अनुपयोगी पीएससी स्लीपरों से हुआ बाउंड्रीवाल का निर्माण

> आगरा - मथुरा खंड में 500 मीटर और प्रयागराज मण्डल ने सूबेदारगंज स्टेशन पर 100 मीटर तक बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया गया।


> उत्तर मध्य रेलवे महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संरक्षा, लोडिंग और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति बढ़ाने के कार्यों की समीक्षा की।


> 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति बढ़ाने के काम की समीक्षा करते हुए महाप्रबंधक ने कहा कि प्रयागराज और आगरा मण्डलों को तकनीकी और अन्य सहायता प्रदान करने के लिए अपर महाप्रबंधक रंजन यादव की अध्यक्षता में मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों की समिति का तुरंत गठन किया जाए।


> महाप्रबंधक श्री चौधरी ने नई ट्रैफिक स्ट्रीम की लोडिंग प्राप्त करने में बीडीयू के काम की सराहना की।



अनुपयोगी पीएससी स्लीपरों का उपयोग करते हुए निर्मित बॉउंड्री वाल के समक्ष खड़े उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारी।


प्रयागराज (मुख्य संवाददाता, उ म रे)। उत्तर मध्य रेलवे ने अनुपयोगी पीएससी स्लीपरों का उपयोग करते हुए ट्रैक के किनारे बाउंड्रीवाल का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया है। उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय ने अनुपयोगी और प्रयोग उपरांत निकले हुए प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट (पी एस सी) स्लीपरों के प्रयोग से रेलवे ट्रैक के किनारे - किनारे बाउंड्रीवाल निर्माण हेतु ड्राइंग जारी की है। इस ड्राइंग के अनुसार कार्य करते हुए; आगरा मंडल ने आगरा - मथुरा खंड में 500 मीटर की बाउंड्रीवाल का निर्माण किया है और 1.5 किलोमीटर के एक और पैच पर काम कर रहा है। इसी क्रम में प्रयागराज मण्डल ने भी सूबेदारगंज स्टेशन पर लगभग 100 मीटर तक बाउंड्रीवाल का निर्माण किया है। 52 किलोग्राम ट्रैक संरचना से 60 किलोग्राम ट्रैक संरचना में उन्नयन कार्य और ट्रैक के नवीनीकरण के दौरान भारी मात्रा में अनुपयोगी पीएससी स्लीपर निकलते है। ये स्लीपर न केवल पटरियों के रखरखाव के के संबंध में अनुपयोगी हैं, बल्कि इनको रखने के लिए ट्रैक के किनारे के बहुमूल्य जगह की भी ज़रूरत होती है।  इसके अतिरिक्त इसके धातुई हिस्से को रिसाइकल करना काफ़ी खर्चीला एवं पर्यावरण के लिए अनुकूल नहीं है। उत्तर मध्य रेलवे द्वारा तैयार की गई योजना के तहत, इन रिलीज किए गए स्लीपरों का उपयोग मजबूत बाउंड्रीवाल बनाने के लिए किया जा सकता है, जो इन अनुपयोगी पीएससी स्लीपरों को रखने एवं रीसाइक्लिंग से संबंधित अन्य समस्याओं को भी हल करता है। इस योजना के बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन से पहले आगरा और प्रयागराज मण्डल में निर्मित बाउंड्रिवाल की इन छोटी - छोटी पट्टियों की लागत, निर्माण के लिए आवश्यक समय सहित सभी मापदंडों पर मूल्यांकन किया जा रहा है। यह उत्तर मध्य रेलवे के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि नई दिल्ली - हावड़ा और नई दिल्ली - मुंबई के मध्य उत्तर मध्य रेलवे द्वारा सेवित किए जाने वाले दोनों मुख्य मार्गों को 160 किमी प्रति घंटे तक की गति पर परिचालन के लिए आवश्यक कार्य स्वीकृत हैं और बाउंड्रीवाल का निर्माण गति बढ़ाने के काम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ट्रैक के किनारे खाली रेलवे भूमि पर सौर संयंत्र स्थापित करने वाली  सोलर पार्क एजेंसी द्वारा पीपीपी योजना के तहत भी बाउंड्रीवॉल का निर्माण सोलर परियोजना में प्रस्तावित है जबकि शेष बाउंड्री वाल का निर्माण रेलवे द्वारा करना होगा। आज 11 अगस्त 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संरक्षा, लोडिंग और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति बढ़ाने के कार्यों की समीक्षा के दौरान महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने बल देकर कहा कि उत्तर मध्य रेलवे द्वारा निर्माण की जाने वाली बाउंड्रीवाल और पीपीपी के माध्यम से निर्माण के लिए प्रस्तावित बाउंड्रीवाल को स्पष्ट रूप से चिन्हित करने की आवश्यकता है। 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति बढ़ाने के काम की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रयागराज और आगरा मण्डलों को तकनीकी और अन्य सहायता प्रदान करने के लिए अपर महाप्रबंधक रंजन यादव की अध्यक्षता में मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों की समिति का तुरंत गठन किया जाए और 2023 - 24 तक पुरी की जाने के लिये लक्षित इस महत्वाकांक्षी परियोजना को पूर्ण करने के लिये इससे सम्बंधित महत्वपूर्ण कार्यों की दैनिक प्रगति की निगरानी की जाए। समीक्षा बैठक के प्रारम्भ में उत्तर मध्य रेलवे में संरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई। महाप्रबंधक श्री चौधरी ने कहा कि माल और यात्री ट्रेनों में परिचालन के दौरान आने वाली कमियों की पहचान करने में ट्रेन पासिंग स्टाफ के सभी प्रयासों को उपयुक्त स्तर पर सम्मानित की जानी चाहिए। ट्रेन परिचालन में संरक्षा में सुधार करने के लिए; उत्तर मध्य रेलवे ने विभिन्न संरक्षा अभियानों के अंतर्गत ट्रैक के बगल के विभिन्न इंस्टालेशनों की रनिंग ट्रैक से ऊंचाई तथा दूरी की जांच हेतु एक संरक्षा ड्राइव चलाई है जिससे वैगनों के खुले दरवाजों आदि से टकराने की किसी भी संभावना को समाप्त किया जा सके। माल लदान प्रदर्शन की समीक्षा के दौरान, महाप्रबंधक श्री चौधरी ने नई ट्रैफिक स्ट्रीम की लोडिंग प्राप्त करने में बीडीयू के काम की सराहना की और निर्देश दिया कि स्टेशन से स्टेशन रियायती दरों सहित अतिरिक्त लोड को हासिल करने के सभी प्रस्तावों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर मंजूरी दी जानी चाहिए। उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय और डिवीजनों में गठित की गई व्यावसायिक विकास इकाइयों (बीडीयू) को निर्देशित किया गया है कि वे उत्तर मध्य रेलवे की लोडिंग मात्रा को दोगुना करने के लिए अब तक किए गए कार्यों और भविष्य के रोड मैप को निर्धारित करें ताकि भारतीय रेल द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2024 मिलियन टन की लोडिंग प्राप्त करने में उत्तर मध्य रेलवे समग्र सहयोग प्रदान कर सके।


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