लार्सन एंड टुब्रो और सोमपुरा मार्बल्स मिलकर करेंगे भव्य राम मंदिर का निर्माण

श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की दूसरी बैठक संपन्न .....


> श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में प्रधानमंत्री कार्यालय को मंदिर शिलान्यास की भेजी 2 तिथियां।


> प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम के दृष्टिगत पीएमओ करेगा समग्र चिंतन : चम्मप्त राय


> 161 फ़ीट ऊंचा गगनचुम्बी होगा राम मंदिर : कामेश्वर चौपाल


> 3-3.5 वर्षों के भीतर मंदिर निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद।



अयोध्या (का उ सम्पादन)। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक सर्किट हाउस अयोध्या में संपन्न हुई। बैठक में राम मंदिर निर्माण के सम्बंध में चर्चा की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को श्री राम मंदिर की आधारशिला रखे जाने हेतु आमंत्रित किया गया है, अब प्रधानमंत्री कार्यालय तय करेगा कि प्रधानमंत्री मोदी को किस तिथि में आना है। श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासियों की ये दूसरी बैठक अयोध्या के सर्किट हाउस में संपन्न हुई। मूलतया ये बैठक अयोध्या धाम में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में होनी थी लेकिन कोरोना महामारी के दृष्टिगत अंतिम समय पर इसका स्थान परिवर्तित करना पड़ा ताकि सभी पदाधिकारी सब प्रकार से सुरक्षित रहें। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जगतगुरु मथुराचार्य, विश्व प्रसन्न तीर्थ जी महाराज, ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज व केशव पराशरण जुड़े थे। 11 ट्रस्टी बैठक में थे। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने मीडिया को बताया कि बैठक में 3 व 5 अगस्त तारीख भेजी गई है भूमि पूजन के लिए। 3 य 5 अगस्त को पीएम मोदी अयोध्या में करें भूमि पूजन इसका निवेदन नृत्य गोपाल दास जी महाराज ने किया है। उन्होंने बताया कि बैठक में राम मंदिर के स्वरूप पर भी चर्चा हुई। चर्चा के अनुसार मंदिर के नक्शे में बदलाव किया जाएगा। अब मंदिर में 3 गुम्बद जो थे उसके साथ 2 और गुम्बद होंगे। मंदिर की ऊंचाई भी प्रस्तावित नक्शे से अब ज़्यादा होगी। मंदिर की ऊंचाई अब 138 फ़ीट से बढ़कर 161 फ़ीट होगी। ट्रस्ट के बैठक में शिलान्यास के लिए पीएम को 3 अगस्त और 5 अगस्त की निमंत्रण की तारीख भेजी गई। रामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महामंत्री चम्मप्त राय ने अपने बयान में मीडिया को बताया कि ये प्रसन्नता का विषय रहा कि 11 ट्रस्टी बैठक में उपस्थित थे। 4 ट्रस्टी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर लगातार 3 घंटे बैठे रहे। उडुप्पी के ताजवर मठ के जगतगुरु मथुराचार्य, विश्व प्रसन्न तीर्थ जी महाराज चातुर्मास के कारण अपने स्थान पर थे। प्रयागराज में ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज भी चातुर्मास के कारण अपने स्थान पर उपस्थित थे। सर्वोच्च न्यायलय के 94 वर्षीय तमिल नाडु के वरिष्ठतम अधिवक्ता एवं ट्रस्ट के गठनकर्ता केशव पराशरण भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने कहा कि मंदिर बनाने के लिए वित्तीय सहायता के लिए चर्चा थी कि मानसून के बाद देश के 4 लाख इलाकों में 10 करोड़ परिवारों से संपर्क किया जाएगा, और जब स्थिति सामान्य हो जाएगी। स्थिति सामान्य हो जाने के बाद, धन एकत्र किया जाता है और मंदिर के निर्माण के लिए सभी ड्रॉइंग्स पूरे होते हैं, हमें लगता है कि 3-3.5 वर्षों के भीतर निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। लार्सन एंड टुब्रो मिट्टी परीक्षण के लिए नमूने एकत्र कर रहा है। मंदिर की नींव का निर्माण मिट्टी की ताकत के आधार पर 60 मीटर नीचे किया जाएगा। ड्राइंग के आधार पर नींव बिछाने का काम शुरू हो जाएगा। आज यह निर्णय लिया गया कि ईंटें सोमपुरा मार्बल्स ईंटों द्वारा प्रदान की जाएंगी। लार्सन एंड टुब्रो अपना काम करेंगे और ईंटों से संबंधित काम सोमपुरा मार्बल्स द्वारा किया जाएगा। दोनों मिलकर एक भव्य मंदिर का निर्माण करेंगे। प्रधानमंत्री जी को पूज्य स्वामी नृत्य गोपाल दास जी महाराज ने प्रधानमंत्री जी को निवेदन किया है। तिथियों का सुझाव भी दिया है, अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री कार्यालय को ही करना है। पीएमओ समग्र होलिस्टिक चिंतन करेगा और पीएमओ से जब सहमति आएगी तब 8 से 10 दिन पहले समाचार आ जाएगा तब तत्काल मीडिया को जानकारी दी जायेगी। 


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