निधि में उपलब्ध धनराशि का नियमानुसार उपयोग किये जाने हेतु जिलाधिकारियों को अधिकृत किया गया है। डॉ रोशन जैकब ने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनपदों में मानसून अवधि से पूर्व जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट को अद्यतन करने की व्यवस्था करायी जाए।