उत्तर प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए संभावनाओं को तलाशेगी निवेश समिति
> चीन से पलायन करने वाली कंपनियों का रूख उ प्र की ओर मोड़ने के लिए सतीश महाना एवं सिद्धार्थ नाथ सिंह की अध्यक्षता में बैठक संपन्न।
> बैठक में निवेश हेतु यूरोपियन यूनियन की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। यह समिति निवेश के लिए विभिन्न देशों की कम्पनियों से बात कर उत्तर प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए संभावनाओं को तलाशेगी। गौरतलब है कि कोविड 19 की वैश्विक महामारी के चलते बहुत सी जानी - मानी कंपनियां चीन से पलायन कर रही हैं। इन कंपनियों का रुख उत्तर प्रदेश की ओर मोड़ने के लिए ये मंत्रीगण उत्तर प्रदेश के सामर्थ्य एवं संसाधनों तथा उद्योग के अनुकूल वातावरण को दिखाते हुए इन्हें उत्तर प्रदेश आने के लिए तैयार करेंगे। इस संबंध में विचार - विमर्श करने के लिए गुरुवार 14 मई को खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के कार्यालय में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में द्वि मंत्रीगणों के अलावा राज्य सरकार के आर्थिक सलाहकार के वी राजू, प्रमुख सचिव एमएसएमई डॉ नवनीत सहगल तथा उद्योग बंधु के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश के लिए हेल्प डेस्क स्थापित करने तथा निवेश प्रोत्साहन विभाग के ढांचे को मजबूत बनाने की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में निवेश हेतु यूरोपियन यूनियन की सुविधा के लिए प्रमुख सचिव डॉ नवनीत सहगल की देख - रेख में हेल्प डेस्क स्थापित करने का निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर यू एस के निवेशकों हेतु औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन कोरियन कम्पनियों की सहायता के लिए प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार तथा जैपनीज उद्यमियों की सहूलियत के लिए प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल की देख - रेख में हेल्प डेस्क बनाया गया है। इसके अतिरिक्त बैठक में निवेश को आकर्षित करने के लिए वेबसाइट तैयार करने और इसमें लैण्ड बैंक की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने पर सहमति बनी। इसी प्रकार मानव संसाधन और स्किल लेबर का डाटाबेस तैयार कराने का निर्णय लिया गया है। साथ ही हर 15 दिन के अन्दर समिति की बैठक आयोजित कराने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को दी जाने वाली सुविधाओं से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए ब्रोसर तैयार कराने की बात कही गई।