गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना का डीपीआर  तैयार : सीईओ, यूपीडा 

> गंगा एक्सप्रेस-वे को भविष्य में मल्टी मोडल टर्मिनल वाराणसी से जोड़ने की सम्भावनाओं का अध्ययन कर, आवश्यक कार्यवाही की जाए : मुख्यमंत्री


> एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए अनुभवी और कुशल प्रोफेशनल नियुक्त किए जाएं : मुख्यमंत्री


> एक्सप्रेस-वे के आसपास के क्षेत्रों को औद्योगिक विकास एवं व्यावसायिक उपयोग के रूप में पहले से ही चिन्हित कर लिया जाए : मुख्यमंत्री


एक्सप्रेस-वे का निर्माण 12 पैकेज में किया जाएगा : सीईओ, यूपीडा 


लगभग 06 घण्टे में की जा सकेगी दिल्ली-प्रयागराज की सड़क मार्ग से यात्रा : सीईओ, यूपीडा 



19 जून 2020 को 5-कालीदास मार्ग पर गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना के संबंध में एक प्रेजेंटेशन का अवलोकन करते मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी।     (फोटो: यूपीडा) 


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की कार्यवाही को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को प्रारम्भ किया जाए। उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे को भविष्य में जनपद वाराणसी में मल्टी मोडल टर्मिनल से जोड़ने की सम्भावनाओं का अध्ययन कर, आवश्यक कार्यवाही की जाए। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए ट्रांजेक्शन एडवाइजर की नियुक्ति के सम्बन्ध में सभी विकल्पों पर विचार करते हुए एक सप्ताह के अंतर्गत ठोस प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने यह निर्देश शुक्रवार 19 जून को अपने सरकारी आवास पर यूपीडा द्वारा गंगा एक्सप्रेस-वे के सम्बन्ध में दिए गए प्रस्तुतीकरण का अवलोकन के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए अनुभवी और कुशल प्रोफेशनल नियुक्त किए जाएं। एक्सप्रेस-वे के आसपास के क्षेत्रों को औद्योगिक विकास एवं व्यावसायिक उपयोग के रूप में पहले से ही चिन्हित कर लिया जाए। एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाओं को न्यूनतम रखने के लिए प्रारम्भ से ही उपाय किए जाएं। यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी तथा अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए कैबिनेट की सैद्धान्तिक सहमति प्राप्त हो चुकी है। इसका डीपीआर भी तैयार कर लिया गया है। यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से प्रारम्भ होकर जनपद प्रयागराज में एनएच-19 के बाईपास पर सोरांव तक जाएगा। इसकी कुल अनुमानित लम्बाई 602.13 किमी होगी। उन्होंने कहा कि प्रारम्भ में 06 लेन का एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा, जिसका 08 लेन में विस्तार किया जा सकेगा। एक्सप्रेस-वे के सभी स्ट्रक्चर 08 लेन के बनाए जाएंगे। श्री अवस्थी ने यह भी अवगत कराया कि एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर लगभग 37,350 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है। भूमि अधिग्रहण की अनुमानित लागत 9,500 करोड़ रुपए है। एक्सप्रेस-वे का निर्माण 12 पैकेज में किया जाएगा। एक्सप्रेस-वे के निर्माण से दिल्ली-प्रयागराज की सड़क मार्ग से यात्रा लगभग 06 घण्टे में की जा सकेगी, जिसमें वर्तमान में 11-12 घण्टे लगते हैं। एक्सप्रेस-वे के संरेखण में मेरठ, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, हापुड़, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज जनपद पड़ेंगे। अपने संरेखण पर गंगा एक्सप्रेस-वे, 02 एक्सप्रेस-वेज, 08 राष्ट्रीय राजमार्ग, 15 राज्य मार्ग, 08 मुख्य जिला मार्ग, 28 अन्य जिला मार्ग एवं 276 ग्रामीण मार्ग को क्रॉस करेगा। एक्सप्रेसवे के निर्माण में कुल 08 रेलवे ओवर ब्रिज, 15 दीर्घ सेतु, मुख्य मार्गों की क्रॉसिंग पर फ्लाईओवर अथवा अंडरपास तथा आवश्यकतानुसार लघु सेतु एवं पुलियों का निर्माण किया जायेगा। इस परियोजना हेतु लगभग 7200 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत एक्सप्रेस-वे पर 15 मी० चौड़ाई का डिप्रेस्ड मीडियन भी प्रस्तावित है। यात्रियों की सुविधा एवं सड़क सुरक्षा के लिए एक्सप्रेस-वे पर प्रति 50 कि0मी0 पर वे साइड एमेनिटीजअथवा टॉयलेट ब्लॉक का प्राविधान किया गया है। इस अवसर पर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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