बाढ़ कार्यों व ड्रेनेज सफाई में घोर लापरवाही पाये जाने पर अभियन्ताओं के खिलाफ की गई बड़ी कार्रवाई

> 01 अधिशासी अभियन्ता, 02 सहायक अभियन्ता तथा 01 अवर अभियन्ता समेत 04 को हटाकर मुख्यालय संबद्ध किया गया।


> बरसते पानी में किया गया बाढ़ कार्यों का निरीक्षण



25 जून, 2020 को अयोध्या में सरयू नदी के किनारे रौनाही तटबन्ध पर स्थित गाँव महंगू का पुरवा में जलशक्ति मंत्रालय के सिंचाई विभाग द्वारा किए गए बाढ़ बचाव कार्य का निरीक्षण करते जल शक्ति मंत्री श्री महेन्द्र सिंह।     (फोटो : सूचना अधिकारी )


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उ प्र के जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने अयोध्या जनपद के रौनाही तटबंध, ड्रेनेज सफाई व बाढ़ कार्यों के निरीक्षण के दौरान कार्यों में गुणवत्ता की कमी तथा अनियमितताएं पाये जाने पर कठोर रुख अपनाते हुए वहां तैनात अधिशासी अभियन्ता मनोज कुमार सिंह, सहायक अभियन्ता पवन कुमार सिंह व प्रदीप कुमार तथा जूनियर इंजीनियर चन्द्र शेखर को तत्काल प्रभाव से हटाने के आदेश दिए। उन्होंने इन अभियन्ताओं को मुख्यालय संबद्ध करके विभागीय कार्यवाही किए जाने के भी निर्देश दिए। स्थलीय निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि कार्यों में लापरवाही तथा उदासीनता पाये जाने पर किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों के कार्यों के बारे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी शिकायत की थी। उन्होंने यह भी कहा कि सिंचाई विभाग के किसी भी निर्माण कार्य में अधोमानकता, लापरवाही तथा गुणवत्ता में कमी पाये जाने पर कठोर से कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने अयोध्या के ड्रेन (नाले) की सफाई न किए जाने पर अभियन्ताओं को कड़ी चेतावनी देते हुए तत्काल कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए। डॉ महेन्द्र सिंह गुरुवार 25 जून को प्रातः लखनऊ से प्रस्थान कर जनपद अयोध्या पहंचे थे और उन्होंने भारी बरसात के बीच बाढ़ कार्यों का घूम-घूम कर निरीक्षण किया। उन्होंने सरयू नदी के किनारे रौनाही तटबंध पर स्थित गांव महंग का पुरवा में सिंचाई विभाग द्वारा कराये गये बाढ नियंत्रण कार्यों का निरीक्षण किया और उन्होंने कहा कि सभी कार्य जल्दी से जल्दी से पूरे किये जाने चाहिए। स्थलीय निरीक्षण के दौरान अयोध्या के विधायक बेदप्रकाश गुप्त, रुदौली के विधायक रामचन्द्र यादव, प्रमुख अभियन्ता नियोजन / परिकल्प ए के सिंह व प्रमुख अभियन्ता परियोजना वी के निरंजन व अन्य अधिकारीगण मौजूद थे। इसके पश्चात उन्होंने जनपद गोण्डा-बस्ती में घाघरा नदी के बायें तट पर स्थित ग्राम लोलपुर, केशवपुर के बाढ़ से सुरक्षा हेतु ड्रेजिंग एवं चैनलाइजेशन के कार्यों का भी स्थलीय निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।


Popular posts from this blog

उ0प्र0 सरकारी सेवक (पदोन्नति द्वारा भर्ती के लिए मानदण्ड) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2019 के प्रख्यापन को मंजूरी

उ प्र सहकारी संग्रह निधि और अमीन तथा अन्य कर्मचारी सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2020 प्रख्यापित

कोतवाली में मादा बंदर ने जन्मा बच्चा