प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में असंतृप्त अवस्थापना सुविधाओं को अभियान चलाकर संतृप्त किया जाना सुनिश्चित किया जाए : मुख्य सचिव

> मुख्य सचिव ने समस्त जिलाधिकारियों को परिपत्र के माध्यम से दिए निर्देश।


> प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं को समयबद्ध रूप से संतृप्त कराते हुए तत्काल निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाए : मुख्य सचिव


> सामाजिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए प्रवासी दिहाड़ी मजूदरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराए जाएं : राजेन्द्र कुमार तिवारी


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिए हैं कि देशव्यापी महामारी कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश के समस्त परिषदीय विद्यालयों में ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत ग्राम पंचायत की निधि का उपयोग करते हुए मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं को संतृप्त कराया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि परिषदीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं हेतु जिला खनिज निधि का प्रमुखता से उपयोग सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के आंकलन व मूल्यांकन के आधार पर विद्यालयों की ग्रेडिंग एवं जनपदों की रैंकिग भी की जाए। उन्होंने निर्देश दिए प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं को समयबद्ध रूप से संतृप्त कराते हुए तत्काल निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाए। मुख्य सचिव ने यह निर्देश समस्त जिलाधिकारियों को परिपत्र के माध्यम से दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश के समस्त परिषदीय विद्यालयों में प्रथम चरण के अन्तर्गत शुद्ध एवं स्वच्छ पेयजल, बालक-बालिकाओं के लिए पृथक-पृथक शौचालय एवं मूत्रालय, शौचालय एवं मूत्रालय में नल-जल की आपूर्ति एवं टाइलीकरण, दिव्यांग सुलभ शौचालय, मल्टीपल हैन्ड वाशिंग यूनिट, कक्षा-कक्ष के फर्श का टाइलीकरण, श्याम–पट्ट एवं रसोईघर, विद्यालय की समुचित रंगाई-पुताई, विद्यालय परिसर में दिव्यांग सुलभ रैम्प एवं रेलिंग, कक्षा-कक्ष में क्रियाशील विद्युत संयोजन के साथ उपयुक्त वायरिंग एवं आवश्यक विद्युत उपकरणों सहित अन्य आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं की समुचित व्यवस्था कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि माह जनवरी-फरवरी, 2020 में प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कराये गये स्थलीय सर्वेक्षण से प्राप्त तथ्यों के आधार पर असंतृप्त अवस्थापना सुविधाओं को अभियान चलाकर संतृप्त किया जाना सुनिश्चित किया जाए। श्री तिवारी ने बताया कि कोविड-19 की महामारी एवं देशव्यापी लॉकडाउन को दृष्टिगत रखते हुए विभिन्न राज्यों से आये प्रवासी मजदूरों एवं मिस्त्रियों के द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों, ग्रामों एवं पंचायतों में निवास किया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत परिषदीय विद्यालयों को आवश्यक मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त किये जाने हेतु सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए प्रवासी दिहाड़ी मजूदरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन के दृष्टिगत व्यावसायिक, आर्थिक एवं सामाजिक गतिविधियों का संचालन बाधित होने के कारण प्रवासी दिहाड़ी मजूदरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार अवसर प्रदान किया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार मजूदरो एवं मिस्त्रियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार प्राप्त होने के साथ-साथ प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में भी आवश्यक सुधार होगा।


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