प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार को सभी श्रमिकों व कामगारों को विभिन्न कार्यों से जोड़ने में सफलता मिलेगी : मुख्यमंत्री

> प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम का शुभारम्भ।


> इस कार्यक्रम के अन्तर्गत 1.25 करोड़ से अधिक कामगार व श्रमिकों को रोजगार, उद्योगों में समायोजन और स्वत: रोजगार के अन्तर्गत कार्य दिया जा रहा है।


> प्रधानमंत्री के माध्यम से 4.03 लाख एमएसएमई इकाइयों को 10,600 करोड़ रु से अधिक के ऋण का ऑनलाइन वितरित किया गया।


> प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अन्तर्गत 02 लाख 68 हजार इकाइयों को 6,565 करोड़ रु तथा 01 लाख 35 हजार नई इकाइयों को लगभग 4,034 करोड़ रु का ऋण वितरित किया गया।


> प्रधानमंत्री द्वारा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना व एक जनपद, एक उत्पाद योजना के अन्तर्गत 05 हजार से अधिक उ प्र के परम्परागत कारीगरों को टूल किट का वितरण इनमें दर्जी, जरदोजी, धातु उद्योग, सुनार, लोहार, शीशा उद्योग, दरी एवं कालीन उद्योग, फर्नीचर, बढ़ई, खाद्य प्रसंस्करण, हलवाई, नाई, टोकरी बुनकर, कुम्हार, राजमिस्त्री, फुट वियर की मरम्मत से जुड़े 5 हजार कारीगर को टूलकिट वितरण किया गया।


> राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत 01 लाख 69 हजार वापस लौटे श्रमिकों को कार्य में लगाया गया : मुख्यमंत्री


> प्रदेश में अन्य राज्यों से वापस लौटे 15 लाख से अधिक कामगारों व श्रमिकों को योजनाओं में कार्य दिया गया है : मुख्यमंत्री


> अनलॉक की कार्रवाई के पश्चात लगभग 7 लाख 80 हजार औद्योगिक इकाइयां संचालित : मुख्यमंत्री


> वापस लौटीं 29 हजार 600 महिला कामगारों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ा गया : मुख्यमंत्री


> कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री जी ने जनपद गोण्डा, बहराइच, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, जालौन तथा सन्तकबीर नगर के लाभार्थियों से संवाद किया।


>>> श्रमिकों व कामगारों का नियोजन :


>>> एमएसएमई सेक्टर में 50 लाख।


>>> स्वयं सहायता समूह एवं फॉर्मर्स प्रोडूसर्स ग्रुप के अन्तर्गत 05 लाख। 


>>> केन्द्र व राज्य सरकार के विभिन्न एक्सप्रेस-वेज़, अन्य मार्गों, सिंचाई परियोजनाओं तथा वन, नगर विकास विभाग व अन्य विभागों की परियोजनाओं में 10 लाख।



उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की गरिमामई उपस्थिति में आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम का शुभारम्भ करते मा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी।                                 (फोटो : भाजपा, उत्तर प्रदेश)


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आपदा को अवसर में बदलने में सफल रहा है। संकट में साहस और सूझबूझ दिखाने वाले को सफलता मिलती है। राज्य सरकार और प्रदेशवासियों ने जो साहस और सूझबूझ दिखायी, उससे आपत्ति के समय में भी उत्तर प्रदेश सफलतापूर्वक आगे बढ़ा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी तथा उनकी पूरी टीम चाहे जनप्रतिनिधि हों या कर्मचारी हों सभी ने सराहनीय कार्य किया है। सभी ने मिलकर प्रदेश को जिस मुश्किल स्थिति में संभाला है, आने वाली पीढ़ियां उस पर गर्व करेंगी। प्रधानमंत्री जी ने यह विचार शुक्रवार 26 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अन्तर्गत आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर अपने सम्बोधन में व्यक्त किये। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने रिमोट से अनावरण कर आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस मौके पर लॉकडाउन तथा अनलॉक की कार्यवाही के दौरान राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी से सम्बन्धित एक फिल्म भी प्रस्तुत की गयी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने स्वागत उद्बोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने कोरोना संकट के दौरान पूरे देश का मार्गदर्शन किया। उन्होंने जान भी, जहान भी का मंत्र दिया। इसी क्रम में उनके मार्गदर्शन में आत्म निर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम का शुभारम्भ हो रहा है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत 1.25 करोड़ से अधिक कामगार व श्रमिकों को रोजगार, उद्योगों में समायोजन और स्वतः रोजगार के अन्तर्गत कार्य दिया जा रहा है। साथ ही, इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी के माध्यम से 4.03 लाख एमएसएमई इकाइयों को 10,600 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण का ऑनलाइन वितरण भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आत्म निर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्राम्य विकास विभाग, पंचायतीराज विभाग के द्वारा सामुदायिक शौचालय के निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण, मनरेगा के अन्तर्गत ग्रामीण सड़कों व तालाबों की खुदाई एवं अन्य कार्यक्रमों में 60 लाख से अधिक श्रमिकों व कामगारों को नियोजित किया जा रहा है। इसके अलावा, एमएसएमई सेक्टर में 50 लाख श्रमिकों व कामगारों, स्वयं सहायता समूह एवं फॉर्मर्स प्रोडूसर्स ग्रुप के अन्तर्गत 05 लाख श्रमिकों व कामगारों, केन्द्र व राज्य सरकार के अन्तर्गत संचालित विभिन्न एक्सप्रेस-वेज़, अन्य मार्गों, सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण तथा वन विभाग, नगर विकास विभाग व अन्य विभागों की परियोजनाओं में 10 लाख श्रमिकों व कामगारों का नियोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अन्तर्गत आज 02 लाख 68 हजार इकाइयों को 6,565 करोड़ रुपये का ऋण, 01 लाख 35 हजार नई इकाइयों को लगभग 4,034 करोड़ रुपये का ऋण वितरण किया जा रहा है। साथ ही, प्रधानमंत्री जी द्वारा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना व एक जनपद, एक उत्पाद योजना के अन्तर्गत 05 हजार से अधिक उत्तर प्रदेश के परम्परागत कारीगरों को टूल किट का वितरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी के दृष्टिगत आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा समय से लिए गये निर्णयों के लिए पूरा देश कृतज्ञ है। उत्तर प्रदेश में 35.92 लाख से अधिक श्रमिकों और कामगारों की सकुशल वापसी हुई। प्रधानमंत्री जी ने वापस लौटे कामगारों व श्रमिकों की स्किल मैपिंग के लिए कहा था। राज्य सरकार ने समयबद्ध ढंग से वापस लौटे हुए कामगारों में, 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों को इसमें शामिल किए बगैर, 30.47 लाख की स्किल मैपिंग करायी। इसमें से 24 लाख 75 हजार कंस्ट्रक्शन, रियल एस्टेट व अन्य निर्माण कार्यों, 92 हजार कारखाना मजदूर, 62 हजार 800 टेलर, 45 हजार ड्राइवर, 10 हजार 700 हस्तकला तथा 03 लाख 61 हजार सेल्स, वेंडिंग, सिक्योरिटी गॉर्ड, कूरियर सेवा आदि से जुड़े हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में वापस आये 26.12 लाख कामगार व श्रमिक तथा नगरीय क्षेत्रों में वापस आये 1.63 लाख कामगार व श्रमिक होम क्वारंटीन से बाहर आ गये हैं। 4.71 लाख अभी भी होम क्वारंटीन में हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 62 लाख श्रमिक व कामगार मनरेगा के अन्तर्गत काम कर रहे हैं। इसमें अधिकतर श्रमिक व कामगार कृषि, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में सामुदायिक शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, एक्सप्रेस-वेज, वृक्षारोपण कार्यक्रम आदि में समायोजित किये गये हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में अन्य राज्यों से वापस लौटे 15 लाख से अधिक कामगारों व श्रमिकों को इन योजनाओं में कार्य दिया गया है। इसके अलावा, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत 04 लाख 22 हजार वापस लौटे श्रमिकों की स्किल मैपिंग कराते हुए 01 लाख 69 हजार श्रमिकों को उनकी कुशलता के अनुसार कार्य में लगाया गया। साथ ही, वापस लौटीं 29 हजार 600 महिला कामगारों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि अनलॉक की कार्रवाई के पश्चात लगभग 7 लाख 80 हजार औद्योगिक इकाइयों संचालित की गयीं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत योजना के पहले चरण में प्रदेश में लगभग 57 हजार नई एमएसएमई इकाइयों को 02 हजार 02 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया। इन इकाइयों द्वारा कार्य का संचालन भी प्रारम्भ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा 05 हजार कामगारों को टूल किट दिया जा रहा है। इनमें 1650 दर्जी, जरदोजी, 1088 धातु उद्योग, सुनार, लोहार, 250 शीशा उद्योग, 120 दरी एवं कालीन उद्योग, 1082 फर्नीचर, बढ़ई, 669 खाद्य प्रसंस्करण, हलवाई, 212 नाई, 137 टोकरी बुनकर, 120 कुम्हार, 95 राजमिस्त्री, 112 फुट वियर की मरम्मत से जुड़े कारीगर शामिल हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अनलॉक की कार्रवाई के पश्चात जो मार्गदर्शन दिया, उसके अनुरूप आज प्रदेश में आत्मनिर्भर भारत के अन्तर्गत बड़े पैमाने पर श्रमिकों और कामगारों के सेवायोजन, रोजगार व स्वतः रोजगार की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि होम क्वारंटीन के पश्चात जो श्रमिक व कामगार बाहर आएंगे, इन श्रमिकों के लिए भी राज्य सरकार के पास पर्याप्त रोजगार के अवसर हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार को सभी श्रमिकों व कामगारों को विभिन्न कार्यों से जोड़ने में सफलता मिलेगी। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री जी ने जनपद गोण्डा, बहराइच, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, जालौन तथा सन्तकबीर नगर के लाभार्थियों से संवाद किया। जनपद गोण्डा के विकास खण्ड हलधरमऊ की ग्राम पंचायत कमालपुर के मजरा विशुनपुरा गड़ेरियनपुरवा में गठित धनगर महिला स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष सुश्री विनीता पाल से संवाद कर समूह की महिलाओं का हौसला बढ़ाया। उल्लेखनीय है कि धनगर महिला स्वयं सहायता समूह ने लॉकडाउन के दौरान नर्सरी का प्रशिक्षण लिया तथा लॉकडाउन में सिलाई का काम बंद होने पर नर्सरी लगाने का कार्य किया, जिसके फलस्वरूप रोजगार सृजन के साथ ही सरकारी व निजी क्षेत्र की बिक्री से लाखों रुपए की धनराशि अर्जित की। प्रधानमंत्री जी ने जनपद बहराइच के ग्राम पंचायत रखोना, विकास खण्ड शिवपुर के प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी तिलक राम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वार्ता की। प्रधानमंत्री जी ने तिलक राम से पूछा कि आपको प्रधानमंत्री आवास मिला, इसके बदले आप प्रधानमंत्री को क्या देंगे? इस पर तिलक राम ने कहा कि मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि जीवन भर प्रधानमंत्री के पद पर बने रहें। प्रधानमंत्री जी ने श्री तिलक राम से वादा लिया कि वे अपने बच्चों को जितना पढ़ना चाहें, उतना पढ़ाएंगे। उन्होंने यह भी सीख दी कि बच्चों की पढ़ाई के लिए अगर थोड़ी परेशानी उठानी पड़े तो वह भी उठा लेनी चाहिए। प्रधानमंत्री जी ने जनपद सिद्धार्थनगर के विकास खण्ड नौगढ़, ग्राम पंचायत कोडरा ग्रांट के कुर्बान अली से भी संवाद किया। कुर्बान अली लॉकडाउन के दौरान मुम्बई से लौटे हैं। राजमिस्त्री का कार्य करने वाले कुर्बान अली को गांव में ही सामुदायिक शौचालय निर्माण का कार्य कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान सकुशल घर वापस लाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री जी ने जनपद गोरखपुर के विकास खण्ड पाली, ग्राम पंचायत टिकरिया खोर के नागेन्द्र सिंह से भी संवाद किया। श्री सिंह अहमदाबाद में स्टील कम्पनी में 8000 रुपये प्रतिमाह पर काम करते थे। 29 अप्रैल, 2020 को गांव वापस लौटने के पश्चात वह 15 दिन क्वारंटीन सेण्टर में रहे, जहां उन्हें मुद्रा लोन के बारे में जानकारी दी गयी। उन्होंने मुद्रा लोन से भैंस खरीदकर पशुपालन का कार्य शुरु किया। इससे उन्हें प्रतिदिन 200 रुपये की आय हो जाती है। प्रधानमंत्री जी ने संवाद के दौरान श्री सिंह को बताया कि केन्द्र सरकार ने पशुपालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनाने की व्यवस्था की है। उन्होंने सलाह दी कि श्री सिंह भी क्रेडिट कार्ड बनवा लें। प्रधानमंत्री जी ने श्री सिंह को पशुओं का टीकाकरण कराने के लिए भी कहा। प्रधानमंत्री जी ने जनपद जालौन के विकास खण्ड डकोर, ग्राम पंचायत बरहा के दीपू से भी वार्ता की। दीपू हैदराबाद में कूलिंग पाइप बनाने का काम करते थे। वर्तमान में वह बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के कार्य से जुड़े हुए हैं। वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री जी ने कहा कि बुन्देलखण्ड में पानी की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का भी निर्माण कराया जा रहा है। इससे इस क्षेत्र में भी रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध होंगे। प्रधानमंत्री जी ने जनपद सन्तकबीर नगर के विकास खण्ड व ग्राम पंचायत नाथनगर के रामचन्द्र तथा विकास खण्ड खलीलाबाद, ग्राम पंचायत दुघरा के श्री अमरेन्द्र कुमार से भी संवाद किया। रामचन्द्र की होजरी की छोटी सी दुकान है एक जनपद, एक उत्पाद योजना के तहत इन्हें 11 लाख रुपये का ऋण प्राप्त हुआ है। इसकी सहायता से श्री रामचन्द्र होजरी व रेडीमेड कपड़ों का उत्पादन भी कर रहे हैं। अमरेन्द्र कुमार की बेकरी की दुकान है। इन्हें पीएमईजीपी योजना के तहत 25 लाख रुपये की ऋण धनराशि प्राप्त हुई है। इस धनराशि से अमरेन्द्र कुमार, रस्क सहित अन्य बेकरी उत्पाद तथा नमकीन का उत्पादन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि लगन व निरन्तर परिश्रम से छोटे स्तर पर शुरु किये गये कार्य बड़े व्यवसायों में परिवर्तित हो जाते हैं। उन्होंने दोनों व्यवसायियों को समय से बैंक ऋण अदा करने का सुझाव दिया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह), ग्राम्य विकास राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला, मुख्य सचिव आर के तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक कुमार, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, निदेशक सूचना शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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