प्रभु श्री राम के जन्म के मुहूर्तकाल में रखी जाएगी भव्य राम मंदिर की आधारशिला

> पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 51 किलो की रजत शिला का पूजन करेंगे।


> ये पूजन के प्रमुख चार चरण हैं-


> सुबह 8.30 बजे गणपति का पूजन। 


> भगवान भास्कर सहित नवग्रहों का पूजन। 


> 5 नदियों के जल से पूजन होगा। प्रयागराज की त्रिवेणी, अयोध्या से सरयू और नर्मदा के जल लाया जाएगा। 


> वरुण, इंद्र सहित सभी देवी-देवताओं का पूजन।



अयोध्या (का उ सम्पादन)। अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर की आधारशिला 5 अगस्त को उनके जन्म के मुहूर्तकाल में रखी जाएगी। सुबह गौरी-गणेश की पूजा के साथ ही पांच पावन नदियों के जल से अनुष्ठान होगा। नवग्रह, सभी देवी-देवताओं की पूजा की जाएगी। सभी अनुष्ठान काशी विद्वत परिषद को सौंपी गई है। परिषद ने वेदांत, धर्मशास्त्र और ज्योतिष के तीन विद्वानों के नामों पर मुहर लगाई है, जो भूमि और शिला पूजन पूर्वी विधि से संपन्न कराएंगे। पांच अगस्त को अभिजित मुहूर्त में होने वाला भूमि पूजन शास्त्रों के अनुसार हो, इसकी निगरानी करने के लिए काशी विद्वत परिषद के तीन पदाधिकारियों को अयोध्या आमंत्रित किया गया है। काशी विद्वत परिषद के मंत्री प्रो रामनारायण द्विवेदी के अनुसार भूमि पूजन तीन चरणों में संपन्न होगा। भूमिपूजन के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से 11 वैदिक ब्राह्मणों को अयोध्या बुलाया गया है। काशी विद्वत परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ज्योतिषविद् पं रामचंद्र पांडेय, बीएचयू के ज्योतिष विभागाध्यक्ष एवं परिषद के संगठन मंत्री पं विनय कुमार पांडेय और मंत्री प्रो रामनारायण द्विवेदी 4 अगस्त की शाम अयोध्या रवाना होंगे। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 51 किलो की रजत शिला का पूजन करेंगे। सोमवार 20 जुलाई को काशी विद्वत परिषद् की ऑनलाइन बैठक हुई। बैठक में अध्यक्ष प्रो रामयत्न शुक्ल, महामंत्री प्रो शिवजी उपाध्याय, प्रो वशिष्ठ त्रिपाठी, प्रो राजाराम शुक्ल, प्रो रामकिशोर त्रिपाठी, प्रो विंधेश्वरी मिश्र ने विचार विमर्श किया। इस बैठक में भूमिपूजन के कर्मकांड के विभिन्न चरणों में पूर्ण किए जाने वाले विधानों पर चर्चा की गई। यह भी तय हुआ कि अयोध्या में भूमि पूजन के उपरांत प्रधानमंत्री जब भी काशी आएंगे, तब उनका अभिनंदन परिषद की ओर से किया जाएगा। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेन्द्र दास जी ने मीडिया को बताया कि अभिजीत मुहूर्त यानी मध्यान्ह काल होता है। एक दिन में 15 मुहूर्त होते हैं। 5 अगस्त को अयोध्या में 5.31 बजे सूर्योदय होगा और शाम 6.41 बजे सूर्यास्त होगा। इसके बीच का समय लगभग 13 घंटा 10 मिनट का होगा, जिसे 15 से भाग करने पर लगभग 53 की संख्या मिलती है। यानी 53 मिनट। शुरू के 7 मुहूर्त और बाद के 7 मुहूर्त को छोड़ दें तो बीच के आठवें मुहूर्त को मध्यान्हकाल कहते हैं। 5 अगस्त को मध्यान्हकाल 11 बजकर 40 मिनट 29 सेकंड से 12.बजकर 33 मिनट 9 सेकंड तक रहेगा। इसी तरह प्रभु श्रीराम का जन्म भी हुआ था। काशी से हम सभी लोग शास्त्रीय मत और जानकारी के रूप में वहाँ मौजूद रहेंगे। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन का विधान तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। प्रथम चरण में सूर्यादि नवग्रह का आह्वान किया जाएगा। दूसरे चरण में इंद्रादि प्रधान देवताओं एवं गंधर्वों का आह्वान होगा। तीसरे चरण में महागणपति पूजन के साथ भूमिपूजन किया जाएगा। इन तीनों चरणों के दौरान वैदिक ब्राह्मणों द्वारा चतुर्वेद पारायण निरंतर होता रहेगा।


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