निवेश की दृष्टि से डिफेंस एक्सपो-2020 महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ : मुख्यमंत्री

> आत्मनिर्भर भारत के विजन को मूर्त रूप देने में नवाचार व स्वदेशीकरण की है बड़ी भूमिका : राजनाथ सिंह


> भारतीय नौसेना एवं 'उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वेज़ इण्डस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी' के मध्य एमओयू हस्ताक्षरित।


> प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप भारतीय नौसेना एक नेशनल इनोवेशन एंड इण्डिजिनाइजेशन आर्गेनाइजेशन) को औपचारिक बनाने की प्रक्रिया में है, इस योजना में नेवल टेक्नोलॉजी अक्सेलरेशन कौंसिल के वाईस चीफ ऑफ़ नेवल स्टाफ और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट अक्सेलरेशन सेल के वाईस चीफ की अध्यक्षता में नेवल टेक्नोलॉजी अक्सेलरेशन कौंसिल की स्थापना शामिल है।


> नेवल टेक्नोलॉजी एक्सिलरेशन काउंसिल (N-TAC) का हुआ लोकार्पण और N-TAC एवं UPEIDA के मध्य एमओयू हस्ताक्षरित।


> भारतीय नौसेना की पुस्तक 'स्वावलम्बन' का विमोचन।


> भारतीय रक्षा उद्योग में तेजी से बदलाव वर्तमान समय की आवश्यकता है, मेक इन इण्डिया विजन के अन्तर्गत स्वदेशी उत्पादन पर ध्यान देना होगा : रक्षा मंत्री


> डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के अन्तर्गत भूमि का अधिग्रहण कर अलीगढ़ में निवेशकों को सम्पूर्ण भूमि आवंटित कर दी गयी है :  मुख्यमंत्री


> रक्षा मंत्री ने प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर के निर्माण को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त किया।



उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी 13 अगस्त 2020 को नेवल टेक्नोलॉजी एक्सिलरेशन काउंसिल (N-TAC) के लोकार्पण एवं N-TAC एवं UPEIDA के मध्य MoU हस्ताक्षर कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए। (फोटो : एएनआई)


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने गुरुवार 13 अगस्त 2020 को 'नेवल इनोवेशन एण्ड इण्डिजिनाइजेशन ऑर्गेनाइजेशन' के शुभारम्भ तथा भारतीय नौसेना एवं यूपीडा के बीच एमओयू पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि 'नेवल इनोवेशन एण्ड इण्डिजिनाइजेशन ऑर्गेनाइजेशन' की स्थापना से भारतीय सेना में नवाचार व स्वदेशीकरण को बढ़ावा मिलेगा तथा शैक्षिक समुदाय एवं उद्योग के मध्य बेहतर समन्वय बनेगा। कार्यक्रम में डिजिटल माध्यम से रक्षा मंत्री, भारत सरकार  राजनाथ सिंह भी सम्मिलित हुए। इस अवसर पर भारतीय नौसेना एवं 'उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वेज़ इण्डस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी' (यूपीडा) के मध्य एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। यूपीडा की ओर से एमओयू पर यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने हस्ताक्षर किये। इसके अलावा, भारतीय नौसेना द्वारा रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी, गुजरात, मेकर विलेज, कोच्चि तथा एसआईडीएम, नई दिल्ली के साथ भी एमओयू किया गया। कार्यक्रम के दौरान भारतीय नौसेना की पुस्तक 'स्वावलम्बन' का विमोचन भी किया गया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय नौसेना व यूपीडा के बीच एमओयू से भारतीय नौसेना प्रदेश के डिफेंस कॉरिडोर में स्थापित होने वाले 'सेण्टर ऑफ एक्सिलेंस' के सहयोग से अपनी समस्याओं का समाधान तलाश सकेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 'आत्मनिर्भर भारत' के अपने विजन में नवाचार और स्वदेशीकरण पर बल दिया है। केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा रक्षा उद्योग से जुड़ी 101 वस्तुओं के भारत में निर्माण का निर्णय लिया गया है। इससे आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना साकार होगी। यह उत्तर प्रदेश के डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस निर्णय से स्वदेशीकरण के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। साथ ही, देश का रक्षा उद्योग, भारतीय सशस्त्र बलों की जरूरतों के अनुरूप तैयार हो सकेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग में तेजी से बदलाव वर्तमान समय की आवश्यकता है। इसके लिए प्रधानमंत्री जी के 'मेक इन इण्डिया' विजन के अन्तर्गत स्वदेशी उत्पादन पर ध्यान देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश एक सम्भावनाशील राज्य है। प्रधानमंत्री जी द्वारा फरवरी, 2018 में यूपी इन्वेस्टर्स समिट के शुभारम्भ के अवसर पर उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की घोषणा की गयी थी। यह एक ग्रीनफील्ड परियोजना है। राज्य सरकार द्वारा इस कॉरिडोर के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके तहत, उत्पादन की प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन एवं छूट के प्राविधान किये गये हैं। सिंगल विण्डो की प्रक्रिया में रक्षा एवं एयरोस्पेस इकाइयों को भी सम्मिलित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के अन्तर्गत अलीगढ़, कानपुर, झांसी तथा चित्रकूट जनपदों में 1289 हेक्टेयर से भी अधिक भूमि का अधिग्रहण किया गया है। अलीगढ़ में निवेशकों को सम्पूर्ण भूमि आवंटित कर दी गयी है। यूपीडा द्वारा आईआईटी कानपुर एवं बीएचयू के सहयोग से ‘सेण्टर ऑफ एक्सिलेंस' की स्थापना की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी, 2020 में प्रदेश की राजधानी में इण्टरनेशनल डिफेंस एक्जीबिशन के 11वें संस्करण का सफल आयोजन किया गया। यह संस्करण अब तक आयोजित एक्जीबिशन्स में सबसे बड़ा था। निवेश की दृष्टि से भी 'डिफेंस एक्सपो-2020' महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ। इस दौरान उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर में 23 निवेशक कम्पनियों के साथ एमओयू किया गया। इससे कॉरिडोर में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश सम्भावित है। यह प्रदेश में औद्योगिक विकास तथा रोजगार सृजन की दिशा में एक बड़ा कदम है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने आपदा को अवसर में बदलकर देश को आत्मनिर्भर बनाने का विजन प्रस्तुत किया। इस विजन को मूर्त रूप देने में नवाचार व स्वदेशीकरण की बड़ी भूमिका है। भारतीय सेना में स्वदेशीकरण लगातार बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए सम्मिलित प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। भारतीय नौसेना इस दिशा में कार्य कर रही है। इसके लिए नौसेना द्वारा राज्य सरकारों तथा निजी संस्थाओं के साथ सहयोग का आधार तैयार किया जा रहा है। रक्षा मंत्री जी ने प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर के निर्माण को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त किया। इसके लिए उन्होंने यूपीडा की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने नौसेना के साथ एमओयू करने वाले साझेदारों को शुभकामनाएं देते हुए सफलता मिलने तक सभी को मिलकर लगातार तेजी से कार्य करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। कार्यक्रम को वाइस एडमिरल जी अशोक कुमार तथा एसआईडीएम के प्रेसिडेंट बाबा कल्याणी ने भी डिजिटल माध्यम से सम्बोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन एवं अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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