प्रदेश के 17 जनपदों के 666 गांवों बाढ़ से प्रभावित : अनिल राजभर

> उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर ने लोकभवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित किया।


> बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राहत पहुंचाने हेतु लगाई गई नौकाएं कहीं से भी क्षतिग्रस्त न हों और नौवहन के लिए पूर्णतया सुरक्षित हों : अनिल राजभर


> मऊ की तहसील मधुबन के ग्राम गजियापुर में बंधे के कटान से लगभग 5,000 परिवार प्रभावित हैं जिसमें से 03 ग्रामों के पानी से घिरे 20 परिवारों को बाहर निकाला गया है : अनिल राजभर


> प्रदेश के प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पीएसी की कुल 16 टीमें तैनाती की गयी हैं : अनिल राजभर


> अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 16,705 खाद्यान्न किट व 1,32,261 मी0 तिरपाल का वितरण किया जा चुका है : अनिल राजभर



उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर गुरुवार 6 अगस्त 2020 को लोकभवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए।  (फोटो : धर्मवीर खरे)


लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर ने गुरुवार 6 अगस्त 2020 को लोकभवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा बाढ़ राहत कार्यों की गहन समीक्षा की गयी तथा जिला अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि तटबंधों की निरंतर पेट्रोलिंग कराया जाना सुनिश्चित करें ताकि बांधों पर कटान की स्थिति पर सतत् निगरानी रहे। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राहत पहुंचाने हेतु लगाई गई नौकाओं के सबंध में जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि नौकाएं कहीं से भी क्षतिग्रस्त न हों और नौवहन के लिए पूर्णतया सुरक्षित हों। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि नौका परिचालन के समय उसकी क्षमता से अधिक व्यक्ति व सामान का वहन उससे न किया जा रहा हो तथा नौकाओं का परिचालन अनुभवी नाविकाओं से कराया जाना सुनिश्चित करें, उन्होंने बताया कि जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि प्रदूषित जनजनित व वेक्टर (मक्खी, मच्छर) जनित रोगों की रोकथाम हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाए एवं इन रोगों के उपचार हेतु समुचित औषधियों का पर्याप्त स्टाॅक तथा पशुओं के आहार हेतु चारा-भूसा आदि की पर्याप्त व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। श्री राजभर ने बताया कि जनपद गोरखपुर में राप्ती नदी के बांये तट पर किमी 16.500 के पास सीपेज हो रहा है। तटबंध पर मिट्टी भरी बोरियें एवं फिल्टर का उपयोग कर सीपेज को नियंत्रित किया जा रहा है। तटबंध की सतत् निगरानी की जा रही है। मऊ जनपद की तहसील मधुबन के ग्राम गजियापुर में दिनांक 05.08.2020 को विद्युत पोल गिर जाने से बंधे पर कटाव हो गया, जिसे तत्काल बन्द कराया गया। अब तक 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। बंधे के कटान से लगभग 5,000 परिवार प्रभावित हैं। 03 ग्रामों के पानी से घिरे 20 परिवारों को बाहर निकाला गया है। सतत् निगरानी की जा रही है। श्री राजभर ने बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश के वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित हैं। प्रदेश में बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पीएसी की कुल 16 टीमें तैनाती की गयी हैं। 983 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी हैं। बाढ़ / अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके हैं। श्री राजभर ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 05 किलो लाई, 02 किलो भुना चना, 02 किलो अरहर की दाल, 500 ग्रा नमक, 250 ग्रा हल्दी, 250 ग्रा मिर्च, 250 ग्रा धनिया, 05 ली केरोसिन, 01 पैकेट मोमबत्ती, 01 पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, 01 ली रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं 02 नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 16,705 खाद्यान्न किट व 1,32,261 मी0 तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 249 मेडिकल टीम लगायी गयी हैं।
श्री राजभर ने बताया कि बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 219 बाढ़ शरणालय, और 02 जनपदों में 24 शरणालयों में 3864 व्यक्ति रह रहे हैं तथा 712 बाढ़ चैकी स्थापित की गयी हैं। वर्तमान में प्रदेश के 17 जनपद (अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज तथा सीतापुर) के 666 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला लखीमपुरखीरी, सरयू नदी, तुर्तीपार बलिया राप्ती नदी बर्डघाट गोरखपुर, सरयू (घाघरा) नदी-एल्गिनब्रिज बाराबंकी और अयोध्या में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 148 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 5,90,503 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 556.3 कंुतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।


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