कानपुर नगर में विशेष निगरानी की आवश्यकता : मुख्यमंत्री

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने लिया निर्णय, क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये जाएं 


> प्रदेश लौटने वाले प्रवासी कामगारों, श्रमिकों को क्वारंटीन सेन्टर भेजते हुए उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए : मुख्यमंत्री


> मुख्यमंत्री हेल्प लाइन के माध्यम से निगरानी समितियों द्वारा यह सुनिश्चित कराया जाए कि बाहरी व्यक्ति की सूचना प्रशासन के पास हो : मुख्यमंत्री


> डॉक्टरों तथा पैरामेडिकल स्टाफ को तेजी से प्रशिक्षित किया जाए : मुख्यमंत्री


> राजस्व वृद्धि के वैकल्पिक स्रोत चिन्हित करने के लिए कार्ययोजना बनायी जाए : मुख्यमंत्री



लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न राज्यों से प्रदेश वापस आ रहे प्रवासी कामगारों, श्रमिकों के लिए स्थापित क्वारंटीन सेन्टर, आश्रय स्थलों तथा कम्युनिटी किचन की व्यवस्थाओं में सम्बन्धित जिलाधिकारी को सहयोग प्रदान करने के लिए सभी 75 जनपदों में आईएएस तथा वरिष्ठ पीसीएस अधिकारियों को भेजने के निर्देश दिए हैं। यह अधिकारी सम्बन्धित मण्डलायुक्त के निर्देशन में कार्य करेंगे। इस कार्य के लिए उन्होंने ऐसे अधिकारियों को ही नामित किए जाने के निर्देश दिए जो किसी भी प्रकार से कोविड - 19 के नियन्त्रण आदि कार्यों से जुड़े नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना को हराने के लिए हर स्तर पर बेहतर कार्य करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री योगी सोमवार 4 मई को लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों से प्रदेश लौटने वाले प्रवासी कामगारों, श्रमिकों को क्वारंटीन सेन्टर भेजते हुए वहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। इसके लिए पर्याप्त संख्या में मेडिकल टीम गठित की जाएं। यह मेडिकल टीम हेल्थ चेकअप तथा स्क्रीनिंग का कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वारंटीन सेन्टर तथा शेल्टर होम में लोगों के लिए कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अलग - अलग अधिकारियों द्वारा क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन का निरीक्षण किया जाए। इनमें साफ - सफाई तथा सुरक्षा के पुख्ता इन्तजाम किए जाएं। उन्होंने कहा कि कम्युनिटी किचन पहले से ही जियो टैग हो चुके हैं। इसी क्रम में क्वारंटीन सेन्टर को भी जियो टैग किया जाए। इसका लाभ यह होगा कि राहत कन्ट्रोल रूम की वीडियो वॉल से क्वारंटीन सेन्टर की लोकेशन तथा वहां पर संचालित कार्यवाही की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। उन्होंने जिलाधिकारियों को सभी क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हेल्थ चेकअप में स्वस्थ पाये गये लोगों को 14 दिन की होम क्वारंटीन के लिए घर भेजते समय राशन किट उपलब्ध कराया जाए। निराश्रित व्यक्तियों को राशन किट के साथ 01 - 01 हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता भी दिया जाए। अस्वस्थ लोगों के उपचार की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री हेल्प लाइन के माध्यम से ग्राम प्रधानों तथा नगरों के पार्षदों से संवाद स्थापित करते हुए निगरानी समितियों के द्वारा यह सुनिश्चित कराया जाए कि कोई भी बाहरी व्यक्ति यदि चोरी - छिपे उनके क्षेत्र में आए तो वे प्रशासन को सूचित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हॉटस्पॉट में रहने वाले कर्मी अपने कार्यस्थल पर न आयें, क्योंकि ऐसे लोगों की कोरोना कैरियर बनने की सम्भावना रहती है। इसका भी ध्यान रखा जाए कि लोग अनिवार्य रूप से मास्क अथवा फेस कवर आदि पहन कर ही बाहर निकलें। बच्चों के टीकाकरण कार्य में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाए। यह भी ध्यान रखा जाए कि इस कार्य से जुड़ा पैरामेडिकल स्टाफ मास्क, ग्लव्स व सेनिटाइजर का उपयोग करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टरों तथा पैरामेडिकल स्टाफ को तेजी से प्रशिक्षित किया जाए। इमरजेन्सी सेवाएं उपलब्ध कराने वाली राजकीय एवं निजी नॉन-कोविड अस्पतालों की सूची संकलित की जाए। पूल टेस्टिंग को बढ़ावा देते हुए टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की जाए। सभी वेंटीलेटर फंक्शनल रखे जाएं। आगरा, लखनऊ, मेरठ, कानपुर नगर, मुरादाबाद, सहारनपुर, फिरोजाबाद आदि जनपदों में विशेष निगरानी की आवश्यकता है। इन जनपदों से प्रभावी संवाद बनाकर यहां की समस्याओं का निराकरण कराया जाए। मुख्यमंत्री ने लेबर रिफॉर्म पर तत्काल कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के बैंक खाता संख्या व आधार कार्ड संख्या को संकलित करने की कार्यवाही को जारी रखते हुए लाभार्थियों के खाते में भरण-पोषण भत्ते की धनराशि अन्तरित की जाए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में चीनी मिलें तथा ईंट-भट्ठा उद्योग अच्छी प्रकार संचालित हुआ। भारत सरकार की एडवायजरी के अनुरूप सुरक्षा के सभी मानकों को अपनाते हुए उद्योग धन्धों को शुरू कराया जाए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए एक वृहद एवं व्यावहारिक कार्य योजना बनायी जाए। इसके लिए आवश्यकतानुसार सेक्टोरल नीतियों में संशोधन पर भी विचार किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड - 19 से आर्थिक गतिविधियों प्रभावित हुई हैं। इसलिए राजस्व वृद्धि के वैकल्पिक स्रोत चिन्हित करने के लिए कार्ययोजना बनायी जाए। प्रवासी कामगारों तथा श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए इन्हें एक जनपद-एक उत्पाद योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा दुग्ध समितियों से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि राशन कार्ड की नेशनल पोर्टेबिलिटी योजना से प्रदेश के जुड़ जाने से यहां रह रहे महाराष्ट्र के मूल निवासियों ने खाद्यान्न प्राप्त किया है। इसी प्रकार गोवा और कर्नाटक राज्यों में प्रदेश के मूल निवासियों ने इस योजना का लाभ उठाकर वहां खाद्यान्न प्राप्त किया। उन्होंने इस योजना के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरुक करने के निर्देश दिए, ताकि वे इसका लाभ ले सकें। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, पुलिस महानिदेशक  हितेश सी अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल एवं संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव खाद एवं रसद श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा, प्रमुख सचिव कृषि डॉ देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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