संस्कृति विवि की वेबिनार में बोले प्रदेश के कौशल विकास मंत्री, युवाओं को मिले आधुनिक तकनीक का सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण

> प्रदेश सरकार के कौशल विकास मिशन के तहत अब तक इस योजना में साढ़े 5 करोड़ लोगों का पंजीकरण हो चुका है।


> गोबर, मूत्र, फूलों से इत्र, धूप के उद्यम के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित कर उन्हें स्वयं का उद्दयोग खड़ा करने वाला बनाने के प्रयास में लगा है संस्कृति विश्वविद्यालय मथुरा।



कपिल देव अग्रवाल माननीय मंत्री, व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास, उत्तर प्रदेश ने "वर्तमान परिदृश्य में उद्योगों के व्यापार को बढ़ाने के लिए कुशल जनशक्ति के महत्व" पर अपनी राय दी।


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ इंजीनियरिंग मथुरा द्वारा आयोजित महत्वपूर्ण वेबिनार में मुख्य अतिथि प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा व कौशल विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि युवाओं को आधुनिक तकनीक का सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। इस लक्ष्य की पूर्ति में जो भी अवरोध हैं, उन्हें शीर्ष प्राथमिकता पर लेकर दूर किया जायेगा। उन्होंने मथुरा के छाता स्थित विश्वविद्यालय संस्कृति विवि के नाम और काम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां के विद्यार्थियों की जिम्मेवारी बनती है कि वे अपने परिश्रम से विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा दिलाएं। कौशल विकास मंत्री ने विद्यार्थियों को सकारात्मकता के महत्व को बताते हुए ऋणात्मक विचारों का परित्याग करने की सलाह दी। उन्होंने सुझाव दिया कि हर विद्यार्थी एक डायरी बनाए और उसमें हर दिन दो बिंदुओं पर जरूर अपना विचार लिखे, पहला कि आज दिनभर उसने अपने कैरियर के विकास के लिए क्या किया। दूसरा यह कि दिनभर में उसने समाज, देश के लिए कौन सी जिम्मेदारी पूरी की। सरकार यह प्रयास कर रही है कि प्रदेश के युवाओं को अन्र्तराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरुप प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार के लिए विदेशों में भेजा जाए, जिससे देश को अधिक से अधिक विदेशी मुद्रा प्राप्त हो और आर्थिक विकास में कौशल विकास का बड़ा हिस्सा हो। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार के कौशल विकास मिशन की जानकारी देते हुए बताया कि अब तक इस योजना में साढ़े 5 करोड़ लोगों का पंजीकरण हो चुका है। इसमें दो तरह के पंजीकरण हुए हैं एक तो वे जो स्किल्ड हैं और दूसरा वे जो अनस्किल्ड हैं। जो अनस्किल्ड हैं उनको कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा और जो कौशलयुक्त हैं उनके लिए रोजगार की व्यवस्था की जा रही है। कोरोना महामारी की विभीषिका का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री जी द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने जब भी मौका आया है देश हित में ठोस कदम उठाए हैं, चाहे वो सर्जिकल स्ट्राइक हो या फिर सीमा पर किसी देश द्वारा अतिक्रमण की कोशिश हो। इससे पूर्व संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कोविड-19 के संदर्भ में कहा कि हमको अब इसके साथ जीने की आदत डालनी होगी। उन्होंने बताया कि संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा सजगता बरतते हुए समय रहते ही ऑनलाइन क्लासेज प्रारंभ कर विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम तो पूरे कराए ही गए साथ ही साथ विशेषज्ञों के द्वारा कौशल विकास के उपायों को वेबिनार के माध्यम से विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया गया। कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल को संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा नई दिशा में किये जा रहे प्रयासों को विस्तार से बताया गया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय स्थानीय क्षमता और साधनों का भरपूर उपयोग कर गाय से प्राप्त गोबर, मूत्र, फूलों से इत्र, धूप के उद्यम के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित कर उन्हें स्वयं का उद्दयोग खड़ा करने वाला बनाने के प्रयास में लगा है। विश्वविद्यालय की सोच है कि विद्यार्थी स्वयं उद्यमी बनें न की रोजगार पाने के लिए दर-दर भटकें। इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दी जारी निशुल्क शिक्षा और प्रशिक्षण की भी जानकारी दी। पूर्व में मुख्य अतिथि श्री अग्रवाल का स्वागत संस्कृति विश्वविद्यालय की ओर से स्कूल आफ इंजीनियरिंग के डीन डॉ सुरेश कासवान ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलपति डा राणा सिंह ने किया।


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