सड़क सुरक्षा के अपेक्षित उपायों को पूर्ण करने पर तत्परता से कार्य कर रहा है लोक निर्माण विभाग

> सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने हेतु उपायों के तहत सूचना बोर्ड, जेब्रा क्रासिंग, रम्बल स्ट्रिप, क्रैश बैरियर, स्पीड टेबल एवं पुलियों की मरम्मत कराई गई है।


> विभागीय अभियन्ताओं को रोड सेफ्टी के विभिन्न पहलुओं की जानकारी प्रदान करने हेतु दिलाया जा रहा है प्रशिक्षण।


प्रतिष्ठित संस्थानों को सौंपा गया है रोड सेफ्टी ऑडिट का कार्य, उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आख्या प्राप्त होने पर लोक निर्माण विभाग द्वारा तत्परता से सुधार कार्य कराये जायेंगे।



लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल दिशा निर्देशन में प्रदेश में मार्ग दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री के कड़े निर्देशन में मार्गों की डीपीआर गठन से लेकर मार्गों के निर्माण के बाद भी सड़क सुरक्षा के अपेक्षित उपायों को पूर्ण करने पर विभाग तत्परता से कार्य कर रहा है। उप मुख्यमंत्री ने विभाग के उच्च स्तरीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सड़कों के निर्माण में रोड सेफ्टी के प्रॉपर इंतजाम किए जाएं और ताकि सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित किया जा सके। लोक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2019-20 में लोक निर्माण विभाग के अधीन समस्त श्रेणी के मार्गों पर रोड साईनेज एवं रोड मार्किंग, चौराहे एवं तिराहों पर गति नियंत्रण हेतु रम्बल स्ट्रिप तथा शहरी भागों में स्कूल अथवा हास्पिटल के निकट स्पीड टेबल, ऊँचे तटबन्ध वाले भागों में क्रैश बैरियर के निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। संकरी के पुलियों तथा क्षतिग्रस्त पुलियों की मरम्मत पर भी विषेष ध्यान दिया जा रहा है। इन उपायों के तहत 66415 सूचना बोर्ड, 19111 जेब्रा क्रासिंग, 17200 रम्बल स्ट्रिप, 332 क्रैश बैरियर, 1166 स्पीड टेबल एवं 623 पुलियों की मरम्मत कराई गई है। प्रत्येक वर्ष दुर्घटनाओं की संख्या के आधार पर परिवहन विभाग द्वारा सड़क परिहवन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार मार्गों द्वारा दी गई परिभाषा के अनुसार ब्लैक स्पाॅट चिन्हित किये जाते हैं। यह ब्लैक स्पाॅट अधिक दुर्घटना वाले स्थल होते हैं। विभागीय मार्गों पर चिन्हित ब्लैक स्पाॅट पर गति नियंत्रण हेतु रम्बल स्ट्रिप, पैदल यात्रियों हेतु जेब्रा क्रासिंग एवं सूचना बोर्ड लगाकर तात्कालिक उपाय तुरन्त पूर्ण किये गये हैं। इन स्थलों पर दुर्घटना के कारणों के विस्तृत विश्लेषण एवं उसके अनुसार वांछित दीर्घकालीन उपायों की जानकारी हेतु, जिनमें सामान्यतः अधिक लागत एवं समय लगता है, हेतु रोड सेफ्टी ऑडिट का कार्य प्रतिष्ठित संस्थानों यथा, सीआरआरआई, दिल्ली, आईआईटी दिल्ली एवं आईआईटी वाराणसी को सौंपा गया है। उक्त संस्थानों से रोड सेफ्टी विषेषज्ञ विभागीय अभियन्ताओं के साथ स्थल का निरीक्षण कर दुर्घटना रोकने हेतु उपायों की आख्या प्राप्त होने पर विभाग द्वारा तत्परता से सुधार कार्य कराये जायेंगे। विभागीय अभियन्ताओं को रोड सेफ्टी के विभिन्न पहलुओं की जानकारी प्रदान करने हेतु प्रतिष्ठित संस्थानों से प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। अब तक 220 अभियन्ताओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिसमें 98 सहायक अभियन्ता, 85 अधिशासी अभियन्ता, 26 अधीक्षण अभियन्ता एवं 02 मुख्य अभियन्ता स्तर के अधिकारी सम्मिलित हैं। इन प्रशिक्षणों में रोड सेफ्टी के सिद्धान्तों के साथ-साथ ऑडिट का स्थलीय प्रशिक्षण भी दिया जाता है। प्रशिक्षण के उपरान्त अभियन्ताओं को विभाग में प्रस्तावित परियोजनाओं में रोड सेफ्टी के प्राविधान करने में सहायता प्राप्त होती है। लोक निर्माण विभाग द्वारा रोड सेफ्टी कार्यों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किये हैं, जिनके आधार पर विगत् 02 वर्षों से प्रतिवर्ष प्रत्येक खण्ड से समस्त श्रेणी के मार्गों पर वांछित रोड सेफ्टी कार्यों के प्राविधानों सहित 01 आगणन प्राप्त किया जाता है। इसके साथ ही, मार्गों की क्षमता वृद्धि से सम्बन्धित प्रस्तावित परियोजनाओं यथा चौड़ीकरण, सुदृढीकरण के आगणनों में रोड सेफ्टी के प्राविधान अनिवार्य रूप से पृथक खण्ड में किये जाते हैं। इससे सड़क सुरक्षा के प्राविधानों का अनुश्रवण सम्भव हुआ है। वर्ष 2018-19 में सड़क सुरक्षा कार्यों हेतु 125 करोड़ रुपए के कार्य स्वीकृत कर पूर्ण कराये जा चुके हैं तथा वर्ष 2019-20 में 65 करोड़ रुपए लागत के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। विभाग द्वारा रोड सेफ्टी के कार्य पूरी संवेदनशीलता व गम्भीरता के साथ किये जा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री श्री मौर्य द्वारा इस कार्य का विशेष रूप से अनुश्रवण किया जा रहा है।


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