चेतन चौहान के निधन से समाज, सरकार व खेल के क्षेत्र की अपूरणीय क्षति हुई : मुख्यमंत्री

> मुख्यमंत्री ने सैनिक कल्याण, होमगार्ड्स, प्रांतीय रक्षक दल, नागरिक सुरक्षा मंत्री चेतन चौहान के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।


> श्री चौहान ने एक मंत्री के रूप में अपने विभागीय दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया : मुख्यमंत्री



मुख्यमंत्री बोले श्री चेतन चौहान जितने लोकप्रिय खिलाड़ी थे, उतने ही लोकप्रिय जन नेता भी थे। मैंने उनके परिवार के सदस्यों से अभी बात की है। कल चेतन चौहान जी का अंतिम संस्कार होगा। अभी 7 बजे हमारी आकस्मिक कैबिनेट बैठक होगी।


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सैनिक कल्याण, होमगार्ड्स, प्रांतीय रक्षक दल, नागरिक सुरक्षा मंत्री चेतन चौहान के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना भी प्रकट की है। रविवार 16 अगस्त को जारी एक शोक संदेश में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक मंत्री के रूप में उन्होंने अपने विभागीय दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। वह एक लोकप्रिय जनप्रतिनिधि थे। प्रदेश विधान सभा के लिए वे अमरोहा जिले के नौगांवा सादात विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। वे 02 बार लोकसभा सदस्य भी रहे हैं। श्री चौहान ने जन आकांक्षाओं का सदैव सम्मान रखा। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्री चौहान एक लोकप्रिय क्रिकेट खिलाड़ी भी थे। भारतीय क्रिकेट टीम के लिए उन्होंने 40 टेस्ट मैच खेले। वह सलामी बल्लेबाज थे। उन्होंने वर्ष 1969 में न्यूजीलैण्ड के विरुद्ध टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया। उन्होंने अपना अन्तिम टेस्ट वर्ष 1981 में पाकिस्तान के विरुद्ध खेला। क्रिकेट के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। श्री चौहान के निधन से समाज, सरकार व खेल के क्षेत्र की अपूरणीय क्षति हुई है। ज्ञातव्य है कि रविवार 16 अगस्त को सायं लगभग 05 बजे उनकी मृत्यु मेदान्ता अस्पताल, गुरुग्राम में इलाज कराने दौरान हुई। पूर्व क्रिकेटर और उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान (73) पिछले महीने कोरोना संक्रमित हुए थे। कोरोना के लक्षण मिलने पर कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान का लखनऊ में कोरोना टेस्ट कराया गया था। 11 जुलाई को आई रिपोर्ट में कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद उन्हें पीजीआई लखनऊ में भर्ती कराया गया था। दो दिन बाद ही उन्हें मेदांता हास्पिटल गुड़गांव में शिफ्ट कर दिया गया। जहां उनका इलाज चल रहा था। दो दिन पहले उनकी अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। दोनों किडनी में इन्फेक्शन बताया गया। उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट दी गई थी। शनिवार रात डायलिसिस के बाद वह होश में आए गए थे लेकिन रविवार शाम उनकी सांसें थम गईं। कोरोना की चपेट में आने से पहले उन्हें कोई बीमारी नहीं थी। 


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