सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगी प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना : उप मुख्यमंत्री

> योजना के क्रियान्वयन से प्रदेश में उत्पादित कृषि अथवा औद्यानिक उत्पाद का मूल्य संवर्धन होगा : उप मुख्यमंत्री


> योजना का प्रथम वर्ष में व्यय का वहन भारत सरकार द्वारा शत-प्रतिशत किया जाएगा, जिसे आगामी वर्षो में केंद्र एवं राज्यांश 60:40 के अनुपात में समायोजन किया जाएगा : उप मुख्यमंत्री


> उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग इस योजना की बनाई गई है नोडल एजेंसी : उप मुख्यमंत्री



लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास 7 कालिदास मार्ग पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य।  


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के क्रियान्वयन से छोटी इकाइयां नई उड़ान भरेंगी। इस योजना से जहां छोटी इकाइयों की समृद्धि के नए द्वार खुलेंगे वहीं यह योजना सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगी। यही नहीं, इस योजना के क्रियान्वयन से भारी संख्या में कुशल और अकुशल श्रमिकों को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। उप मुख्यमंत्री ने इस योजना के वित्तीय प्रबंधन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि योजना का वित्त पोषण भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा 60:40 के अनुपात में किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन से स्थानीय स्तर पर विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में बृहद रोजगार सृजन होगा तथा प्रदेश में उत्पादित कृषि अथवा औद्यानिक उत्पाद का मूल्य संवर्धन होगा। योजना का प्रथम वर्ष में व्यय चाहे वह राज्य सरकार द्वारा किया गया हो या केंद्र सरकार द्वारा उसका वहन भारत सरकार द्वारा शत-प्रतिशत किया जाएगा। जिसे आगामी वर्षो में केंद्र एवं राज्यांश 60:40 के अनुपात में समायोजन किया जाएगा। कतिपय कार्य जैसे प्रशिक्षण, प्रशासनिक मद, एमआईएस, योजना का प्रचार- प्रसार, भारत सरकार द्वारा नामित संस्थाओं आदि कार्यो पर शत-प्रतिशत व्यय भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। योजना में लिए गए ऋणों पर ऋण गारंटी की सुविधा का लाभ नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी द्वारा किया जाएगा। प्रमुख सचिव खाद्य प्रसंस्करण विभाग बी एल मीणा द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि ऐसी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां जो इस योजना में लाभ प्राप्त करेंगी उन इकाईयो को अन्य योजनाओं जैसे ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण उद्यमिता स्टार्टअप कार्यक्रम, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की ब्याज उपादान योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, नवाचार, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता को बढ़ावा देने वाली भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय की एएसपीआईआरआई योजना, पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए फंड की योजना एसएफयूआरटीआई योजना, एमएसएमई की सार्वजनिक क्रय नीति तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की कोल्ड चेन अथवा बैकवर्ड -फॉरवर्ड लिंकेज अथवा एग्रो क्लस्टर आदि योजनाओं एवं राज्य सरकार द्वारा लागू की जाने वाली अन्य योजनाओं से भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तर प्रदेश इस योजना के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण के लिए नोडल विभाग नामित किया गया है।  उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय इस योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेन्सी तथा निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तर प्रदेश ,नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। उप मुख्यमंत्री श्री मौर्य ने इस योजना के क्रियान्वयन व समितियों के गठन आदि कार्य को शीघ्रातिशीघ्र करते हुए योजना को विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में अमलीजामा पहनाए जाने के निर्देश सभी संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।


Popular posts from this blog

उ प्र सहकारी संग्रह निधि और अमीन तथा अन्य कर्मचारी सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2020 प्रख्यापित

उ0प्र0 सरकारी सेवक (पदोन्नति द्वारा भर्ती के लिए मानदण्ड) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2019 के प्रख्यापन को मंजूरी

कोतवाली में मादा बंदर ने जन्मा बच्चा