समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने लिया निर्णय, कोरोना मरीजों का अध्ययन करते हुए रोगियों की केस हिस्ट्री तैयार करें मुख्य चिकित्सा अधिकारी

टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के लिए पूल टेस्टिंग प्रक्रिया को सतत जारी रखा जाए : मुख्यमंत्री


> विभिन्न राज्यों से वापस आ रहे प्रवासी कामगारों, श्रमिकों की जनपदवार सूची सम्बन्धित जिलाधिकारी को कराई जाए उपलब्ध : मुख्यमंत्री


> बाहर से आने वालों के लिए संचालित क्वारंटीन सेन्टर, आश्रय स्थल पर स्वच्छता व सुरक्षा के पर्याप्त प्रबन्ध किए जाएं : मुख्यमंत्री


> जनसुनवाई पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई पंजीयन व्यवस्था का अच्छा रिस्पॉन्स प्राप्त हो रहा है : मुख्यमंत्री


> मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जनपद में क्षेत्र चयनित करते हुए सभी उपलब्ध फायर वाहनों से सेनिटाइजेशन कराने के निर्देश दिए।


> बैठक में मुख्यमंत्री को कराया अवगत, प्रत्येक जनपद में वेंटिलेटर युक्त बेड की व्यवस्था भी हो चुकी है।


> गौ आश्रय स्थलों में चारे की व्यवस्था के लिए भूसा बैंक के स्थापना कार्य को गति दी जाए : मुख्यमंत्री



लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में सभी प्रवासी कामगारों, श्रमिकों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाए। प्रवासी कामगारों, श्रमिकों की प्रदेश में सकुशल वापसी तथा प्रदेश में निवासित दूसरे राज्यों के कामगारों, श्रमिकों की सम्बन्धित राज्य में सकुशल वापसी के लिए बेहतर संवाद को आगे बढ़ाया जाए। मुख्यमंत्री योगी आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि लॉकडाउन को पूरी सख्ती के साथ लागू किया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग का प्रत्येक दशा में पालन सुनिश्चित कराया जाए। हॉटस्पॉट क्षेत्रों में स्वास्थ्य, सेनिटाइजेशन तथा डोर स्टेप डिलीवरी टीमों के अतिरिक्त कोई अन्य न जाने पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी प्रवासी कामगारों, श्रमिकों की प्रदेश में सुरक्षित वापसी के लिए कार्य कर रही है। इसके लिए सम्बन्धित राज्य सरकारों से ऐसे प्रवासियों की सूची प्राप्त की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी अवैध रूप से प्रदेश में न आने पाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभिन्न राज्यों से वापस आ रहे प्रवासी कामगारों, श्रमिकों की जनपदवार सूची सम्बन्धित जिलाधिकारी को उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विभिन्न राज्यों से प्रवासी कामगारों, श्रमिकों को लेकर सर्वाधिक ट्रेनें पहुंची हैं। रेल यात्रा के पश्चात प्रवासियों को उनके गृह जनपद पहुंचाने के लिए परिवहन निगम की बस का प्रयोग किया जाए। बाहर से आने वालों के लिए संचालित क्वारंटीन सेन्टर, आश्रय स्थल पर स्वच्छता व सुरक्षा के पर्याप्त प्रबन्ध किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में अव्यवस्था न उत्पन्न हो। कम्युनिटी किचन के माध्यम से गुणवत्तायुक्त एवं भरपेट भोजन की प्रभावी व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी 75 जनपदों में जिलाधिकारियों को सहयोग प्रदान करने के लिए आईएएस तथा वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी नामित किए गए हैं। इन अधिकारियों से नियमित संवाद रखा जाए। उन्होंने विदेश से आ रहे लोगों की स्क्रीनिंग कर क्वारंटीन सेन्टर में रखे जाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों के प्रदेश में निवासित प्रवासियों की सम्बन्धित राज्य में वापसी तथा अन्य राज्यों में फंसे प्रदेश के लोगों की वापसी के लिए भी राज्य सरकार कार्य कर रही है। अन्य राज्यों से प्रदेश वापस लौटने के इच्छुक लोगों तथा यहां से सम्बन्धित राज्य को प्रस्थान करने के इच्छुक लोगों के लिए जनसुनवाई पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई पंजीयन व्यवस्था का अच्छा रिस्पॉन्स प्राप्त हो रहा है। इस सम्बन्ध में प्रभावी अग्रेतर कार्यवाही किए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोविड एवं नॉन - कोविड अस्पतालों को अलग - अलग स्थापित किया गया। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में कोविड - 19 पर प्रभावी नियंत्रण लगा है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को कोरोना मरीजों का अध्ययन करते हुए रोगियों की केस हिस्ट्री तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के लिए पूल टेस्टिंग प्रक्रिया को सतत जारी रखा जाए। संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपाय अपनाते हुए अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं का संचालन किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सभी जनपदों के चिकित्सालयों में आवश्यक मेडिकल संसाधनों की नियमित उपलब्धता बनी रहे। उन्होंने प्रत्येक जनपद में क्षेत्र चयनित करते हुए सभी उपलब्ध फायर वाहनों से सेनिटाइजेशन कराने के निर्देश दिये। बैठक में अवगत कराया गया कि मुख्यमंत्री के एल-1, एल-2 तथा एल-3 डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों की क्षमता विस्तार करके 52 हजार बेड की व्यवस्था किये जाने के निर्देशों के क्रम में आज तक 48 हजार बेड की व्यवस्था की जा चुकी है। कल तक 52 हजार बेड की व्यवस्था कर ली जाएगी। इसके अलावा, प्रत्येक जनपद में वेंटिलेटर युक्त बेड की व्यवस्था भी हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गौवंश के संरक्षण के लिए स्थापित गौ आश्रय स्थलों में चारे की व्यवस्था के लिए भूसा बैंक के स्थापना कार्य को गति दी जाए। गौ आश्रय स्थलों में रोजगार की सम्भावनाएं हैं। इसलिए प्रवासी कामगारों, श्रमिकों को रोजगार सुलभ कराने के लिए इन्हें गौ आश्रय स्थलों से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि उद्योग धन्धों के सुगम संचालन के उद्देश्य से आवश्यकतानुसार सेक्टोरल नीतियों का सरलीकरण पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाए। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, पुलिस महानिदेशक  हितेश सी अवस्थी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल तथा संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव कृषि डॉ देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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