भारत ने बहुत ही तेज़ गति से अपनी क्षमताओं का विस्तार किया, आज भारत में 11 हजार से ज्यादा कोविड फैसिलिटीज हैं : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
> प्रधानमंत्री ने कोलकाता, मुंबई और नोएडा में तेजी से जांच करने वाली कोविड परीक्षण सुविधाओं का शुभारम्भ किया।
> मुम्बई, कोलकाता और नॉएडा समेत एनसीआर में टेस्ट की जो उपलब्ध कपैसिटी है, उसमें 10 हज़ार टेस्ट की कैपेसिटी और जुड़ने जा रही है।
> आज भारत में कोरोना संक्रमित होने के बाद, ठीक होने वालों की संख्या करीब-करीब 10 लाख पहुंचने वाली है : प्रधानमंत्री
> कोरोना स्पेसिफिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण हेतु 15 हजार करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया गया: प्रधानमंत्री
> आज भारत में 5 लाख से ज्यादा टेस्ट हर रोज हो रहे हैं, आने वाले हफ्तों में इसको 10 लाख प्रतिदिन करने की कोशिश हो रही है : प्रधानमंत्री
> मुख्यमंत्रियों ने इन सुविधाओं की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया और मुश्किल परिस्थितियों में उनके नेतृत्व की सराहना की।
6 महीने पहले जहां देश में व्यवस्थाएं नहीं थीं लेकिन आज :
भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पी पी ई किट मैन्युफैक्चरर है।
1200 से ज्यादा मैन्यूफैक्चरर हर रोज 5 लाख से ज्यादा पी पी ई किट बना रहे हैं।
भारत में हर साल 3 लाख वेंटिलेटर बनाने की प्रोडक्शन कैपेसिटी विकसित हो चुकी है।
नई दिल्ली (पी आई बी)। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार 27 जुलाई 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बेहद तेज गति से काम करने वाली 3 कोविड-19 परीक्षण सुविधाओं का शुभारम्भ किया। ये सुविधाएं आईसीएमआर के कोलकाता, मुंबई और नोएडा स्थित तीन राष्ट्रीय संस्थानों में शुरू की गई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाओं से तीनों शहरों की परीक्षण क्षमता लगभग 10,000 जांच (प्रति शहर) प्रति दिन तक बढ़ जाएगी। ज्यादा संख्या में जांच से बीमारी के जल्दी पता लगाने और उपचार में सहायता मिलेगी, जिससे वायरस के प्रसार को रोकना आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ये प्रयोगशालाएं सिर्फ कोविड की जांच के लिए ही सीमित नहीं है, बल्कि भविष्य में इनमें हेपेटाइटिस बी और सी, एचआईवी, डेंगू और कई अन्य बीमारियों का परीक्षण भी संभव होगा। प्रधानमंत्री जी के सम्बोधन का मूल पाठ - नमस्कार!! देश के करोड़ों नागरिक कोरोना वैश्विक महामारी से बहुत बहादुरी से लड़ रहे हैं। आज जिन हाई टेक स्टेट ऑफ़ द आर्ट टेस्टिंग फेसिलिटी का लांच हुआ है। उससे पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में और ताकत मिलने वाली है। साथियों, दिल्ली- एनसीआर, मुंबई और कोलकाता, आर्थिक गतिविधियों के बड़े सेंटर हैं। यहां देश के लाखों युवा अपने करियर को, अपने सपनों को पूरा करने आते हैं। अब इन तीनों जगह टेस्ट की जो उपलब्ध कपैसिटी है, उसमें 10 हज़ार टेस्ट की कैपेसिटी और जुड़ने जा रही है। अब इन शहरों में टेस्ट और ज्यादा तेज़ी से हो सकेंगे। एक अच्छी बात ये भी है कि ये हाईटेक लैब्स सिर्फ कोरोना टेस्टिंग तक ही सीमित रहने वाली नहीं हैं। भविष्य में, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी, एचआईवी, डेंगू सहित अनेक बीमारियों की टेस्टिंग के लिए भी इन लैब्स में सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसी व्यवस्थाएं तैयार करने के लिए इंडियन कॉउन्सिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च और दूसरी संस्थाओं से जुड़े साथियों को भी बहुत-बहुत बधाई। साथियों, देश में जिस तरह सही समय पर सही फैसले लिए गए, आज उसी का परिणाम है कि भारत अन्य देशों के मुकाबले, काफी संभली हुई स्थिति में है। आज हमारे देश में कोरोना से होने वाली मृत्यु, बड़े-बड़े देशों के मुकाबले, काफी कम है। वहीं हमारे यहां रिकवरी रेट अन्य देशों के मुकाबले बहुत ज्यादा है और दिनों-दिन और सुधर रहा है। आज भारत में कोरोना संक्रमित होने के बाद, ठीक होने वालों की संख्या करीब-करीब 10 लाख पहुंचने वाली है। साथियों, कोरोना के खिलाफ इस बड़ी और लंबी लड़ाई के लिए सबसे महत्वपूर्ण था कि देश में तेजी के साथ कोरोना स्पेसिफिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो। इसी वजह से बहुत शुरुआत में ही केंद्र सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान कर दिया था। आइसोलेशन सेंटर हों, कोविड स्पेशल हॉस्पिटल हों, टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रैकिंग से जुड़ा नेटवर्क हो, भारत ने बहुत ही तेज़ गति से अपनी क्षमताओं का विस्तार किया। आज भारत में 11 हजार से ज्यादा कोविड फैसिलिटीज हैं, 11 लाख से ज्यादा आइसोलेशन बेड्स हैं। साथियों, जनवरी में हमारे पास कोरोना के टेस्ट के लिए जहां मात्र एक सेंटर था, आज करीब 1300 लैब्स पूरे देश में काम कर रही हैं। आज भारत में 5 लाख से ज्यादा टेस्ट हर रोज हो रहे हैं। आने वाले हफ्तों में इसको 10 लाख प्रतिदिन करने की कोशिश हो रही है। साथियों, कोरोना महामारी के दौरान हर कोई सिर्फ एक ही संकल्प के साथ जुटा है कि एक-एक भारतीय को बचाना है। इस संकल्प ने भारत को हैरतअंगेज परिणाम दिए हैं। विशेषकर पी पी ई, मास्क और टेस्ट किट्स को लेकर भारत ने जो किया, वो एक बड़ी सक्सेस स्टोरी है। एक समय भारत में एक भी पी पी ई किट नहीं बनती थी। आज भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पी पी ई किट मैन्युफैक्चरर है। सिर्फ 6 महीना पहले देश में एक भी पी पी ई किट मैन्यूफैक्चरर नहीं था। आज 1200 से ज्यादा मैन्यूफैक्चरर हर रोज 5 लाख से ज्यादा पी पी ई किट बना रहे हैं। एक समय भारत एन - 95 मास्क भी बाहर से ही मंगवाता था। आज भारत में 3 लाख से ज्यादा एन - 95 मास्क हर रोज बन रहे हैं। एक समय था जब भारत वेंटिलेटर्स के लिए भी दूसरे देशों पर निर्भर था। आज भारत में हर साल 3 लाख वेंटिलेटर बनाने की प्रोडक्शन कैपेसिटी विकसित हो चुकी है। इस दौरान मेडिकल ऑक्सीजन सिलिंडर के प्रोडक्शन में भी बहुत वृद्धि की गई। सभी के इन सामूहिक प्रयासों की वजह से आज न सिर्फ लोगों का जीवन बच रहा है, बल्कि जो चीजें हम आयात करते थे, अब देश उनका एक्सपोर्टर बनने जा रहा है। साथियों, इतने कम समय में इतना बड़ा फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना, कितनी बड़ी चुनौती रही है, इससे भी आप परिचित हैं। एक और बड़ा चैलेंज था, कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए देश में ह्यूमन रिसोर्स को तैयार करना। जितने कम समय में हमारे पैरामेडिक्स, आशावर्कर्स, ए एन एम, आंगनबाड़ी और दूसरे हेल्थ और सिविल कामगारों को ट्रेन किया गया, वो भी अभूतपूर्व है। आज अगर भारत की कोरोना से लड़ाई को देखकर दुनिया अचंभित है, बड़ी-बड़ी आशंकाएं गलत साबित हो रहीं हैं तो इसका एक बड़ा कारण हमारे ये फुट सोल्जर भी हैं। साथियों, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आज हम उस स्थिति पर आ चुके हैं, जहां हमारे पास जागरूकता की कमी नहीं है, साइंटिफिक डेटा का विस्तार हो रहा है और संसाधन भी बढ़ रहे हैं। अब हमें राज्य के स्तर पर, जिला-ब्लॉक और गांव के स्तर पर डिमांड और सप्लाई के मैनेजमेंट को और मजबूत करना है। हमें मिलकर नया हेल्थ इंफ्रा तो तैयार करना ही है, जो हमारे पास गांव-गांव में सरकारी और प्राइवेट डिस्पेंसरीज़ हैं, क्लीनिक हैं, उनको ज्यादा सक्षम भी बनाना है। ये हमें इसलिए भी करना है ताकि हमारे गांवों में कोरोना से लड़ाई कमजोर न पड़े। अभी तक गांवों ने इसमें बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। और इसके साथ ही हमें इस बात का ध्यान रखना है कि हमारे कोरोना योद्धा किसी तरह की थकान का शिकार ना हो। हमें नए और रिटायर्ड प्रोफेशनल्स को हेल्थ सिस्टम से जोड़ने के लिए भी लगातार काम करना होगा। साथियों, आने वाले समय में बहुत से त्यौहार आने वाले हैं। हमारे ये उत्सव, उल्लास का कारण बनें, लोगों में संक्रमण न फैले इसके लिए हमें हर सावधानी रखनी है। हमें ये भी देखते रहना होगा कि उत्सव के इस समय में गरीब परिवारों को परेशानी ना हो। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ हर गरीब परिवार तक समय पर पहुंचे, हमें ये भी सुनिश्चित करना है। साथियों, हमारे देश के टैलेंटेड वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन के लिए तेज़ी से काम कर रहे हैं। लेकिन जब तक कोई प्रभावी दवा या वेक्सीन नहीं बनती, तब तक मास्क, 2 गज़ की दूरी, हैंड सेनिटाइज़ेशन ही हमारा विकल्प है। हमें खुद भी बचना है और घर में छोटी-बड़ी आयु सभी परिजनों को भी बचाना है। मुझे विश्वास है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई, हम सभी मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे। एक बार फिर इन हाईटेक सुविधाओं के लिए बहुत-बहुत बधाई। आपका बहुत-बहुत आभार !!!