कैबिनेट ने कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी
> अधिसूचित कृषि उत्पाद विपणन समिति वाले बाजार क्षेत्र के बाहर किसानों पर उत्पाद बेचने पर कई तरह के प्रतिबंध हैं।
> किसानों के लिए एक सुगम और मुक्त माहौल तैयार हो सकेगा जिसमें उन्हें अपनी सुविधा के हिसाब से कृषि उत्पाद खरीदने और बेचने की आजादी होगी।
> राज्यों के कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) अधिनियम के तहत अधिसूचित कृषि उत्पादों को राज्य के भीतर और बाहर दोनों ही जगह ऐसे बाजारों के बाहर भी उन्मुक्त व्यापार सुगम हो जाएगा।
> किसानों से उनकी उपज की बिक्री के लिए कुछ भी उपकर (सेस) या शुल्क नहीं लिया जाएगा।
> किसानों के लिए एक अलग विवाद समाधान व्यवस्था होगी।
> किसानों के लिए उपज की मुंह मांगी कीमत सुनिश्ति करेगा ये अध्यादेश।
कैबिनेट ने कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी है। इस फैसले की पृष्ठभूमि यह है कि कई तरह के नियामक प्रतिबंधों के कारण देश के किसानों को अपने उत्पाद बेचने में काफी दिक्कत आती है। अधिसूचित कृषि उत्पाद विपणन समिति वाले बाजार क्षेत्र के बाहर किसानों पर उत्पाद बेचने पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। उन्हें अपने उत्पाद सरकार द्वारा लाइसेंस प्राप्त खरीदारों को ही बेचने की बाध्यता है। इसके अतिरिक्त एक राज्य से दूसरे राज्य को ऐसे उत्पादों के सुगम व्यापार के रास्ते में भी कई तरह की बाधाएं हैं। इस फैसले का लाभ मिलेगा। अध्यादेश के लागू हो जाने से किसानों के लिए एक सुगम और मुक्त माहौल तैयार हो सकेगा जिसमें उन्हें अपनी सुविधा के हिसाब से कृषि उत्पाद खरीदने और बेचने की आजादी होगी। अध्यादेश से राज्य के भीतर और बाहर दोनों ही जगह ऐसे बाजारों के बाहर भी कृषि उत्पादों का उन्मुक्त व्यापार सुगम हो जाएगा जो राज्यों के कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) अधिनियम के तहत अधिसूचित हैं। इससे किसानों को अधिक विकल्प मिलेंगे। बाजार की लागत कम होगी और उन्हें अपने उपज की बेहतर कीमत मिल सकेगी। इसके अलावा अतिरिक्त उपज वाले क्षेत्रों में भी किसानों को उनके उत्पाद के अच्छे दाम मिल सकेंगे और साथ ही दूसरी ओर कम उपज वाले क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को भी ज्यादा कीमतें नहीं चुकानी पड़ेंगी। अध्यादेश में कृषि उत्पादों का सुगम कारोबार सुनिश्चित करने के लिए एक ई-प्लेटफॉर्म बनाए जाने का भी प्रस्ताव है। इस अधिनियम के तहत किसानों से उनकी उपज की बिक्री के लिए कुछ भी उपकर (सेस) या शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा, किसानों के लिए एक अलग विवाद समाधान व्यवस्था होगी। एक देश, एक कृषि बाजार इसका मुख्य उद्देश्य है कि अध्यादेश का मूल उद्देश्य एपीएमसी (एग्रीकल्चरल प्रोडूस एंड लाइवस्टॉक मार्केट कमिटी) बाजारों की सीमाओं से बाहर किसानों को कारोबार के अतिरिक्त अवसर मुहैया कराना है जिससे कि उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में अपने उत्पादों की अच्छी कीमतें मिल सकें। यह एमएसपी पर खरीद की मौजूदा प्रणाली के पूरक के तौर पर काम करेगा जो किसानों को स्थिर आय प्रदान कर रही है। यह निश्चित रूप से ‘एक देश, एक कृषि बाजार’ बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा और कठोर परिश्रम करने वाले हमारे किसानों के लिए उपज की मुंह मांगी कीमत सुनिश्ति करेगा।