फिक्की फ्लो जैसे हितधारकों के सहयोग से, अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से पुनर्जीवित होगी : नितिन गडकरी

> केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने फिक्की फ्लो कानपुर चैप्टर की वर्चुअल राउंड टेबल चर्चा में प्रतिभाग किया।

 

> सरकार महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है : नितिन गडकरी

 

> व्यापार में महिलाओं की भागीदारी को हाल ही में विश्व स्तर पर मान्यता मिली : जान्हवी फूकन

 


केंद्रीय मंत्री श्री  नितिन गडकरी शनिवार 8 अगस्त 2020 को सिस्को वेबेक्स ऐप के माध्यम से फिक्की फ्लो कानपुर चैप्टर की अध्यक्ष डॉ आरती गुप्ता से संवाद करते हुए।  (फोटो : फिक्की फ्लो कानपुर)

 

कानपुर (का उ सम्पादन)। आज एमएसएमई, वित्तीय संस्थानों के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय है क्योंकि हम न केवल महामारी से लड़ रहे हैं, बल्कि एक आर्थिक युद्ध भी लड़ रहे हैं। इस महामारी ने काम करने के तरीकों को बदल दिया है और संसाधनों में लघु उद्योग अच्छा काम कर रहे हैं। हालांकि खुद को स्थापित करने में इन्हें बहुत परेशानियां आ रही हैं फिर भी अपनी क्षमता और दक्षता के दम पर ये टिके हुए हैं। आज अब और अभी इससे बढ़कर काम करने की आवश्यकता है। देश में बनने वाले उत्पादों को देश में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचाने और उद्योगों को स्थापित करने के लिए शोध व तकनीक के क्षेत्र में भी कार्य होना चाहिए। उक्त उदगार भारत सरकार के एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने फिक्की फ्लो कानपुर चैप्टर की वर्चुअल राउंड टेबल चर्चा में की। उन्होंने आगे कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और फिक्की फ्लो जैसे हितधारकों के सहयोग से, अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से पुनर्जीवित होगी। श्री गडकरी ने कहा कि ग्राम उद्योग का वर्तमान कारोबार 88,000 करोड़ है और हमारी मौजूदा प्राथमिकता गुणवत्ता से समझौता किए बिना रसद, बिजली और श्रम लागत को कम करते हुए ग्रामीण, कृषि, आदिवासी और 115 आकांक्षी जिलों जैसे उद्योगों का विकास है। श्री गडकरी ने एमएसएमई की सफलता के लिए प्रमुख घटक के रूप में अग्रिम प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के साथ अनुसंधान और उत्पाद विकास की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में एमएसएमई का वर्तमान योगदान 11 करोड़ से ज्यादा है। रोजगार सृजित करते हुए निर्यात की ओर 30% और 48% है। उद्यमियों का यह योगदान गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने में मदद कर रहा है। सरकार महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है: सामान्य वर्ग के लिए, ग्रामीण क्षेत्र में 25% और शहरी क्षेत्र के लिए 15% तक। विशेष श्रेणी के लिए, ग्रामीण क्षेत्र में 35% और शहरी क्षेत्र में 25% तक। साथ ही, 30% से अधिक महिलाओं के नेतृत्व वाले सूक्ष्म उद्यमों को हर साल सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में बहुत अधिक संभावनाएं हैं और उन्हें इन योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फिक्की फ्लो की राष्ट्रीय अध्यक्ष जान्हवी फूकन ने कहा कि व्यापार में महिलाओं की भागीदारी को हाल ही में विश्व स्तर पर मान्यता मिली है। महिलाएं राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जान्हवी फूकन ने आगे बताया कि इस वर्ष हमारा मिशन महिलाओं के आर्थिक उत्थान के लिए सतत आजीविका की दिशा में काम करना है। जान्हवी ने कहा कि एमएसएमई के साथ हाथ मिलाने और ऐसी महिला उद्यमियों के लिए सक्षम वातावरण बनाने की दिशा में काम करने का विशेषाधिकार होगा। फ्लो ने पहले से ही एक आभासी मंच पर हस्तकला और हथकरघा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं। हम उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए एक आभासी प्रदर्शनी का आयोजन कर रहे हैं और उन्हें विश्व स्तर पर विकसित करने का अवसर प्रदान करते हैं। इस सत्र का संचालन फिक्की फ्लो कानपुर चैप्टर की अध्यक्ष डॉ आरती गुप्ता ने किया। इस कार्यक्रम में देश के सभी 17 चैप्टर ने भाग लिया और लगभग सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने गडकरी जी से प्रश्न भी किए। जिनका जवाब उन्होंने बारी-बारी से दिया।

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