प्रदेश में पहली बार राशन कार्ड की नेशनल पोर्टेबिलिटी का कार्य प्रारम्भ हुआ : एसीएस गृह एवं सूचना
गुजरात और महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक, केरल एवं पंजाब सहित अन्य प्रदेशों से भी प्रवासी मजदूरों को लाने की कवायद जारी
> प्रदेश वापस आ रहे प्रवासियों के लिए जनपदों में ऐसे अधिकारियों को नामित किया जाए जो कोविड - 19 नियन्त्रण कार्यों से जुड़े न हों : एसीएस गृह एवं सूचना
> प्रदेश लौटने वाले प्रवासी कामगारों, श्रमिकों को क्वारंटीन सेन्टर भेजते हुए वहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए : एसीएस गृह एवं सूचना
> अब तक 50 हजार से अधिक प्रवासी कामगारों एवं छात्र - छात्राओं को प्रदेश में वापस लाया गया : एसीएस गृह एवं सूचना
> गुजरात से 05 ट्रेन, महाराष्ट्र से 02 ट्रेन प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों को लेकर आ रही हैं : एसीएस गृह एवं सूचना
> सभी जिलाधिकारी क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करें : एसीएस गृह एवं सूचना
> जिस प्रकार से कम्युनिटी किचन को जियो टैग किया गया है उसी प्रकार क्वारंटीन सेन्टर की भी जियो टैगिंग की जाए : एसीएस गृह एवं सूचना
> बच्चों के टीकाकरण कार्य से जुड़े पैरामेडिकल स्टाफ मास्क, ग्लव्स व सेनिटाइजर का उपयोग अवश्य करें : एसीएस गृह एवं सूचना
> प्रदेश के 64 जिलों से 2,742 कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आए : प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य
> कोविड - 19 के संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण के लिए निरन्तर सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा : प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य
लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने सोमवार 4 मई को यहां लोक भवन मीडिया सेन्टर में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी ने विभिन्न राज्यों से प्रदेश वापस आ रहे प्रवासी कामगारों, श्रमिकों के लिए स्थापित क्वारंटीन सेन्टर, आश्रय स्थलों तथा कम्युनिटी किचन की व्यवस्थाओं में सम्बन्धित जिलाधिकारी को सहयोग प्रदान करने के लिए सभी 75 जनपदों में आईएएस तथा वरिष्ठ पीसीएस अधिकारियों को भेजने के निर्देश दिए हैं। यह अधिकारी सम्बन्धित मण्डलायुक्त के निर्देशन में कार्य करेंगे। इस कार्य के लिए उन्होंने ऐसे अधिकारियों को ही नामित किए जाने के निर्देश दिए हैं जो किसी भी प्रकार से कोविड - 19 के नियन्त्रण आदि कार्यों से जुड़े नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि विभिन्न राज्यों से प्रदेश लौटने वाले प्रवासी कामगारों, श्रमिकों को क्वारंटीन सेन्टर भेजते हुए वहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। इसके लिए पर्याप्त संख्या में मेडिकल टीम गठित की जाएं जो हेल्थ चेकअप तथा स्क्रीनिंग का कार्य करेगी। हेल्थ चेकअप में स्वस्थ पाये गये लोगों को 14 दिन की होम क्वारंटीन के लिए घर भेजते समय राशन किट उपलब्ध कराया जाएनिराश्रित व्यक्तियों को राशन किट के साथ 01 - 01 हजार रुपए का भरण - पोषण भत्ता भी दिया जाए। अस्वस्थ लोगों के उपचार की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री हेल्प लाइन के माध्यम से ग्राम प्रधानों तथा नगरों के पार्षदों से संवाद स्थापित करते हुए निगरानी समितियों के द्वारा यह सुनिश्चित कराया जाए कि कोई भी बाहरी व्यक्ति यदि चोरी - छिपे उनके क्षेत्र में आए तो वे प्रशासन को सूचित करें। श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में अब तक 50 हजार से अधिक प्रवासी कामगारों एवं छात्र - छात्राओं को प्रदेश में वापस लाया गया। प्रयागराज में रह रहे लगभग 15 हजार छात्र-छात्राओं को उनके विभिन्न गृह जनपदों में भेजा गया। उन्होंने बताया कि गुजरात से प्रवासी कामगारों को लेकर 02 ट्रेन आ चुकी हैं तथा 05 ट्रेन आ रही हैं। इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र से 02 ट्रेन लगभग 2300 प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों को लेकर आ चुकी हैं तथा 02 ट्रेन नागपुर एवं अमरावती से आ रही हैं। कर्नाटक, केरल एवं पंजाब सहित अन्य प्रदेशों से भी प्रवासी मजदूरों को लाने की कार्यवाही की जा रही है। श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि क्वारंटीन सेन्टर तथा शेल्टर होम में लोगों के लिए कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अलग - अलग अधिकारियों द्वारा क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन का निरीक्षण किया जाए। इनमें साफ - सफाई तथा सुरक्षा के पुख्ता इन्तजाम किए जाएं। उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार से कम्युनिटी किचन को जियो टैग किया गया है उसी प्रकार क्वारंटीन सेन्टर की भी जियो टैगिंग की जाए। इसका लाभ यह होगा कि राहत कन्ट्रोल रूम की वीडियो वॉल से क्वारंटीन सेन्टर की लोकेशन तथा वहां पर संचालित कार्यवाही की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी जिलाधिकारी क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि हॉटस्पॉट में रहने वाले कर्मी अपने कार्य स्थल पर न आयें, क्योंकि ऐसे लोगों की कोरोना कैरियर बनने की सम्भावना रहती है। इसका भी ध्यान रखा जाए कि लोग अनिवार्य रूप से मास्क अथवा फेस कवर आदि पहन कर ही बाहर निकलें। बच्चों के टीकाकरण कार्य में सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ - साथ इस कार्य से जुड़े पैरामेडिकल स्टाफ मास्क, ग्लव्स व सेनिटाइजर का उपयोग अवश्य करें। डॉक्टरों तथा पैरामेडिकल स्टाफ को तेजी से प्रशिक्षित किया जाए। इमरजेन्सी सेवाएं उपलब्ध कराने वाली राजकीय एवं निजी नॉन - कोविड अस्पतालों की सूची संकलित की जाए। पूल टेस्टिंग को बढ़ावा देते हुए टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि की जाए। सभी वेंटीलेटर फंक्शनल रखे जाएं। आगरा, लखनऊ, मेरठ, कानपुर नगर, मुरादाबाद, सहारनपुर, फिरोजाबाद आदि जनपदों में विशेष निगरानी की आवश्यकता है। इन जनपदों से प्रभावी संवाद बनाकर यहां की समस्याओं का निराकरण कराया जाए। श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने लेबर रिफॉर्म पर तत्काल कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि श्रमिकों के बैंक खाता संख्या व आधार कार्ड संख्या को संकलित करने की कार्यवाही को जारी रखते हुए लाभार्थियों के खाते में भरण - पोषण भत्ते की धनराशि अन्तरित की जाए। भारत सरकार की एडवायजरी के अनुरूप सुरक्षा के सभी मानकों को अपनाते हुए उद्योग धन्धों को शुरू कराया जाए। लॉकडाउन के बाद प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए एक वृहद एवं व्यावहारिक कार्य योजना बनायी जाए। इसके लिए आवश्यकतानुसार सेक्टोरल नीतियों में संशोधन पर भी विचार किया जाए। कोविड 19 से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं, इसलिए राजस्व वृद्धि के वैकल्पिक स्रोत चिन्हित करने के लिए कार्ययोजना बनायी जाए। प्रवासी कामगारों तथा श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए इन्हें एक जनपद-एक उत्पाद योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा दुग्ध समितियों से जोड़ा जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहली बार राशन कार्ड की नेशनल पोर्टेबिलिटी का कार्य प्रारम्भ हो गया है। राशन कार्ड की नेशनल पोर्टेबिलिटी योजना से प्रदेश के जुड़ जाने से यहां रह रहे महाराष्ट्र के मूल निवासियों ने खाद्यान्न प्राप्त किया है। इसी प्रकार गोवा और कर्नाटक राज्यों में प्रदेश के मूल निवासियों ने इस योजना का लाभ उठाकर वहां खाद्यान्न प्राप्त किया। नेशनल पोर्टेबिलिटी से अन्तर्जनपदीय तथा जनपद में किसी भी दुकान से राशन कार्डधारक राशन खरीद सकता है। उन्होंने इस योजना के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरुक करने के निर्देश दिए, ताकि वे इसका लाभ ले सकें। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के 59 जनपदों में 1939 मामले एक्टिव हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 758 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। अब तक प्रदेश के 64 जिलों से 2,742 कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि कल 289 पूल टेस्ट के माध्यम से 1397 सैम्पल टेस्ट किये गये, जिनमें 15 पूल पॉजिटिव पाये गये। 2,024 लोगों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है तथा 11,049 लोगों को फैसिलिटी क्वारेंटाइन में रखा गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड - 19 के संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण के लिए निरन्तर सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 50,193 सर्विलांस टीमों द्वारा 43,56,923 घरों में रह रहे 2,16,78,495 लोगों का सर्वेक्षण किया गया।