प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट के समस्त निर्णय अभिनन्दनीय : मुख्यमंत्री
> प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से एमएसएमई सेक्टर को संजीवनी मिली है : योगी आदित्यनाथ
> एमएसएमई सेक्टर को मिले पैकेज का सबसे अधिक लाभ उत्तर प्रदेश की 90 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयों को मिलेगा : मुख्यमंत्री
लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा लिए गये फैसलों का स्वागत करते हुए कहा है कि देश के 14 करोड़ से अधिक किसानों की खुशहाली प्रधानमंत्री जी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का न केवल वादा किया, बल्कि इसके लिए अनेक प्रभावी कदम भी उठाए हैं। हर खेत को पानी, पर ड्राप मोर क्रॉप, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी में लगातार बढ़ोत्तरी इसका प्रमाण है। प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने 14 फसलों का एमएसपी बढ़ाकर देश के अन्नदाता को मुस्कराने का एक और अवसर दिया। प्रधानमंत्री जी के इस निर्णय के साथ केन्द्रीय कैबिनेट के अन्य समस्त निर्णय अभिनन्दनीय हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने के साथ ही श्री नरेन्द्र मोदी जी के लिए किसानों के साथ समाज के सबसे वंचित वर्ग के जीवन में बदलाव लाना प्राथमिकता रही है। अब तक के उनके विभिन्न निर्णयों के केन्द्र में समाज का यही वर्ग रहा है। एक बार फिर केन्द्रीय कैबिनेट ने इसी वर्ग के हितों का ध्यान रखा है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से एमएसएमई सेक्टर को संजीवनी मिली है। न्यूनतम पूंजी, जोखिम और कम इंफ्रास्ट्रक्चर में स्थानीय स्तर पर सर्वाधिक रोजगार देने की सम्भावना वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को दिया गया पैकेज इस क्षेत्र के लिए वरदान सिद्ध होगा। इस क्षेत्र की सर्वाधिक इकाइयां उत्तर प्रदेश में हैं। बेहतर गुणवत्ता के साथ इनका उत्पादन बढ़ाने के लिए सर्वाधिक हुनरमंद भी उत्तर प्रदेश में ही हैं। लिहाजा इस सेक्टर को मिले पैकेज का सबसे अधिक लाभ भी यहां की 90 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयों को मिलेगा। इससे अर्थव्यवस्था में एक नयी जान आएगी। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वदेशी उत्पादों के जरिए, आत्म-निर्भर भारत की राह प्रशस्त होगी। इस क्षेत्र के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 20 हजार करोड़ रुपये के ऋण के प्रावधान और 50 हजार करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश के अनुमोदन से इस क्षेत्र के सबसे बड़े संकट (पूंजी की कमी) का हल निकलेगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के निवेश और कारोबार का दायरा बढ़ाकर भी केंद्रीय कैबिनेट ने सराहनीय कार्य किया है। पहली बार किसी ने पटरी दुकानदारों जैसे सब्जी, फल, चाय, आदि बेचने वालों की सुधि ली है। केन्द्र सरकार के निर्णय से देश के 50 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडरों के परिवार में खुशहाली आएगी। अब इनको मात्र 07 प्रतिशत ब्याज दर पर आसान किश्तों में साल भर के लिए 10 हजार रुपये का ऋण मिल सकेगा। कोरोना के अभूतपूर्व संकट के दौरान केन्द्रीय कैबिनेट ने जो भी फैसले लिए हैं वे ऐतिहासिक हैं। यह निर्णय नये भारत के निर्माण में मील का पत्थर सिद्ध होंगे।