न्याय की सुगमता समाज के अंतिम व्यक्ति तक कायम रहे : अधिवक्ता परिषद उ प्र

卐 समाज के अंतिम व्यक्ति को ऑनलाइन न्याय प्रणाली के लिए वर्चुअल कोर्ट की कार्यप्रणाली व पद्धति के लिए देना होगा प्रशिक्षण।

 


 

कानपुर। अधिवक्ता परिषद उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में बुधवार 10 जून को ऑनलाइन बैठक का आयोजन किया गया जिसमें उत्तर प्रदेश के 14 जिलों के अधिवक्ताओं ने सहभाग किया। बैठक को संबोधित करने वालों में इटावा से वरिष्ठ अधिवक्ता घनश्याम किशोर बाजपाई, फर्रुखाबाद से राजेंद्र त्रिपाठी, कर्वी चित्रकूट से हेमराज सिंह, उरई जालौन से श्रीमती सुनीता व ब्रज बिहारी गुप्ता, कानपुर से उमाशंकर गुप्ता, झांसी सेे कुमार वैभव, ललितपुर से के एल मालवीय थे। सभी वक्ताओं ने कोविड-19 संक्रमण के दौरान किये गए सेवाकार्यों की जानकारी एक दूसरे से साझा की व सेवाकार्यों से संबंधित सुझावों का आदान प्रदान एक दूसरे से किया।अधिवक्ताओं ने कोविड - 19 संक्रमण के बाद उत्पन्न समस्याओं पर चर्चा करी। घनश्याम किशोर बाजपाई व राजेंद्र त्रिपाठी ने अधिवक्ताओं को कोविड-19 संक्रमण के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों व सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। चित्रकूट धाम बार संघ के अध्यक्ष हेमराज सिंह ने अधिवक्ताओं को न्यायालय खुलने के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों की विस्तृत जानकारी दी व अधिवक्ता कल्याण हेतु चित्रकूट बार संघ द्वारा अधिवक्ताओं के आर्थिक सहयोग हेतु बनाई गई योजना की जानकारी सब के साथ साझा करी। अधिवक्ता परिषद उत्तर प्रदेश के कार्यकारी प्रदेश महामंत्री अश्वनी कुमार त्रिपाठी ने ऑनलाइन बैठक को संबोधित करते हुए कहा की कोविड-19 के संक्रमण काल में देश की समाज की तमाम व्यवस्थाओं का बड़ा नुकसान हुआ है, ऐसे में आज देश को पुनर्निर्माण की महती आवश्यकता है, जिसमें की अधिवक्ताओं की बड़ी भूमिका है। संक्रमण काल निरंतर बढ़ता चला जा रहा है अब हम सभी को इस संक्रमण के साथ लड़ने जीने और जीतने का अभ्यास करना होगा। श्री त्रिपाठी ने अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि लॉकडाउन अवधि के बाद न्यायालय खुलने पर न्याय गरीब व्यक्ति तथा साधारण अधिवक्ता दोनों के लिए दुर्लभ, दुष्कर व अत्यधिक महंगा हो गया है। इसके लिए अधिवक्ता परिषद के कार्यकर्ताओं को आगे आकर सामान्य अधिवक्ताओं के मध्य ग्रामों, तहसीलों तक जाकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अधिवक्ताओं व समाज के अंतिम व्यक्ति को ऑनलाइन न्याय प्रणाली के लिए वर्चुअल कोर्ट की कार्यप्रणाली व पद्धति के लिए प्रशिक्षण देना होगा। जिससे कि न्याय की सुगमता समाज के अंतिम व्यक्ति तक कायम रहे व न्याय के प्रति विश्वास में लोगों में कोई कमी न आने पाए। अन्यथा समाज में राष्ट्र में अव्यवस्था का माहौल बनने में समय नहीं लगेगा।  समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचे यह सुनिश्चित करना हम अधिवक्ताओं का ही प्रथम दायित्व है। बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता घनश्याम किशोर बाजपई ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। देवालय चौधरी प्रान्त मंत्री ने भी बैठक को संबोधित किया। बैठक में स्थानीय अधिवक्ताओं अश्वनी कुमार त्रिपाठी, उमाशंकर गुप्ता, अनिल दीक्षित, पवन तिवारी, ज्योति मिश्रा, राजीव, संगीता गुप्ता, नीरू चौहान, मीनू सचदेवा, देव नारायण दुबे, संजय, आदि ने प्रमुख रूप से भाग लिया।

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