29 जून 2020 के पश्चात विशिष्ट पहचान संख्या के बिना कोई भी आयुद्ध अनुज्ञप्ति अवैध समझी जायेगी : एसीएस होम
लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। शासन द्वारा प्रदेश के सभी लाइसेंसिग प्राधिकारियों को यह निर्देश दिये गये हैं कि वे नये शस्त्र लाइसेंसों के लिए आवेदन पत्र अथवा अन्य सेवाओं के लिए आवेदन पत्र अथवा आग्नेयास्त्रों के पृष्ठांकन आदि के लिए प्रार्थना पत्र एनडीएएल नेशनल डेटाबेस ऑफ़ आर्म्स लाइसेंस पोर्टल के माध्यम से स्वीकार किये जाएं। इस संबंध में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने आज यहां उक्त जानकारी देते हुए बताया कि इस सम्बन्ध में शासन द्वारा आदेश जारी कर दिये गये है। उन्होंने बताया कि निर्गत आदेश में कहा गया है कि आयुध अधिनियम, 1959 एवं आयुध (संसोधन) अधिनियम, 2019 में दी गयी व्यवस्था के अनुसार ऐसे शस्त्र लाइसेंसी जिनके पास 03 शस्त्र दर्ज हैं, वे अपने तीसरे शस्त्र को आगामी 13 दिसम्बर 2020 तक अवश्य जमा अथवा सरेण्डर कर दें। श्री अवस्थी ने बताया कि प्रदेश के जिन समस्त वैद्य शस्त्र लाइसेंसधारियों के शस्त्र लाइसेंस एनडीएएल एलिस पोर्टल पर अभी तक दर्ज नहीं हो पाये हैं, वे अपने जनपद के जिला मजिस्ट्रेट अथवा लाइसेंसिंग प्राधिकारी के माध्यम से अपने शस्त्र लाइसेंस आगामी 29 जून 2020 तक उक्त पोर्टल पर दर्ज कराकर यूआईएन यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर प्राप्त करना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी बताया कि 29 जून 2020 के पश्चात विशिष्ट पहचान संख्या के बिना कोई भी आयुद्ध अनुज्ञप्ति अवैध समझी जायेगी। प्रदेश के सभी लाइसेंसिंग प्राधिकारी जम्मू कश्मीर से ट्रांसफर होकर उनके जनपद में दर्ज हुए शस्त्रों का आडिट कराना सुनिश्चित करें। श्री अवस्थी ने बताया कि प्रदेश के सभी आम्र्स डीलर्स की दुकानों के भौतिक सत्यापन हेतु 2 माह का विशेष अभियान चलाकर अनुपालन आख्या आगामी 28 अगस्त 2020 तक शासन को उपलब्ध कराये जाने के भी निर्देश दिये गये हैं।