प्रदेश के 28 जनपदों में आज से प्रारम्भ हो रहा है राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम

> कार्यक्रम के तहत खुरपका-मुँहपका रोग का टीकाकरण अभियान चलेगा।


> टीकाकरण कार्यक्रम में किसी भी स्तर पर वैक्सीन के रख-रखाव में कोल्ड चेन न टूटने पाये: प्रमुख सचिव,  भुवनेश कुमार



लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत प्रदेश में सीमांचल के 28 जनपदों में खुरपका-मुंहपका रोग का टीकाकरण अभियान आज दिनांक 18.08.2020 से पशुपालन विभाग द्वारा प्रारम्भ किया जा रहा है। इसके प्रथम चरण में प्रदेश के 1,92,70,908 पशुओं (गोवंशीय एवं महिषवंशीय) को टीका पशुपालक के द्वार पर निःशुल्क लगाया जायेगा। टीका लगवाने हेतु पशु के कान में छल्ला लगवाना अनिवार्य है। प्रदेश में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के शुभारम्भ की तैयारी सम्बन्धी बैठक आज प्रात: 11:00 बजे गूगल मीट पर पशुपालन विभाग, उ प्र के प्रमुख सचिव, पशुधन उ प्र शासन भुवनेश कुमार द्वारा की गयी। बैठक में प्रमुख सचिव, द्वारा 28 जनपदों के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी तथा जनपदीय नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत जारी की गयी गाइडलाईन का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम एक राष्ट्रीय महत्ता का कार्यक्रम है, इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न करते हुए पूरी निष्ठा व लगन से इस कार्यक्रम को सफल बनाया जाये। बैठक में प्रदेश के सीमांचल के 28 जनपदों आगरा, अलीगढ़, औरैया, बलिया, बांदा, भदोही, चन्दौली, चित्रकूट, देवरिया, इटावा, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गाजीपुर, गोरखपुर, हमीरपुर, हाथरस, जालौन, झांसी, कौषाम्बी, कुषीनगर, ललितपुर, महोबा, मथुरा, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, सोनभद्र एवं वाराणसी के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी तथा शासन द्वारा नामित जनपदीय नोडल अधिकारियों एवं मुख्यालय के अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम का उद्घाटन मा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा दिनांक 11 सितम्बर, 2019 को पण्डित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान, संस्थान, मथुरा में किया गया था। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम अन्तर्गत सम्पूर्ण भारत वर्ष के 100 प्रतिशत पशुओं का खुरपका-मुँहपका एवं ब्रूसेल्लोसिस रोग का टीकाकरण किया जाना है।


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