राज्य के सभी श्रमिकों व कामगारों के पंजीकरण की इंटीग्रेटेड व्यवस्था होनी चाहिए : मुख्यमंत्री
> मुख्यमंत्री के समक्ष मोबाइल एप आभा-आत्मनिर्भर भारत तथा रोजगार जंक्शन पोर्टल व 'सेवा मित्र मोबाइल एप का प्रस्तुतीकरण।
> आभा आत्मनिर्भर भारत एप को निरन्तर विकसित किया जाता रहेगा : एसीएस व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास
> दैनिक आवश्यकताओं हेतु श्रम शक्ति प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगी सेवा मित्र मोबाइल एप : निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन
लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष 24 जून, 2020 को उनके सरकारी आवास पर व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा मोबाइल एप आभा आत्मनिर्भर भारत तथा श्रम विभाग द्वारा रोजगार जंक्शन पोर्टल व सेवा मित्र मोबाइल एप का प्रस्तुतीकरण किया गया। प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि प्रदेश के युवाओं, श्रमिकों, कामगारों के सेवायोजन, रोजगार तथा स्वत:रोजगार आदि के लिए इंटीग्रेटेड व्यवस्था विकसित की जाए। उन्होंने कहा कि एप व पोर्टल में अन्य राज्यों से वापस आये श्रमिकों व कामगारों सहित राज्य के सभी श्रमिकों व कामगारों के पंजीकरण की व्यवस्था होनी चाहिए। आभा–आत्मनिर्भर भारत मोबाइल एप का प्रस्तुतीकरण करते हुए अपर मुख्य सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास श्रीमती एस राधा चौहान ने बताया कि एप में स्किल मैपिंग की सुविधा के साथ ही, श्रमिक और कामगार के लिए प्रशिक्षण हेतु पंजीकरण की सुविधा भी है। श्रमिकों को 50 ट्रेड्स में कौशल प्रशिक्षण का विकल्प है। इसमें से वरीयता अनुसार किन्हीं 03 ट्रेड्स का चुनाव किया जा सकता है। इसके अलावा, एप में जानकारीपरक वीडियोज दिए गए हैं। एप के माध्यम से श्रमिक कल्याण की शासकीय योजनाओं के सम्बन्ध में भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने बताया कि एप को निरन्तर विकसित किया जाता रहेगा। इससे समय के साथ यह श्रमिकों के लिए और उपयोगी बन जाएगा। श्रम विभाग के रोजगार जंक्शन पोर्टल व सेवा मित्र मोबाइल एप का प्रस्तुतीकरण करते हुए निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन कुणाल सिल्कू द्वारा अवगत कराया गया कि इस पोर्टल व मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से बहुआयामी सेवाएं उपलब्ध होंगी। इनमें राज्य में वापस आये श्रमिकों सहित प्रदेश के सभी श्रमिकों को पंजीयन की सुविधा होगी। साथ ही, शासकीय विभागों व उपक्रमों, निजी प्रतिष्ठानों तथा व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को दैनिक आवश्यकताओं हेतु श्रम शक्ति प्राप्त करने की सुविधा होगी। श्रमिकों के पंजीयन के साथ ही, सत्यापन भी किया जाएगा। इस पोर्टल और एप के माध्यम से विभिन्न जरूरतों के लिए आवश्यक कर्मकार एक ही पोर्टल पर उपलब्ध हो जाएंगे। बेहतर कर्मकारों के लिए शीघ्रता से उचित पारिश्रमिक प्राप्त करना सरल होगा। निजी क्षेत्र को भी पुलिस प्रशासन द्वारा सत्यापित श्रमिक व कामगार उपलब्ध हो सकेंगे। जीपीएस के माध्यम से व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को निकट उपलब्ध कर्मकार के सम्बन्ध में जानकारी मिल सकेगी। जनसुविधा केन्द्रों से भी प्रशिक्षित कामगारों की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि पोर्टल व एप पर कार्य की गुणवत्ता की ग्राहक द्वारा रेटिंग भी सम्भव है। साथ ही, एप के माध्यम से प्राप्त जॉब्स के लिए किए गए भुगतान की गणना भी सम्भव है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चन्द्रा, प्रमुख सचिव आवास एवं नगरीय नियोजन दीपक कुमार, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।