मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन स्वरोजगार संगम कार्यक्रम का शुभारम्भ किया

> 56 हजार 754 उद्यमियों को 2 हजार 2 करोड़ 49 लाख रु का ऋण ऑनलाइन वितरित किया।


> वितरित किये गये ऋण से दो से ढाई लाख लोगों को रोजगार मिलेगा : मुख्यमंत्री 


> मुख्यमंत्री ने किया एमएसएमई साथी पोर्टल एवं मोबाइल एप का शुभारम्भ।


> लॉकडाउन के दृष्टिगत लाभार्थियों की सुविधा के लिए विभागीय योजनाओं को मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन किया।


> मुख्यमंत्री ने जनपद गौतमबुद्ध नगर के तथा झांसी के लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया।


> लोकल से ग्लोबल बनने की क्षमता वाली काफी चीज़ें उत्तर प्रदेश में मौजूद : मुख्यमंत्री


> मुख्यमंत्री ने एसएलबीसी के पदाधिकारियों, बैंकर्स कमेटी और एमएसएमई विभाग से जुड़े सभी अधिकारियों को बधाई दी।


उत्तर प्रदेश के प्रत्येक प्रोडक्ट को बौद्धिक सम्पदा के दायरे में लाकर प्रदेश सरकार उसे प्रोत्साहित करेगी : मुख्यमंत्री



लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार 15 मई को अपने सरकारी आवास पर ऑनलाइन स्वरोजगार संगम कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 56 हजार 754 उद्यमियों को 2 हजार 2 करोड़ 49 लाख रुपये का ऋण ऑनलाइन वितरित किया। मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन के दृष्टिगत लाभार्थियों की सुविधा के लिए विभागीय योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, एक जनपद, एक उत्पाद योजना तथा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना को भी ऑनलाइन किया। उन्होंने एमएसएमई साथी पोर्टल एवं मोबाइल एप का शुभारम्भ भी किया। मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि कोविड - 19 से उपजे हालात का सफलतापूर्वक सामना करने के उद्देश्य से आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री जी तथा केन्द्रीय वित्त मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा एमएसएमई सेक्टर हेतु 03 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है। इसके माध्यम से देश व प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर सुदृढ़ होगा। देश न केवल कोविड - 19 वैश्विक महामारी से उबरने में सफल होगा, बल्कि आत्मनिर्भर, स्वावलम्बी व सशक्त भारत के रूप में दुनिया में बड़ी आर्थिक शक्ति बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि उद्यमियों को आज वितरित किये गये ऋण से दो से ढाई लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने श्रीमती श्वेता सिन्हा, श्रीमती शोभा देवी, श्रीमती डिम्पल त्रिवेदी, श्री अरुण प्रताप सिंह, श्रीमती रबजीत कौर, सुश्री मीनू वर्मा, सुश्री पूजा वर्मा, सुश्री स्वाती जैन तथा सुश्री अंजना शुक्ला को अपने हाथों से चेक प्रदान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद गौतमबुद्ध नगर के लाभार्थी मनीष कुमार तथा झांसी की सुश्री उदिता गुप्ता को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद स्थापित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने मेक इन इण्डिया को सदैव प्रोत्साहित किया है। लोकल को ग्लोबल बनाकर ही भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से ही प्रदेश में एक जनपद, एक उत्पाद योजना लागू की गयी। उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की बहुत सारी चीजें हैं, जिनमें केवल लोकल ही नहीं बल्कि ग्लोबल बनने की क्षमता है। हमें अपनी चीजों को समय के अनुसार नई तकनीक एवं नई डिजाइन के साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि 2020 के यूनियन बजट में भी भारत सरकार ने एक जनपद, एक उत्पाद के लिए धन की व्यवस्था की तथा राज्यों से कहा कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अपने यहां के लोकल प्रोडक्ट को प्रमोट करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में रोजगार की संभावनाओं को विकसित किये जाने की आवश्यकता है, क्योंकि वैश्विक महामारी कोविड 19 के कारण राज्य में 20 से 25 लाख प्रवासी श्रमिक प्रदेश में वापस आ रहे हैं। इन्हें बड़ी संख्या में एमएसएमई सेक्टर के माध्यम से रोजगार दिया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने एसएलबीसी के पदाधिकारियों, बैंकर्स कमेटी और एमएसएमई विभाग से जुड़े सभी अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि गोरखपुर के टेराकोटा को जीआई प्रोडक्ट में शामिल किया गया है। उसे बौद्धिक सम्पदा का अधिकार प्राप्त होने के बाद, वैश्विक मान्यता प्राप्त होगी। इसी प्रकार, उत्तर प्रदेश के प्रत्येक प्रोडक्ट को बौद्धिक सम्पदा के दायरे में लाकर प्रदेश सरकार उसे प्रोत्साहित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में कोविड 19 के लिए एल 1, एल 2 व एल 3 के 55,000 बेड उपलब्ध कराये जा चुके हैं। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में वेंटिलेटर्स उपलब्ध हैं। सैनिटाइजर की कमी को दूर करने में प्रदेश के आबकारी व गन्ना विभाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। इसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश सैनिटाइजर की आपूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि पीपीई किट, एन 95 मास्क तथा वेंटिलेटर्स जैसे चिकित्सीय उपकरण भी अब प्रदेश में बनने लगे हैं। ज्ञातव्य है कि एमएसएमई साथी पोर्टल पर कोई भी उद्यमी अपनी समस्या दर्ज कर सकता है। उनकी समस्याएं सम्बन्धित विभाग यथा श्रम, विद्युत, जीएसटी, बैंक, प्रदूषण नियंत्रण, स्थानीय निकाय आदि विभागों को पोर्टल के माध्यम से निस्तारण हेतु अग्रसारित की जाएंगी। एमएसएमई विभाग द्वारा इस समस्त निस्तारण प्रक्रिया का समन्वय किया जाएगा। आवेदक उद्यमियों को अपनी समस्याओं के निराकरण आवेदनों के स्टेटस आदि के सम्बन्ध में रियल टाइम प्रगति अपने फोन पर ही प्राप्त कर सकेंगे। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार विश्वव्यापी महामारी कोविड 19 में भी सम्भावनाओं को तलाश रही है। इसके दृष्टिगत एमएसएमई सेक्टर के उद्यमियों को ऋण वितरित किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री  एस पी गोयल, सूचना निदेशक शिशिर सहित विभिन्न बैंकों के पदाधिकारी उपस्थित थे।


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