प्रदेश में 25 सरकारी तथा 17 निजी प्रयोगशालाएं टेस्टिंग कार्य हेतु उपलब्ध हैं
टीम 11 संग उच्च स्तरीय अनलॉक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री को कराया गया अवगत
> मुख्यमंत्री के टीम 11 को निदेश :
> प्रत्येक जनपद में ऑक्सीजन की सुचारु आपूर्ति एवं उपलब्धता बनाए रखी जाए।
> ट्रूनेट मशीनों तथा रैपिड एन्टीजेन टेस्ट मशीनों को पूरी क्षमता से संचालित करते हुए ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किए जाएं।
> ओपीडी संचालित करने वाले अस्पताल में कोविड हेल्प डेस्क अनिवार्य रूप से स्थापित हो।
> एम्बुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए।
> किसी कर्मी के संक्रमित हो जाने की स्थिति में अविलम्ब उसके प्रतिस्थानी की तैनाती की जाए।
> सर्विलांस टीम द्वारा घर-घर कोविड-19 से बचाव के सम्बन्ध में हैण्डबिल भी उपलब्ध कराए जाएं।
> मानव संसाधन को संचारी रोगों के सम्बन्ध में प्रशिक्षित रखते हुए एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
कोविड हेल्प डेस्क स्थापना पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा
निजी चिकित्सालयों को कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना के लिए प्रेरित किया जाए तथा ओपीडी संचालित करने वाले अस्पताल में कोविड हेल्प डेस्क अनिवार्य रूप से स्थापित हो।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी 29 जून, 2020 को लोक भवन, लखनऊ में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा करते हुए। (फोटो : मुख्यमंत्री सूचना परिसर)
लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि स्वच्छता के सम्बन्ध में कोई शिथिलता नहीं होनी चाहिए। कोरोना संक्रमण तथा वर्षा ऋतु में संचारी रोगों के प्रसार के दृष्टिगत उन्होंने इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी सोमवार को लोक भवन में आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनपद गौतमबुद्ध नगर तथा गाजियाबाद के साथ ही पूरे मेरठ मण्डल में पूरी सतर्कता तथा सावधानी बरती जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड चिकित्सालयों में व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त रखा जाए। कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या को बढ़ाया जाए। उन्होंने प्रत्येक जनपद में ऑक्सीजन की सुचारु आपूर्ति एवं उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ नियमित राउण्ड लें। पैरामेडिक्स द्वारा रोगियों की लगातार मॉनिटरिंग की जाए। 24 घण्टे में कम से कम एक बार मरीज के परिजनों को रोगी के स्वास्थ्य की जानकारी आवश्य दी जाए 108, 102 तथा एएलएस एम्बुलेंस सेवाओं को पूरी तरह सक्रिय रखा जाए। एम्बुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग क्षमता में लगातार वृद्धि के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध संसाधनों का पूरा उपयोग किया जाए। ट्रूनेट मशीनों तथा रैपिड एन्टीजेन टेस्ट मशीनों को पूरी क्षमता से संचालित करते हुए ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किए जाएं। संक्रमण पर नियंत्रण के लिए निजी चिकित्सालयों में ट्रूनेट मशीनों के प्रयोग के बढ़ावा दिया जाए। बैठक में यह जानकारी दी गई कि रविवार को प्रदेश में 22,378 नमूने जांच हेतु संग्रहित किए गए। यह भी अवगत कराया गया कि अब प्रदेश में 25 सरकारी तथा 17 निजी प्रयोगशालाएं टेस्टिंग कार्य हेतु उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री ने कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना के कार्य को तेज गति से जारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी विभागों एवं संस्थाओं में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित की जाए। निजी चिकित्सालयों को हेल्प डेस्क की स्थापना के लिए प्रेरित किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि ओपीडी संचालित करने वाले अस्पताल में कोविड हेल्प डेस्क अनिवार्य रूप से स्थापित हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो गज की दूरी तथा मास्क का उपयोग बढ़ाने के लिए जागरूकता एवं प्रेरणा की जरूरत है। इसके दृष्टिगत कोरोना के प्रति जागरूकता के प्रचार अभियान को और गहन तथा प्रभावी बनाया जाए। प्रचार–प्रसार की दृष्टि से स्थापित की जाने वाली होर्डिंग को ऐसे स्थानों पर लगाए जाएं, जहां से वे आसानी से लोगों को नजर आएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्पर्क में आने वाले लोगों से संक्रमण होने की सम्भावना रहती है। इसे ध्यान में रखते हुए फील्ड में तैनात शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा विशेष सावधानी बरती जाए। किसी कर्मी के संक्रमित हो जाने की स्थिति में अविलम्ब उसके प्रतिस्थानी की तैनाती की जाए। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग को सर्विलांस व्यवस्था सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसे सुचारु ढंग से लागू करते हुए इन्सेफेलाइटिस पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है। उन्होंने सर्विलांस के दौरान सर्विलांस टीम द्वारा घर-घर कोविड-19 से बचाव के सम्बन्ध में हैण्डबिल भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने 01 से 31 जुलाई, 2020 तक संचालित किए जाने वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान की तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आदि को संचारी रोग के सम्बन्ध में सतर्क रखा जाए। मानव संसाधन को इस सम्बन्ध में प्रशिक्षित रखते हुए एम्बुलेंस आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से कार्यों को निचले स्तर तक पहुंचाए जाने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संचारी रोगों को नियंत्रित करने में जागरूकता की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके दृष्टिगत सूचना विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय करते हुए प्रचार–प्रसार का व्यापक अभियान चलाते हुए लोगों को संचारी रोगों से बचाव की जानकारी दी जाए। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, चौराहों, बाजार आदि प्रमुख स्थलों पर इस सम्बन्ध में होर्डिंग तथा पोस्टर लगाए जाएं। मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग, विकास प्राधिकरणों तथा स्थानीय निकायों को शहरी इलाकों में तथा पंचायतीराज विभाग एवं ग्राम्य विकास विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता का वृहद अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस अभियान में सभी सरकारी विभागों तथा निजी कार्यालयों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित कराई जाए। फॉगिंग तथा एन्टी लार्वा रसायनों का छिड़काव प्रभावी ढंग से किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रभावी रोक लगाई जाए। महिला और बाल विकास विभाग महिलाओं को पुष्टाहार की सुचारु उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए उन्हें पोषण के सम्बन्ध में जागरुक भी करें। उन्होंने कहा कि पेयजल की आपूर्ति को सुव्यवस्थित बनाए रखते हुए लोगों को पानी गरम कर तथा छानकर पीने के लिए जागरूक किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि समय से पहले मानसून आने के दृष्टिगत बाढ़ नियंत्रण के सम्बन्ध में पूरी सतर्कता बरती जाए। बाढ़ राहत शिविर समय से तैयार कर लिए जाए। टिड्डी दल को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाए। गौ–आश्रय स्थलों की व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए गौवंश के लिए चारे की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव आर के तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक हितेश सी अवस्थी, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास तथा पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास श्रीमती एस राधा चौहान, अपर मुख्य सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण हेमन्त राव, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला, अपर मुख्य सचिव सिंचाई टी वेंकेटेश, प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह, प्रमुख सचिव पशु पालन भुवनेश कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।