उ म रे द्वारा कोविड -19 के खिलाफ चलाये गये अभियान में रेल सुरक्षा बल द्वारा सभी मोर्चों पर सराहनीय योगदान दिया गया
> रेलकर्मियों ने इस विषम परिस्थिति में अपनी पूर्ण समर्पण, ईमानदारी और कड़ी मेहनत द्वारा मौजूदा समय में राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के पहियों को चालू रखा है।
> रेलवे सुरक्षा बल ने श्रमिक विशेष गाड़ियों में 16 बच्चों की सुरक्षित डिलीवरी में रेलवे डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भी सहायता की।
प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त उ० म० रे श्री रविंद्र वर्मा के नेतृत्व में रेल सुरक्षा बल के जवानों द्वारा प्रयागराज ज० के आसपास रह कर जीवन यापन करने वाले गरीब, अनाथ, बेसहारा एवं अन्य श्रमिकों को सैनिटाइजर से हाथ धुलवाने के पश्चात खाना व पानी का वितरण किया गया। (फोटो : सीपीआरओ एनसीआर)
प्रयागराज (मुख्य संवाददाता, उ म रे)। कोविड – 19 को ध्यान में रखते हुये, उत्तर मध्य रेलवे ने इस महामारी के प्रसार को रोकने हेतु कई कदम उठाने के साथ-साथ अपनी दैनिक परिचालन और रखरखाव गतिविधियों को भी निरंतर जारी रखा। उत्तर मध्य रेलवे कोरोना योद्धाओं की टीम के 60,000 मजबूत सदस्यों ने देश के प्रत्येक भाग में यात्रियों और सामानों को सुरक्षित, समयबद्ध और परेशानी मुक्त परिवहन सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम किया है। हमारे मूल्यवान ग्राहकों की सेवा करने के साथ-साथ, रेलवे कोरोना योद्धाओं की टीम ने कोरोना वायरस को दूर रखने के लिये निरंतर काम करती रही ताकि उत्तर मध्य रेलवे देश की सभी महत्वपूर्ण परिवहन आवश्यकताओं को पूरा कर सके। उत्तर मध्य रेलवे के विभिन्न सम्भागों के प्रत्येक रेलकर्मियों ने इस विषम परिस्थिति में अपनी पूर्ण समर्पण, ईमानदारी और कड़ी मेहनत द्वारा मौजूदा समय में राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के पहियों को चालू रखा है। रेलवे सुरक्षा बल कोविड -19 के खिलाफ इस लड़ाई में अग्रणी योगदानकर्ता रहा है और उसने कोविड -19 के खिलाफ उत्तर मध्य रेलवे के प्रयास में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। लॉकडाउन की शुरुआत में, रेलवे सुरक्षा बल ने सभी खाली कोचिंग रेकों, 400 से अधिक स्टेशनों और अन्य रेलवे संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ मानवीय दृष्टिकोण के तहत रेलवे स्टेशनों के निकट 30,000 से अधिक असहाय और फंसे व्यक्तियों को नि: शुल्क भोजन भी उपलब्ध कराया। इसी क्रम में श्रमिक विशेष गाड़ियों में 16 बच्चों की सुरक्षित डिलीवरी में रेलवे डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भी सहायता की। उत्तर मध्य रेलवे परिक्षेत्र में 429 समय-सारणीबद्ध पार्सल ट्रेनों, खाली कोचिंग रेकों सहित 4500 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की एस्कार्टिंग के वृहद कार्य को संभालने के अतिरिक्त रेल सुरक्षा बल ने 138 प्रारम्भिक, 202 टर्मिनेटिंग और उत्तर मध्य रेलवे परिक्षेत्र में निर्धारित ठहराव वाली 70 श्रमिक विषेश गाड़ियों में स्टेशन पर डी-बोर्डिंग, बोर्डिंग, यात्रियों में सोशल डिस्टैनसिंग आदि कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई है। 12 मई से वातानुकूलित स्पेशल गाड़ियों और 1 जून से अन्य विशेष ग़ाड़ियों के परिचालन प्रारम्भ होने के साथ, उत्तर मध्य रेलवे में ठहराव वाली 126 स्पेशल गाड़ियों के लिए रेल सुरक्षा बल द्वारा ट्रेनों की एस्कोर्टिंग और स्टेशनों पर होने वाली गतिविधियों का कुशलता से संचालन किया जा रहा है। रेल सुरक्षा बल कर्मियों ने लॉकडाउन के दौरान सुरक्षा बल के परिवार के सदस्यों के लिए ऑनलाइन क्विज़ प्रतियोगिताओं के आयोजन, रेलवे कॉलोनियों में कोरोना सम्बंधी विभिन्न जागरूकता अभियान, जिसमें भिक्षु का भेष बनाना इत्यादि सम्मिलित था। गीतों के माध्यम से मनोबल बढ़ाने कार्यों आदि के सम्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उत्तर मध्य रेलवे के रेल सुरक्षा बल ने अपने अथक प्रयासों से न केवल अपने निर्धारित कर्तव्यों का निर्वहन किया है, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण दिखाते हुए सभी का दिल भी जीता है जो कि रेल सुरक्षा बल के मिशन "यशो लभस्व" को पूर्णतः सिद्ध करती है।