नाबार्ड के चेयरमैन ने मुख्य सचिव को उ प्र के विकास के लिए नाबार्ड द्वारा किये जा रहे कार्यों की दी जानकारी

> एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फण्ड के तहत भारत सरकार द्वारा प्रदेश को 1283 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसमें कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किसानों को नाबार्ड द्वारा ऋण सब्सिडी उपलब्ध करायी जायेगी : नाबार्ड के अध्यक्ष


> भारत सरकार द्वारा फिशरी एण्ड एक्वाकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट फण्ड की स्थापना की जा रही है जिसमें राज्य सरकारों को नाबार्ड के माध्यम से धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी : नाबार्ड के अध्यक्ष


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी से राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष जी आर चिंतला ने भेंट की। इस अवसर पर राज्य में आर्थिक गतिविधियों में गति लाने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा घोषित आत्मनिर्भर पैकेज के क्रियान्वयन और अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई। नाबार्ड के अध्यक्ष ने कहा कि किसान और कृषि को आगे बढ़ाने के लिये प्रदेश में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को बढ़ावा दिया जाये। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फण्ड के तहत भारत सरकार द्वारा प्रदेश को 1283 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसमें कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किसानों को नाबार्ड द्वारा ऋण सब्सिडी भी उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोआपरेटिव बैंक एवं एसएलबीसी द्वारा पात्र किसानों को अधिक से अधिक ऋण उपलब्ध कराकर योजना से लाभान्वित कराया जाये। यह भी बताया कि नाबार्ड द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर एक हजार करोड़ रुपये की क्रेडिट गारण्टी फण्ड की स्थापना की जा रही है, जिसका उपयोग किसानों को ऋण उपलब्ध कराने हेतु क्रेडिट गारण्टी के रूप में किया जायेगा। इसकी स्थापना आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई है। प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसाइटी (पैक्ट्स) को स्टेट कोआपरेटिव बैंक के माध्यम से नाबार्ड द्वारा एक प्रतिशत पर ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। इसके तहत लगभग 244 पैक्ट्स को ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार द्वारा मत्स्य पालकों एवं दुग्ध उत्पादकों को भी क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराये जाने की योजना है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा नाबार्ड के अन्तर्गत एनिमल हसबैण्ड्री इन्फ्रा फण्ड की स्थापना की गयी है और इसमें क्रेडिट गारण्टी नाबार्ड के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराये जाने के साथ-साथ ऋण की दर पर तीन प्रतिशत की छूट भी उपलब्ध कराएगी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा फिशरी एण्ड एक्वाकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट फण्ड की स्थापना की जा रही है जिसमें राज्य सरकारों को नाबार्ड के माध्यम से धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी। इसके अन्तर्गत भारत सरकार एवं नाबार्ड व राज्य सरकार के मध्य एमओए हस्ताक्षरित होना है। डेयरी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट फण्ड पर चर्चा करते हुए यह बताया गया कि स्टेट लेवल रिव्यू एण्ड स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया जा चुका है। एग्रीकल्चरल मार्केटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड के अन्तर्गत ई-नाम पोर्टल को प्रमोट किये जाने पर जोर दिया जायेगा और रूरल हाट आधुनिकृत करते हुये प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, स्टैण्डर्डाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। यह फसल का पोस्ट हार्वेस्टिंग मैनेजमेंट होगा, जिसमें एग्रीकल्चरल मार्केटिंग इफ्रास्ट्रक्चर फण्ड के माध्यम से अवस्थापना सुविधायें उपलब्ध करायी जायेंगी। आरआईडीएफ के अन्तर्गत ब्याज की दर 8 प्रतिशत से घटकर रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फण्ड की उपलब्धता 2.75 प्रतिशत पर है। इसके लिये भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार 1700 करोड़ रुपये की परियोजनायें स्वीकृति करने की सहमति प्रदान की गई है और संवितरण करने के लिये 2000 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। अपर मुख्य सचिव सिंचाई टी वेंकटेश एवं प्रमुख सचिव लोक निर्माण नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि नाबार्ड के द्वारा न्यूनतम दर पर उपलब्ध कराये जा रहे ऋण के माध्यम से प्रदेश में सुगम यातायात हेतु अधिक से अधिक सड़कों एवं पुलों का निर्माण तथा बाढ़ से बचाव हेतु डैम एवं कैनाल का निर्माण कराया जा रहा है और आने वाले समय में फण्ड का पूरी तरह से उपयोग किया जायेगा। बैठक में सहमति व्यक्त की गई कि रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फण्ड के अन्तर्गत 1800 करोड़ रुपये की परियोजनायें लोक निर्माण विभाग नाबार्ड में प्रस्तुत करेगा, जिसमें 10 आरओबी 455 करोड़ रुपये की, 6600 राजकीय नलकूपों 283 करोड़ रूपये से सिंचाई विभाग द्वारा नाबार्ड में संस्तुति हेतु भेजी जायेगी। नाबार्ड के मुख्य प्रबंधक शंकर ए पाण्डेय द्वारा बताया गया कि 6600 राजकीय नलकूपों का सेकेण्ड स्टेज में सोलराइजेशन भी कराया जायेगा, जिससे कि बिजली में होने वाले व्यय में कमी आयेगी और अतिरिक्त बिजली को ग्रिड को भी दिया जा सकेगा। इससे कार्बन क्रेडिट का भी लाभ मिलेगा। लांग टर्म इरीगेशन फण्ड पर चर्चा करते हुये मुख्य सचिव ने निर्देश दिये गये कि 1800 करोड़ रुपये का फण्ड का सदुपयोग करते हुये मध्य गंगा की परियोजनाओं में तेजी लायी जाये। जनपद सोनभद्र की कनहर डैम की परियोजना में भी तेजी लाने के निर्देश दिये गये। बैठक में बताया कि विगत वर्ष में नाबार्ड के द्वारा वेयर हाउस इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड से लगभग 150 करोड़ रुपये यू पी स्टेट वेयर हाउसिंग कारर्पोरेशन को दिये गये हैं। पैक्ट्स का री-स्ट्रक्चर कर जल्द से जल्द पैक्ट्स के कम्प्यूटराइजेशन पर भी चर्चा की गई।


Popular posts from this blog

उ प्र सहकारी संग्रह निधि और अमीन तथा अन्य कर्मचारी सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2020 प्रख्यापित

उ0प्र0 सरकारी सेवक (पदोन्नति द्वारा भर्ती के लिए मानदण्ड) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2019 के प्रख्यापन को मंजूरी

कोतवाली में मादा बंदर ने जन्मा बच्चा