> पीएम ने असम में ऑयल वेल ब्लो आउट और आग की स्थिति की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 18 जून, 2020 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक के दौरान असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाग़ान की वर्तमान स्थिति का जायजा लेते हुए। (फोटो : पत्र सूचना कार्यालय)
नई दिल्ली (का उ सम्पादन)। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार 18 जून को असम के तिनसुकिया जिले में आयल वेल के बगान -5 में स्थित आयल इंडिया लिमिटेड ऑयल वेल ब्लो आउट और आग से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री, असम सर्बानंद सोनोवाल, अन्य केंद्रीय मंत्रियों और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। 27 मई, 2020 को इस वेल से अनियंत्रित गैस का रिसाव शुरू हो गया। इसके बाद रिसाव को नियंत्रित करने के लिए तैयारी चल रही थी, 9 जून, 2020 को अच्छी तरह से आग लग गई। आसपास के इलाकों में रहने वाले परिवारों को स्थानांतरित कर दिया गया और राहत शिविर स्थापित किए गए। आयल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से राज्य सरकार लगभग 9,000 व्यक्ति इन राहत शिविरों में रह रहे हैं। तत्काल राहत के उपाय के रूप में, जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित 1610 परिवारों के लिए 30,000 रुपए स्वीकृत किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने असम के लोगों को असम के माध्यम से आश्वासन दिया कि भारत सरकार प्रभावित परिवारों को सहायता और राहत और पुनर्वास प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और जो भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है, उसके कारण इस कठिन समय में राज्य सरकार के साथ खड़े हैं। उन्होंने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को भी निर्देशित किया कि इस घटना का अध्ययन और दस्तावेजीकरण किया जाए ताकि भविष्य में यह उपयोगी हो सके। भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने और ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए हमारे स्वयं के संगठनों के भीतर और अधिक क्षमता और विशेषज्ञता विकसित की जानी चाहिए। समीक्षा बैठक के दौरान यह बताया गया कि वेल से गैस के प्रवाह को नियंत्रित करने और इसे कैप करने के लिए भारतीय और विदेशी विशेषज्ञों की मदद से विस्तृत योजना तैयार की गई है। योजना को तैयार कार्यक्रम के अनुसार क्रियान्वित किया जा रहा है और सभी आवश्यक सुरक्षा सावधानी बरतने के बाद 7 जुलाई, 2020 को इस आयल वेल को कैप किया जाना प्रस्तावित है।