नोडल अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने दिए, सहारनपुर तथा मुरादाबाद में टेस्टिंग लैब क्रियाशील करने के निर्देश

> जनपदों में वरिष्ठ अधिकारियों के कैम्प करने से स्थिति में सकारात्मक रूप से परिवर्तन हुआ : योगी आदित्यनाथ


> विभिन्न राज्यों से ट्रेन द्वारा बड़ी संख्या में वापस आने वाले प्रवासी श्रमिकों को व्यवस्थित ढंग से क्वारंटीन सेण्टर भेजा जाए : मुख्यमंत्री


> स्वास्थ्य परीक्षण में किसी कामगार अथवा श्रमिक में कोविड-19 के लक्षण पाए जाने पर उन्हें अस्पताल भेजा जाए : मुख्यमंत्री


> जिन बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं आदि में कोविड-19 के लक्षण मिलें, उन्हें एल-2 अथवा एल-3 अस्पतालों में भेजा जाए : मुख्यमंत्री


> एल-2 कोविड अस्पताल के प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए : मुख्यमंत्री



लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार 2 मई को अपने सरकारी आवास पर कोविड-19 से प्रभावित जनपदों में तैनात किए गए नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों से इन जनपदों में कोविड-19 के प्रसार के नियंत्रण हेतु की गई कार्यवाही, लॉकडाउन के पालन, कम्युनिटी किचन के संचालन, खाद्यान्न वितरण आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। ज्ञातव्य है कि 19 जनपदों के लिए वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है। मुख्यमंत्री ने नोडल अधिकारियों को निरन्तर अपने जनपद के सम्पर्क में रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपदों में वरिष्ठ अधिकारियों के कैम्प करने से स्थिति में सकारात्मक रूप से परिवर्तन हुआ है। सभी जनपदों में कार्यरत अधिकारियों के टीम भावना के साथ कार्य किए जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि समन्वित प्रयासों से बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 04 मई, 2020 से लॉकडाउन का तीसरा चरण प्रारम्भ हो जाएगा। आगामी सप्ताह विभिन्न राज्यों से ट्रेन द्वारा बड़ी संख्या में वापस आने वाले प्रवासी कामगार व श्रमिकों को व्यवस्थित ढंग से क्वारंटीन सेण्टर भेजा जाए। यह कार्य सुव्यवस्थित ढंग से सम्पन्न कराने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जाए। राज्य सरकार ने लगभग 10 लाख की क्षमता के क्वारंटीन सेण्टर की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वापस आए कामगारों व श्रमिकों को क्वारंटीन सेण्टर में रखकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। स्वस्थ पाए जाने वाले कामगारों और श्रमिकों को 14 दिन की होम क्वारंटीन के लिए उनके घर भेजे जाने से पूर्व, राशन की किट उपलब्ध करायी जाए। क्वारंटीन सेण्टर में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाए। कामगारों व श्रमिकों के रहने-खाने की समुचित व्यवस्था की जाए। स्वास्थ्य परीक्षण में किसी कामगार अथवा श्रमिक में कोविड-19 के लक्षण पाए जाने पर उन्हें अस्पताल भेजा जाए। जिन बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं आदि में कोविड-19 के लक्षण मिलें, उन्हें एल-2 अथवा एल-3 अस्पतालों में भेजा जाए, जिससे उनकी समुचित चिकित्सा हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनपदों में कोविड एवं नॉन कोविड अस्पतालों को चिन्हित करते हुए नॉन कोविड चिकित्सालयों में इमरजेंसी सेवाएं प्रारम्भ किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इमरजेंसी सेवाओं के संचालन के पूर्व यह सुनिश्चित किया जाए कि इन चिकित्सालयों के कर्मियों को मेडिकल इंफेक्शन से बचाव का प्रशिक्षण प्रदान करते हुए अस्पतालों में संक्रमण से सुरक्षा सम्बन्धी सभी उपाय लागू हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि टेस्टिंग लैब में प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। प्रत्येक जिलाधिकारी कोरोना उपचार में लगी मेडिकल टीम की अनिवार्य क्वारंटीन व्यवस्था का निरीक्षण करें। एल-2 कोविड अस्पताल के प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से आधा प्रतिशत रोगियों को वेन्टिलेटर की आवश्यकता होती है। इसके दृष्टिगत इन चिकित्सालयों में 20 से 25 बेड पर वेन्टिलेटर की व्यवस्था की जाए। उन्होंने जनपद सहारनपुर तथा मुरादाबाद में टेस्टिंग लैब क्रियाशील करने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक हितेश चन्द्र अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल व संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


Popular posts from this blog

उ0प्र0 सरकारी सेवक (पदोन्नति द्वारा भर्ती के लिए मानदण्ड) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2019 के प्रख्यापन को मंजूरी

उ प्र सहकारी संग्रह निधि और अमीन तथा अन्य कर्मचारी सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2020 प्रख्यापित

कोतवाली में मादा बंदर ने जन्मा बच्चा