सार्वजनिक स्थान पर मास्क, गमछा, रूमाल या दुपट्टा अथवा स्कार्फ न पहनने पर या थूकने पर अब लगेगा जुर्माना


लखनऊ। उत्तर प्रदेश शासन चिकित्सा अनुभाग - 5 द्वारा महामारी अधिनियम, 1897 (अधिनियम संख्या 3 सन् 1897) की धारा 2 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके राज्यपाल, उत्तर प्रदेश महामारी कोविङ 19 विनियमावली, 2020 को संशोधित करने की दृष्टि से निम्नलिखित विनियमावली बनाती हैं। जिक्स टाइटल उत्तर प्रदेश महामारी कोविड 19 (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2020 में परिवर्तित हुआ है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने उत्तर प्रदेश महामारी कोविङ 19 विनियमावली, 2020 में नीचे स्तम्भ - 1 में विनियम 15 का दिए गए विद्यमान विनियम 15 के स्थान पर स्तम्भ - 2 में दिया गया विनियम संशोधन रख दिया जाएगा, अर्थात: किसी व्यक्ति द्वारा किसी सार्वजनिक स्थान पर अथवा घर से बाहर मुखावरण (मास्क), गमछा, रूमाल या दुपट्टा अथवा स्कार्फ न पहनने पर या थूकने पर उसे निम्नलिखित जुर्माना से दण्डित किया जायेगा। (1) प्रथम एवं द्वितीय बार के लिए जुर्माना रू.100 (सौ रुपए मात्र); (2) तृतीय बार तथा प्रत्येक अनुवर्ती बार के लिए जुर्माना रु 500 (पांच सौ रुपए मात्र)। ऐसे व्यक्ति, जो कोविङ 19 से पीड़ित न हो, द्वारा लॉकडाउन का उल्लंघन किये जाने पर उसे जुर्माना से दण्डित किया जायेगा जिसमें (1) प्रथम बार के लिए न्यूनतम जुर्माना रु 100 (सौ रुपए मात्र), जो रु 500 (पांच सौ रुपए मात्र) तक हो सकता है; (2) द्वितीय बार के लिए जुर्माना रु 500 (पांच सौ रुपए मात्र), जो रु 1000 (एक हजार रुपए मात्र) तक हो सकता है; (3) द्वितीय बार के पश्चात् प्रत्येक उल्लंघन या पुनरावृत्ति के लिये जुर्माना रु 1000 (एक हजार रुपए मात्र)। दुपहिया वाहन पर पिछली सीट पर यात्रा करने पर (1) प्रथम बार के लिये जुर्माना रुपए 250 (दौ सौ पचास रूपये मात्र); (2) द्वितीय बार के लिये जुर्माना रुपए 500 (पांच सौ रूपये मात्र); (3) तृतीय बार के लिये जुर्माना रुपए 1000 (एक हजार रूपये मात्र) (4) तृतीय बार के पश्चात् वाहन चलाने का लाईसेंस निरस्त किया जाना अथवा निलम्बित किये जाने के प्रावधान हैं। परंतु कार्यपालक मजिस्ट्रेट की अनुमति लेकर अति आवश्यक परिस्थितियों _ में, दुपहिया वाहन पर दो व्यक्ति उस दशा म यात्रा कर सकेंगे कि पीछे बैठे व्यक्ति, को हेलमेट, जिससे पूरा चेहरा ढकता हो, के अतिरिक्त मुखावरण एवं ग्लब्स भी लगाना होगा। इन समस्त मामलों में जर्माना प्रशमित किए जाने की शक्ति, सम्बन्धित wmvoDadd न्यायालय या कार्यपालक मजिस्ट्रेट या ऐसे पुलिस अधिकारी, जो चालान करने वाले पुलिस अधिकारी की श्रेणी से ऊपर का हो किन्तु निरीक्षक की श्रेणी से नीचे का न हो, में निहित होगी।


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