पर्यावरण के अनुकूल बने रहने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है उत्तर मध्य रेलवे

उ म रे ने निरंतर प्रयास के द्वारा प्रतिवर्ष 1.38 लाख टन CO2 उत्सर्जन की महत्वपूर्ण कमी को प्राप्त किया


> मानसून की पहली वर्षा में महाप्रबंधक उत्तर मध्य और उत्तर रेलवे श्री राजीव चौधरी ने विश्व पर्यावरण दिवस 2020 के अवसर पर वृक्षारोपण किया।


> महाप्रबंधक की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस संदेश, उत्तर मध्य रेलवे द्वारा की गई पर्यावरण संबंधी गतिविधियों का संकलन भी इलेक्ट्रॉनिक रूप से जारी किया गया। 


> 50000 लीटर पानी के रिसाइकलिंग प्लांट की स्थापना के साथ उत्तर मध्य रेलवे, मुख्यालय "जीरो डिस्चार्ज यूनिट" हासिल करने वाली पहली इकाई बन गया है।


> उत्तर मध्य रेलवे अतिरिक्त 165 रूफटॉप वर्षा जल संरक्षण परियोजना की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहा है। 


> सौर ऊर्जा के उपयोग के क्षेत्र में, उत्तर मध्य रेलवे 11 मेगावाट क्षमता वाले सौर संयंत्र की स्थापना कर अग्रणी रेलवे बन गया है।


> उ म रे द्वारा ऊर्जा कुशल एलईडी प्रकाश व्यवस्था की गई है जिससे हर साल 10,500 टन CO2 उत्सर्जन में कमी हुई है।


> यात्रियों और सामानों के प्रदूषण रहित परिवहन को सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2019-20 में कुल 226 किलोमीटर रूट का विद्युतीकरण किया गया।


> उ म रे द्वारा विभिन्न ओरिजिनेटिंग ट्रेनों में प्रयोग की जा रही सभी 16 एलएचबी रेक हेड ऑन जनरेशन टेक्नोलॉजी कम्पलायंट हैं जिससे होती है डीज़ल की बचत।


> कानपुर सेंट्रल समेत उ म रे के 30 स्टेशन, आईएसओ 14001: 2015 इकोफ्रेंडली तरीके से सेवाएं प्रदान करने के लिए हैं प्रमाणित।



प्रयागराज (मुख्य संवाददाता, उ म रे)। मानसून की पहली वर्षा में, महाप्रबंधक उत्तर मध्य और उत्तर रेलवे राजीव चौधरी, अपर महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे रंजन यादव और उत्तर मध्य रेलवे के सभी प्रमुख विभागों के विभागध्यक्षों ने उत्तर मध्य रेलवे, मुख्यालय परिसर में शुक्रवार 5 जून को विश्व पर्यवरण दिवस 2020 के अवसर पर वक्षारोपण किया। कोविड -19 महामारी के दृष्तिगत सभी निर्धारित प्रोटोकॉलों और उचित सामाजिक दूरी मानदंडों का पालन करते हुए रोपण अभियान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाप्रबंधक की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस संदेश, उत्तर मध्य रेलवे द्वारा की गई पर्यावरण संबंधी गतिविधियों का संकलन भी इलेक्ट्रॉनिक रूप से जारी किया गया। इस वर्ष का विश्व पर्यावरण दिवस जैव विविधता विषय पर आधारित है, ताकि तेजी से विलुप्त होती प्रजातियों और प्राकृतिक दुनिया के क्षरण से निपटने के लिए कार्य किये जा सके। विभिन्न मानवीय गतिविधियों के फलस्वरूप 10 लाख पौधों और जानवरों की प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा है। विश्व पर्यावरण दिवस हमें यह पुनः विचार करने का अवसर प्रदान करता है कि हमारे कामकाज से पर्यावरण प्रभावित हो रही है। ये ऐसे मुद्दे हैं जिनसे विश्व को उसी प्रकार से निपटना होगा जिस प्रकर से हम कोरोनो वायरस महामारी से निपट रहे हैं। उत्तर मध्य रेलवे पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर हमेशा सक्रिय रहा है और पर्यावरण के अनुकूल तरीकों से इसके संचालन, रखरखाव और विकास कार्यों को जारी रखने और बढ़ाने के दौरान जैव विविधता और पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उत्तर मध्य रेलवे द्वारा पर्यावरण से संबंधित कुछ उल्लेखनीय प्रयास इस प्रकार से हैं: वर्ष 2019-20 के दौरान 10 लाख पौधे रोपण के लक्ष्य के स्थान पर 13.5 लाख का रिकॉर्ड पौधे रोपण किया गया जिससे 300 लाख टन CO2 उत्सर्जन में वार्षिक कमी आयी। प्रति दिन 25 लाख लीटर की स्थापित क्षमता के साथ, उत्तर मध्य रेलवे वर्ष 2019-20 में 15.4 करोड़ लीटर पानी को रीसायकल किया है। पानी के अपव्यय को रोकने के लिये 17 स्टेशनों पर जल वितरण आडिट किया गया और झांसी - बीना खंड में कुल 428 लाख लीटर क्षमता के छह पानी के तालाब खोदे गए 50000 लीटर पानी के रिसाइकलिंग प्लांट की स्थापना के साथ उत्तर मध्य रेलवे, मुख्यालय “जीरो डिस्चार्ज यूनिट” हासिल करने वाली पहली इकाई बन गया है। 09 वर्षा जल संचयन संयंत्रों की स्थापना कर दी गई है और उत्तर मध्य रेलवे अतिरिक्त 165 रूफटॉप वर्षा जल संरक्षण परियोजना की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहा है। सौर ऊर्जा के उपयोग के क्षेत्र में, उत्तर मध्य रेलवे 11 मेगावाट क्षमता वाले सौर संयंत्र की स्थापना कर अग्रणी रेलवे बन गया है, जिसके फलस्वरूप 85.55 लाख यूनिट बिजली की वार्षिक बचत के साथ कार्बन उत्सर्जन में हर साल 8000 टन की कमी आई है। सौर ऊर्जा का उपयोग करने के अतिरिक्त, उत्तर मध्य रेलवे ने अपने 1600 कोचों, 265 कार्यालयों, 338 स्टेशनों, 02 कार्यशालाओं और 26000 रेलवे क्वार्टरों में 100% ऊर्जा कुशल एलईडी प्रकाश व्यवस्था की है, जिससे सालाना 1.5 करोड़ यूनिट बिजली की बचत और हर साल 10,500 टन CO2 उत्सर्जन में की कमी हुई है। यात्रियों और सामानों के प्रदूषण रहित परिवहन को सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2019-20 में चुनार-चोपन खण्ड सहित कुल 226 किलोमीटर रूट का विद्युतीकरण किया गया। इलेक्ट्रिक इंजनों के बढ़ते उपयोग से 160 लाख लीटर डीजल की बचत की जा सकती है। एचएसडी की बचत के अतिरिक्त आधुनिक इंजनो द्वारा ट्रेन ब्रेकिंग प्रक्रिया के दौरान बिजली जनरेटर के रूप में कार्य करके बिजली इंजनों द्वारा बिजली की अतिरिक्त बचत की गई। इस रिजनरेशन से वर्ष 2019-20 के दौरान 12.61 करोड़ यूनिट बिजली की बचत की और CO2 उत्सर्जन में 90,000 टन की कमी की। उत्तर मध्य रेलवे द्वारा विभिन्न ओरिजिनेटिंग ट्रेनों में प्रयोग की जा रही सभी 16 एलएचबी रेक एच.ओ.जी(हेड ऑन जनरेशन टेक्नोलॉजी) कम्पलायंट है, इस प्रकार से प्रकाश ऊर्जा, पंखे, एसी आदि के लिए ओएचई से सीधे विद्युत ऊर्जा का उपयोग इंजन के मध्यम से किया जाता है, इस प्रकार प्रतिवर्ष 75000 लीटर डीजल की बचत होती है। उत्तर मध्य रेलवे के सभी 1600 यात्री डिब्बों को इकोफ्रेंडली बायो टॉयलेट्स से सुसज्जित किया गया है, 245 ट्रेनों और 19 प्रमुख स्टेशनों पर सी.टी.एस (क्लीन ट्रेन स्टेशन) के तहत और पानी के कम उपयोग के साथ बेहतर स्वच्छता के लिए मैकेनाइज्ड सफाई की जा रही है। 24 स्टेशनों पर बायो डिग्रेडेबल और नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरे का अलग-अलग निस्तारण किया जा रहा है, जबकि प्रयागराज जंक्शन, कानपुर, आगरा कैंट, मथुरा, झाँसी और ग्वालियर सहित 30 स्टेशन, आईएसओ 14001: 2015 इकोफ्रेंडली तरीके से सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रमाणित हैं। प्रयागराज और आगरा में रनिंग रूम में बायो गैस के उपयोग सालाना 120 एलपीजी सिलेंडरों की बचत हो रही है, जबकि मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री ग्वालियर में नेचुरल गैस के उपयोग से एचएसडी (हाई स्पीड डीजल) का उपयोग में 345 किलो लीटर सालाना की कमी आई है। ई-ऑफिस को उत्तर मध्य रेलवे, मुख्यालय एवं तीनों मण्डलों प्रयागराज, झाँसी और आगरा में लागू किया गया है, ताकि कागज़ के उपयोग को काफी हद तक कम किया जा सके। विश्व पर्यावरण दिवस के पिछले वर्ष की थीम “वायु प्रदूषण" के अनुरूप, प्रयागराज में 03 वायु गुणवत्ता सूचकांक मॉनिटर प्रयागराज स्टेशन, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय और आगरा डिवीजन में स्थापित किए गए हैं। इस प्रकार उत्तर मध्य रेलवे समग्र दृष्टिकोण के साथ वृक्षारोपण, जल संरक्षण एवं रीसायकलिंग, विद्युतीकरण, सौर ऊर्जा के उपयोग, ऊर्जा दक्षता उपायों, रीजनरेशन, एचओजी, प्रक्रिया के स्टैंडराइजेशन जैसे निरंतर प्रयास के द्वारा प्रतिवर्ष 1.38 लाख टन CO2 उत्सर्जन की महत्वपूर्ण कमी को प्राप्त किया है। एचएसडी की खपत में 16.50 लाख लीटर की बचत के साथ-साथ सालाना 15.4 करोड़ लीटर पानी की रिसाइक्लिंग कर रहा है और 90 करोड़ रुपये मूल्य की 15 करोड़ यूनिट बिजली की बचत कर रहा है। उपरोक्त पहलों के साथ उत्तर मध्य रेलवे पर्यावरण के अनुकूल बने रहने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है और आदर्श जैव विविधता को बनाए रखने के लिए वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण की दिशा में लगातार काम करता रहेगा।


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