हर्बल पौधों के रोपण के विशेष अभियान हेतु पहले से ही रूपरेखा तैयार कर लें उच्चाधिकारी : उप मुख्यमंत्री

> लोक निर्माण विभाग, राजकीय निर्माण निगम की खाली भूमि पर किया जाए वृहद वृक्षारोपण : उप मुख्यमंत्री


> सड़कों के किनारे पनकटे जल्दी से जल्दी बनाने के निर्देश।


> सड़कों के किनारे वाॅटर रिचार्जिंग के उचित इंतजाम किये जाएं : उप मुख्यमंत्री


उप मुख्यमंत्री जी ने आम जनमानस से की अपील


वृक्षारोपण अभियान को सफल बनाने के लिये अपना सहयोग प्रदान करें



लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन तथा औषधीय व हर्बल पौधों के रोपण के लिये लोक निर्माण विभाग द्वारा 01 से 15 जुलाई तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस सम्बन्ध में उप मुख्यमंत्री ने विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि इसके लिये वह पहले से ही कार्ययोजना व रूपरेखा तैयार कर लें। प्रदेश में जिन सड़कों के किनारे हर्बल पौधों को लगाया जाना है, उन सड़कों का चिन्हांकन व गड्ढ़े आदि खोदने तथा पौधों की उपलब्धता समय से सुनिश्चित करने हेतु पहले से ही सारी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिये इस वर्ष प्रदेश में 25 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम व राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वह इस वृक्षारोपण अभियान में भी बढ़-चढ़कर अपनी सहभागिता निभायें तथा सौंपे गये दायित्वों का निर्वाहन करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि लोक निर्माण विभाग, राजकीय निर्माण निगम की जहां पर खाली भूमि हो, वहां पर भी वृहद वृक्षारोपण किया जाए। हर्बल रोडों के बारे में उन्होने निर्देश दिये हैं कि सड़कों का चयन करते हुये यथासम्भव सड़कों के दोनों ओर हर्बल पौधे जैसे आंवला, पीपल, नीम, सहजन और जामुन आदि प्रजातियों के पौधे लगाये जाएं। आपको बताते चलें कि जिन मार्गों के किनारे हर्बल पौधों को लगाया जाता है, उन्हें लोक निर्माण विभाग द्वारा हर्बल रोड का नाम दिया गया है। उप मुख्यमंत्री जी ने सड़कों के किनारे पनकटे जल्दी से जल्दी बनाने के निर्देश दिये हैं ताकि पानी गिरते ही पनकटों के माध्यम से सड़क का पानी नीचे चला जाए, इससे मार्ग क्षतिग्रस्त होने से बचेंगे। उप मुख्यमंत्री जी ने यह भी निर्देश दिये हैं कि जो भी पौधे लगाये जायं, उनकी सुरक्षा के व्यापक प्रबन्ध किये जायं, विभागीय मैनपावर जैसे मेटों, बेलदारों आदि को इनकी सुरक्षा व संरक्षण में लगाया जाय तथा अधिकारी भी समय-समय पर हर्बल रोडों का निरीक्षण करते हुये पौधों की देखभाल हेतु किये गये इंतजामों का जायजा लें और पौधों की सुरक्षा के लिये यथावश्यक कार्यवाही भी करेंगे। उन्होने यह भी निर्देश दिये हैं कि वर्षा का पानी बेकार न जाने पाए, इसलिये सड़कों के किनारे वाॅटर रिचार्जिंग के भी इंतजाम किये जाएं। गौरतलब है कि हर्बल मार्गों की शुरूआत 15 अगस्त 2018 (स्वतंत्रता दिवस) के अवसर पर की गयी थी। लोक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार गत वर्ष 65 जिलों में 69 हर्बल रोडों, जिनकी लम्बाई 493 किमी है, में 22,121 हर्बल पौधे इस योजना में लगाये गये हैं। श्री मौर्य ने आम जनमानस से अपील की है कि प्रदेश के पर्यावरण को संतुलित रखने के लिये बारिश के दौरान खाली जगहों पर अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें तथा सरकार द्वारा चलाये जा रहे वृक्षारोपण अभियान को सफल बनाने के लिये अपना सहयोग प्रदान करें। 


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