प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे विश्व के सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के परिणामों की घोषणा
> इस अवसर पर स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के परिणाम डैशबोर्ड का भी होगा शुभारंभ।
> प्रधानमंत्री देश के विभिन्न हिस्सों से स्वच्छ भारत मिशन - शहरी के तहत चुनिंदा लाभार्थियों, स्वच्छाग्रहियों और सफाई कर्मियों के साथ बातचीत भी करेंगे।
पहला डिजिटल सर्वेक्षण था स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 ....
स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में 4,237 शहरों को शामिल किया गया और 28 दिनों के रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया ।
>>> स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के तहत -
>>> कचरा बीनने वाले 84,000 से अधिक अनौपचारिक लोगों को मुख्यधारा में शामिल किया गया।
>>> कचरा के आसान केंद्र बन चुकी 21,000 से अधिक जगहों की पहचान की गई और उनका कायापलट किया गया।
>>> सरकार ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में शहरों के असल प्रदर्शन के निरंतर मूल्यांकन और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण लीग की शुरूआत की जिसमें तीन तिमाहियों में शहरों और कस्बों का एक चौथाई स्वच्छता मूल्यांकन किया गया, जिसमें 25 प्रतिशत हिस्सा इस वर्ष के लिए अंतिम स्वच्छ सर्वेक्षण परिणाम में शामिल किया गया।
>>> स्वच्छता प्रोटोकॉल के अनुसार 4,324 शहरी अर्बन लोकल बॉडीज को खुले में शौच से मुक्त यानी ओडीएफ, ओडीएफ+ और ओडीएफ++ के रूप में प्रमाणित किया गया है ....
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 66 लाख से अधिक व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों और 6 लाख से अधिक सामुदायिक अथवा सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण से ही ये संभव हो सका है।
नई दिल्ली (पी आई बी)। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के परिणामों की घोषणा गुरुवार, 20 अगस्त,2020 की सुबह 11 बजे करेंगे। यह देश के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण का पांचवां संस्करण है। ‘स्वच्छ महोत्सव’ के नाम से आयोजित कार्यक्रम में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहरों और राज्यों को कुल 129 पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए देश के विभिन्न हिस्सों से स्वच्छ भारत मिशन - शहरी के तहत चुनिंदा लाभार्थियों, स्वच्छाग्रहियों और सफाई कर्मियों के साथ बातचीत भी करेंगे। प्रधानमंत्री इस अवसर पर स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के परिणाम डैशबोर्ड का शुभारंभ करेंगे। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 विश्व का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण है,जिसमें कुल 4,242 शहरों, 62 छावनी बोर्डों और 92 गंगा तटीय शहरों की रैंकिंग की गई है। इस सर्वेक्षण में 1.87 करोड़ नागरिकों की अभूतपूर्व भागीदारी दर्ज की गई है। इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। सरकार द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण की शुरूआत इस मिशन में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई थी। इसके साथ ही इसका उद्देश्य भारत के सबसे स्वच्छ शहर बनने की दिशा में शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करना भी है। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने जनवरी 2016 में 73 बड़े शहरों की रेटिंग के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण 2016 कराया था। इसके बाद 434 शहरों की रैंकिंग के लिए जनवरी - फरवरी 2017 में स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 कराया गया था। स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में 4,203 शहरों की रैंकिंग की गई थी। इसके बाद स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 कराया गया। जिसमें न केवल 4,237 शहरों को शामिल किया गया, बल्कि 28 दिनों के रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया यह पहला डिजिटल सर्वेक्षण भी था। सरकार ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में शहरों के असल प्रदर्शन के निरंतर मूल्यांकन और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण लीग की शुरूआत की जिसमें तीन तिमाहियों में शहरों और कस्बों का एक चौथाई स्वच्छता मूल्यांकन किया गया, जिसमें 25 प्रतिशत हिस्सा इस वर्ष के लिए अंतिम स्वच्छ सर्वेक्षण परिणाम में शामिल किया गया। स्वच्छ सर्वेक्षण में देश के नागरिकों और हितधारकों की कल्पना को समान रूप से समझा गया है। हर अगले साल इस स्वच्छ सर्वेक्षण में नागरिकों की बढ़ती भागीदारी इस बात का सबूत है कि किस तरह से आम लोगों ने अपने शहरों की स्वछता को पूरी तरह अपने हाथों में ले लिया है। स्वच्छ सर्वेक्षण ने आज ‘स्वच्छता’ को लोगों के लिए प्रेरणा और गौरव की चीज बना दिया है – कुछ ऐसा जिसके लिए आगे सोचने और बढ़कर कुछ करने की आकांक्षा हो। सर्वेक्षण के पहले संस्करण में मैसूरु शहर भारत के सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार जीता था, वहीं इंदौर ने लगातार तीन वर्षों (2017,2018,2019) के लिए शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। 20 अगस्त, 2020 को घोषित किए जाने वाले परिणाम स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के संस्करण के बहुप्रतीक्षित नतीजों पर से पर्दा हटाएंगे जो मौजूदा कोविड महामारी के कारण रुका हुआ था। महज 28 दिनों में संपन्न होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 की कई विशेषताएं हैं जिनमें से कुछ प्रमुख बातें हैं कि 1.7 करोड़ नागरिकों ने स्वछता ऐप पर पंजीकरण किया। सोशल मीडिया पर 11 करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखे। समाज कल्याण योजनाओं से 5.5 लाख से अधिक स्वच्छता कार्यकर्ता जुड़े और कचरा बीनने वाले 84,000 से अधिक अनौपचारिक लोगों को मुख्यधारा में शामिल किया गया। कचरा के आसान केंद्र बन चुकी 21,000 से अधिक जगहों की पहचान की गई और उनका कायापलट किया गया। इस आयोजन की एक अन्य विशेषता स्वच्छ भारत मिशन-शहरी की यात्रा में आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सहयोगी संगठनों को एक साथ लाना और उन्हें सम्मानित करना होगा, जिसमें यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, गूगल आदि शामिल हैं। वर्ष 2014 में अपनी शुरुआत के बाद से स्वच्छ भारत मिशन-शहरी ने स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के स्वच्छता प्रोटोकॉल के अनुसार 4,324 शहरी अर्बन लोकल बॉडीज को खुले में शौच से मुक्त यानी ओडीएफ, 1,319 शहरों को ओडीएफ+ और 489 शहरों को ओडीएफ++ के रूप में प्रमाणित किया गया है। यह 66 लाख से अधिक व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों और 6 लाख से अधिक सामुदायिक अथवा सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से संभव हो सका है। जो मिशन के तय लक्ष्यों से अधिक है। इसके अतिरिक्त, 2900+ शहरों में 59,900 से अधिक शौचालयों को गूगल मानचित्र पर लाइव किया गया है। ठोस कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में 96% वार्डों में घर-घर जाकर कचरा संग्रह किया जाता है जबकि जमा किए गए कुल कचरे के 66% हिस्सा का प्रसंस्करण किया जा रहा है जो 2014 के 18% प्रसंस्करण के स्तर से लगभग 4 गुना अधिक है। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के कचरा से मुक्त शहरों के लिए स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल के अनुसार कुल 6 शहरों (इंदौर,अंबिकापुर, नवी मुंबई, सूरत, राजकोट और मैसूरु) को 5 - स्टार शहरों, 86 शहरों को 3-स्टार और 64 शहरों को 1-स्टार शहर के रूप में दर्जा दिया गया है। गुरुवार, 20 अगस्त, 2020 को स्वच्छ महोत्सव कार्यक्रम में स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 सर्वे रिपोर्ट के साथ-साथ स्वच्छ सर्वेक्षण नवाचार और सर्वश्रेष्ठ अभ्यास, स्वच्छ सर्वेक्षण सोशल मीडिया रिपोर्ट और गंगा किनारे बसे शहरों के आकलन पर रिपोर्ट भी जारी की जाएगी। इस कार्यक्रम में आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा के साथ ही कई महापौर, राज्य मिशन निदेशक, नगर आयुक्त, शहरी क्षेत्र में सफाई और कचरा प्रबंधन क्षेत्र के अन्य हितधारक भी भाग लेंगे।